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संजौली मस्जिद विवाद: अब इस दिन होगी अगली सुनवाई, मस्जिद कमेटी नहीं पेश कर पाई निर्माण रिकॉर्ड - Sanjauli Mosque Controversy

Shimla illegal mosque controversy: संजौली स्थिती मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में अब अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी. वहीं, आज सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी के पक्षकार निर्माण को लेकर रिकॉर्ड कोर्ट में पेश नहीं कर पाए.

Shimla illegal mosque controversy
संजौली मस्जिद विवाद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 11:27 AM IST

Updated : Sep 7, 2024, 12:33 PM IST

शिमला: संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण मामले को लेकर शिमला कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें स्थानीय लोगों की ओर से मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर कमिश्नर कोर्ट में तर्क पेश किए गए. वहीं, सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी के पक्षकार लतीफ मस्जिद निर्माण से जुड़ा रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए. इसके अलावा वो ये भी नहीं बता पाए की मस्जिद निर्माण के लिए पैसा कहां से आया और किस खाते में पैसा आया ये भी कमेटी के प्रतिनिधि कोर्ट को नहीं बता पाए. ऐसे में अब मस्जिद विवाद में 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की गई है.

आज की सुनवाई में शिमला के स्थानीय नागरिकों की ओर से कमिश्नर कोर्ट में आवेदन किया गया कि मस्जिद मामले की सुनवाई में उन्हें भी पार्टी बनाया जाए. वहीं, आयुक्त की अदालत ने निगम के जेई को आदेश दिए कि वो मौके पर निर्माण संबंधी रिपोर्ट तैयार करें. बता दें कि संजौली में मस्जिद के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड के पास है. वक्फ बोर्ड के वकील आज कोर्ट में मस्जिद के निर्माण से जुड़े रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए और न ही ये साबित कर पाए की मस्जिद में किया गया निर्माण अवैध नहीं है.

मारपीट से शुरू हुआ मामला

गौरतलब है कि 30 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में हुआ मारपीट मामला मस्जिद के विवाद तक आ पहुंचा. मल्याणा में कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा विक्रम सिंह नामक एक व्यक्ति और कुछ लोगों से मारपीट की गई. आरोपी 6 युवकों में दो नाबालिग भी शामिल थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये आरोपी मारपीट करने के बाद संजौली स्थित मस्जिद में जाकर छुप गए थे. इनमें से एक युवक उत्तराखंड का है, जबकि बाकी 5 युवक उत्तर प्रदेश के हैं.

अवैध निर्माण तोड़ने की मांग

जिसके बाद से संजौली में मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया. स्थानीय लोगों ने निर्माण को अवैध बताते इसे तोड़ने की मांग की और हिंदू संगठनों ने इसे लेकर प्रदर्शन भी किया. हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कहा कि बाहर से लोग आकर यहां पर शांति व्यवस्था को भंग कर रहे हैं. अनिरुद्ध सिंह ने सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की पहचान की जानी चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश से भी कुछ लोग हिमाचल आ रहे हैं और यहां की कानून व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं.

सरकार की चेतावनी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी साफ शब्दों में कहा है कि प्रदेश में सभी धर्मों का सरकार सम्मान करती है, लेकिन कानून व्यवस्था बिगाड़ने का अधिकार किसी के पास भी नहीं है. अगर कोई भी ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि सरकार बाहर से आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन सुनिश्चित करेगी.

ये भी पढ़ें: आखिर क्यों सुलगा संजौली में मस्जिद विवाद, कैसे एक मारपीट की घटना ने मचा दिया बवाल, विधानसभा तक पहुंचा मामला, सत्ता पक्ष में भी दिखी दरार

ये भी पढ़ें: संजौली में दो दिन के भीतर मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने का अल्टीमेटम, कुसुम्पटी बाजार में भी मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: मंत्री अनिरुद्ध के बयान पर छिड़ा घमासान, अवैध मस्जिद निर्माण पर मचा सियासी तूफान, रोहिंग्या घुसपैठ से लेकर लव जिहाद तक पहुंची बात!

ये भी पढ़ें: "बाहर से हिमाचल आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन का सरकार रखेगी खास ख्याल, मस्जिद मामले में कानून के तहत होगी कार्रवाई"

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद मामला: सीएम सुक्खू बोले- हिमाचल आने वाला हर व्यक्ति कानून से बंधा, किसी को नहीं इसे तोड़ने की इजाजत

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद निर्माण पर बोले विक्रमादित्य, "हिमाचल है देवभूमि, कानून के हिसाब से होगी कार्रवाई"

ये भी पढ़ें: "संजौली में होता रहा अवैध मस्जिद निर्माण और सोया रहा प्रशासन, दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई"

शिमला: संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण मामले को लेकर शिमला कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें स्थानीय लोगों की ओर से मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर कमिश्नर कोर्ट में तर्क पेश किए गए. वहीं, सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी के पक्षकार लतीफ मस्जिद निर्माण से जुड़ा रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए. इसके अलावा वो ये भी नहीं बता पाए की मस्जिद निर्माण के लिए पैसा कहां से आया और किस खाते में पैसा आया ये भी कमेटी के प्रतिनिधि कोर्ट को नहीं बता पाए. ऐसे में अब मस्जिद विवाद में 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की गई है.

आज की सुनवाई में शिमला के स्थानीय नागरिकों की ओर से कमिश्नर कोर्ट में आवेदन किया गया कि मस्जिद मामले की सुनवाई में उन्हें भी पार्टी बनाया जाए. वहीं, आयुक्त की अदालत ने निगम के जेई को आदेश दिए कि वो मौके पर निर्माण संबंधी रिपोर्ट तैयार करें. बता दें कि संजौली में मस्जिद के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड के पास है. वक्फ बोर्ड के वकील आज कोर्ट में मस्जिद के निर्माण से जुड़े रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए और न ही ये साबित कर पाए की मस्जिद में किया गया निर्माण अवैध नहीं है.

मारपीट से शुरू हुआ मामला

गौरतलब है कि 30 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में हुआ मारपीट मामला मस्जिद के विवाद तक आ पहुंचा. मल्याणा में कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा विक्रम सिंह नामक एक व्यक्ति और कुछ लोगों से मारपीट की गई. आरोपी 6 युवकों में दो नाबालिग भी शामिल थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये आरोपी मारपीट करने के बाद संजौली स्थित मस्जिद में जाकर छुप गए थे. इनमें से एक युवक उत्तराखंड का है, जबकि बाकी 5 युवक उत्तर प्रदेश के हैं.

अवैध निर्माण तोड़ने की मांग

जिसके बाद से संजौली में मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया. स्थानीय लोगों ने निर्माण को अवैध बताते इसे तोड़ने की मांग की और हिंदू संगठनों ने इसे लेकर प्रदर्शन भी किया. हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कहा कि बाहर से लोग आकर यहां पर शांति व्यवस्था को भंग कर रहे हैं. अनिरुद्ध सिंह ने सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की पहचान की जानी चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश से भी कुछ लोग हिमाचल आ रहे हैं और यहां की कानून व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं.

सरकार की चेतावनी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी साफ शब्दों में कहा है कि प्रदेश में सभी धर्मों का सरकार सम्मान करती है, लेकिन कानून व्यवस्था बिगाड़ने का अधिकार किसी के पास भी नहीं है. अगर कोई भी ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि सरकार बाहर से आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन सुनिश्चित करेगी.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 12:33 PM IST
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