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संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को चढ़ाएं इतने लड्डू, फिर देखे चमत्कार - Sankashti Chaturthi

Chaturthi Date Of Krishna Paksha संकट से मुक्ति, अटके काम पूरा करने और संतान की लंबी उम्र के लिए संकष्टी चतुर्थी पर गणेश भगवान की विधि विधान से पूजा करें और उन्हें उनके प्रिय लड्डुओं का भोग चढ़ाएं. Sankashti Chaturthi 26th May, laddus to Lord Ganesha

Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 25, 2024, 6:31 AM IST

Updated : May 26, 2024, 7:26 AM IST

संकष्टी चतुर्थी (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: साल 2024 में 26 मई रविवार के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित माना गया है. इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना और व्रत उपवास किया जाता है. पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. जो कोई भी इस दिन भगवान गणेश की उपासना करता है उसके जीवन के कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं.

संकष्टी चतुर्थी व्रत से मिलेगा फायदा: संकष्टी चतुर्थी के दिन महिलाएं अपनी संतान के उज्जवल भविष्य और दीर्घायु जीवन के लिए निर्जला व्रत भी करती है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. संकटों से मुक्ति के लिए ज्येष्ठ की संकष्टी चतुर्थी का व्रत फलदाई माना जाता है.

"संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश के लिए किया जाता है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई रविवार के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं भगवान गणेश का ध्यान करते हुए अपनी दैनिक दिनचर्या शुरू करते हैं और गणेश जी के व्रत का संकल्प लेकर इस व्रत की शुरुआत की जाती है."-पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

चंद्रदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "व्रत करने वाले उपवास रखने के बाद शाम के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण किया जाता है. इस व्रत को करने से साधक के हर तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों के स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु जीवन के लिए करती हैं. यह व्रत दोनों पक्ष में मनाई जाती है. शुक्ल पक्ष में इसी चतुर्थी व्रत को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं. कृष्ण पक्ष में इस चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है."

संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 मई 2024 की शाम को 6:58 से शुरू होकर 26 मई 2024 को शाम 6:06 तक रहेगा. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के समय 7:08 से दोपहर 12:18 तक और शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:12 से रात्रि 9:45 तक रहेगा. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रदेव के उदय होने का समय रात्रि 10:12 माना गया है.

संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की ऐसा करें पूजा: संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान के एकदंत रूप की पूजा की जाती है. इनकी आराधना से जीवन में मंगल का आगमन होता है. सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निजात मिलती है. हर तरह के कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. इस दिन कई दिनों से अटका काम तो किसी भी समस्या के समाधान के लिए आज के दिन संकट नाशक गणेश स्तोत्र का 11 पाठ करें. भगवान गणेश को गुड़ के लड्डू जरूर चढ़ाएं. लड्डू की संख्या 11 या 21 होनी चाहिए.

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संकष्टी चतुर्थी (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: साल 2024 में 26 मई रविवार के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित माना गया है. इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना और व्रत उपवास किया जाता है. पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. जो कोई भी इस दिन भगवान गणेश की उपासना करता है उसके जीवन के कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं.

संकष्टी चतुर्थी व्रत से मिलेगा फायदा: संकष्टी चतुर्थी के दिन महिलाएं अपनी संतान के उज्जवल भविष्य और दीर्घायु जीवन के लिए निर्जला व्रत भी करती है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. संकटों से मुक्ति के लिए ज्येष्ठ की संकष्टी चतुर्थी का व्रत फलदाई माना जाता है.

"संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश के लिए किया जाता है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई रविवार के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं भगवान गणेश का ध्यान करते हुए अपनी दैनिक दिनचर्या शुरू करते हैं और गणेश जी के व्रत का संकल्प लेकर इस व्रत की शुरुआत की जाती है."-पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

चंद्रदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "व्रत करने वाले उपवास रखने के बाद शाम के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण किया जाता है. इस व्रत को करने से साधक के हर तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों के स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु जीवन के लिए करती हैं. यह व्रत दोनों पक्ष में मनाई जाती है. शुक्ल पक्ष में इसी चतुर्थी व्रत को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं. कृष्ण पक्ष में इस चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है."

संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 मई 2024 की शाम को 6:58 से शुरू होकर 26 मई 2024 को शाम 6:06 तक रहेगा. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के समय 7:08 से दोपहर 12:18 तक और शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:12 से रात्रि 9:45 तक रहेगा. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रदेव के उदय होने का समय रात्रि 10:12 माना गया है.

संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की ऐसा करें पूजा: संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान के एकदंत रूप की पूजा की जाती है. इनकी आराधना से जीवन में मंगल का आगमन होता है. सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से निजात मिलती है. हर तरह के कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. इस दिन कई दिनों से अटका काम तो किसी भी समस्या के समाधान के लिए आज के दिन संकट नाशक गणेश स्तोत्र का 11 पाठ करें. भगवान गणेश को गुड़ के लड्डू जरूर चढ़ाएं. लड्डू की संख्या 11 या 21 होनी चाहिए.

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Last Updated : May 26, 2024, 7:26 AM IST
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