रांची: रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने झारखंड की बिगड़ती कानून व्यस्थता पर भी गम्भीर सवाल उठाए. संजय सेठ गरीबों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए ऊन बैंक खोलने के लिए अपनी बाते रख रहे थे.
भारत के रक्षा राज्य मंत्री सह रांची के सांसद संजय सेठ ने झारखंड में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को भी आड़े हाथों लिया, लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर संजय सेठ ने यह कहा कि यह कैसा शहर है, जहां पत्रकारों पर भी हमले हो रहे हैं. वकील की हत्या हो रही है समाज को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी निभाने वाला दरोगा भी सुरक्षित नहीं है.
राज्य सरकार का अपराधियों को है खुला संरक्षण
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि राज्य की सरकार का अपराधियों को खुला संरक्षण प्राप्त है. झामुमो, कांग्रेस और राजद के साथ वामपंथियों के गठबंधन से चल रही है. सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है. इसलिए अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थित है कि जिस राजधानी में मुख्यमंत्री रहते हैं, सरकार के सभी मंत्री रहते हैं वहां दिनदहाड़े वारदात हो जा रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब दारोगा और वकील सुरक्षित नहीं है तो हम सहज कल्पना कर सकते हैं कि इस राज्य में कौन सुरक्षित है? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सरकार को यह बार-बार आगाह करता हूं कि ड्रग्स और नशा बेचने वालों पर लगाम लगाएं. इसका कनेक्शन अपराधिक जगत से भी होता है, परंतु सरकार इस मुद्दे पर सिर्फ होर्डिंग बैनर लगाने में रह गई, धरातल पर कोई काम नहीं दिखा. अब तो ऐसा लगता है जैसे रांची के लोग इस जंगलराज और अपराधयुक्त शासन को ही अपनी नियति मान लें. निश्चित रूप से यह व्यवस्था हमें बिहार के जंगल राज की याद दिला रही है.
जलजमाव के कारण घरों में कैद हुए लोग
संजय सेठ ने रांची में हुए भीषण जल जमाव पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ और सिर्फ जनता को धोखा देने का काम कर रही है. पिछले वर्ष भी जल जमाव की ऐसी समस्या राजधानी में हुई थी, तब भी मैंने सरकार को आगाह किया था. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जब गर्मी के दिनों में बरसात की योजनाएं तैयार करनी थी. इन सब मुद्दों पर काम कर रहा था, उस वक्त झामुमो कांग्रेस के लोग सरकार सरकार खेल रहे थे.
संजय सेठ ने ऊन बैंक की शुरुआत की
संजय सेठ ने सर्दियों में जरूरतमंदों के लिए ऊल बैंक खोलने की घोषणा की है. ऊन बैंक को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ठंड में एक बड़ी आबादी है, जिसे गर्म कपड़े उपलब्ध नहीं हो पाते. ठंड की ठिठुरन कई बार उनकी जान ले लेती है. ऐसे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, सभी वर्ग के लोग इस समस्या से रूबरू होते हैं. निश्चित रूप से यह समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि उन लोगों को हम ठंड से बचाए. इसी उद्देश्य के साथ रांची में ऊन बैंक आरंभ किया गया है, यह बैंक इसलिए इतनी जल्दी आरंभ किया गया है ताकि सर्दियों के शुरू होते ही जरूरतमंदों तक गर्म कपड़े पहुंच सकें. केंद्रीय मंत्री ने रांची के नागरिकों से आह्वान किया है कि आपके घर में ऐसे पुराने परंतु अच्छी स्थिति में जो गर्म कपड़े पड़े हैं, जिनका उपयोग आप अपने लिए नहीं करते हैं तो उन कपड़ों को साफ सुथरा कर केंद्रीय कार्यालय में जमा करे. यह कपड़े शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र के जरूरतमंदों तक पहुंच जाएंगे.
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