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संजौली मस्जिद मामला: कोर्ट ने 15 मार्च तक दिया अवैध निर्माण हटाने का समय, 50 फीसदी गिराया जा चुका है ढांचा - SANJAULI MASJID CONTROVERSY

शिमला नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने संजौली में अवैध निर्माण हटाने के लिए मस्जिद कमेटी को अब 15 मार्च तक का समय दिया है.

SANJAULI MASJID CONTROVERSY
संजौली मस्जिद मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 21, 2024, 12:57 PM IST

शिमला: जिला शिमला के उपमंडल संजौली के बहुचर्चित विवादित मस्जिद मामले में आज नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान संजौली मस्जिद कमेटी के वकील बीआर ठाकुर ने कहा कि उन्हें रेवेन्यू इकट्ठा करने के लिए समय चाहिए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में जो तीन मंजिल गिराने के आदेश थे, उसमें से 50 फीसदी काम हो चुका है. जबकि बाकी काम के लिए उन्होंने कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की.

15 मार्च तक अवैध निर्माण गिराने का दिया समय

मस्जिद कमेटी की अवैध निर्माण तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय की मांग को लेकर कोर्ट ने 15 मार्च तक का समय दिया है. 15 मार्च को ही कोर्ट ने अगली स्टेट्स रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए हैं. उसके बाद ही मस्जिद की निचली दो मंजिलों पर कोर्ट में सुनवाई होगी. मस्जिद कमेटी के वकील का कहना है कि मस्जिद में अभी जो अवैध निर्माण है उसका 50 फीसदी हिस्सा गिरा दिया गया है. जबकि 50 फीसदी गिराया जाना अभी बाकी है. उसके लिए रेवेन्यू जुटाने के प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए कोर्ट से समय मांगा था और कोर्ट ने उन्हें 15 मार्च तक का समय दिया है.

याचिका में मांगा था अतिरिक्त समय

उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त ने संजौली मस्जिद की तीसरी अवैध मंजिल को तोड़ने के आदेश पहले ही दे रखे हैं. आज निचली 2 मंजिलों को लेकर सुनवाई होनी थी. इसके साथ ही आज कि सुनवाई में संजौली मस्जिद कमेटी अवैध हिस्से को तोड़े जाने से संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट भी कोर्ट में रखी. संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा एक याचिका दी गई. जिसमें मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. इसके पीछे मस्जिद कमेटी की ओर से बजट की कमी का तर्क दिया जा रहा है, क्योंकि मस्जिद कमेटी इसे अपने पैसे से तोड़ रही है.

कैसे शुरू हुआ विवाद ?

गौरतलब है कि शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर प्रदेश में खासा बवाल मचा है. 29 अगस्त को शिमला जिले के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हो गया था. जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था. जिसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ा और 1 सितंबर को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. यहीं से मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर मामला उठा और इसे लेकर हिंदू संगठनों द्वारा जोरदार प्रदर्शन भी किया गया. फिलहाल निगम आयुक्त ने मस्जिद की अवैध रूप से बनी तीसरी मंजिल गिराने के आदेश दिए हैं. वहीं, बाकी निचली दो मंजिलों पर भी आज फैसला आ सकता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा में लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास, राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को छूट का रास्ता साफ

शिमला: जिला शिमला के उपमंडल संजौली के बहुचर्चित विवादित मस्जिद मामले में आज नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान संजौली मस्जिद कमेटी के वकील बीआर ठाकुर ने कहा कि उन्हें रेवेन्यू इकट्ठा करने के लिए समय चाहिए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में जो तीन मंजिल गिराने के आदेश थे, उसमें से 50 फीसदी काम हो चुका है. जबकि बाकी काम के लिए उन्होंने कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की.

15 मार्च तक अवैध निर्माण गिराने का दिया समय

मस्जिद कमेटी की अवैध निर्माण तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय की मांग को लेकर कोर्ट ने 15 मार्च तक का समय दिया है. 15 मार्च को ही कोर्ट ने अगली स्टेट्स रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए हैं. उसके बाद ही मस्जिद की निचली दो मंजिलों पर कोर्ट में सुनवाई होगी. मस्जिद कमेटी के वकील का कहना है कि मस्जिद में अभी जो अवैध निर्माण है उसका 50 फीसदी हिस्सा गिरा दिया गया है. जबकि 50 फीसदी गिराया जाना अभी बाकी है. उसके लिए रेवेन्यू जुटाने के प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए कोर्ट से समय मांगा था और कोर्ट ने उन्हें 15 मार्च तक का समय दिया है.

याचिका में मांगा था अतिरिक्त समय

उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त ने संजौली मस्जिद की तीसरी अवैध मंजिल को तोड़ने के आदेश पहले ही दे रखे हैं. आज निचली 2 मंजिलों को लेकर सुनवाई होनी थी. इसके साथ ही आज कि सुनवाई में संजौली मस्जिद कमेटी अवैध हिस्से को तोड़े जाने से संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट भी कोर्ट में रखी. संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा एक याचिका दी गई. जिसमें मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. इसके पीछे मस्जिद कमेटी की ओर से बजट की कमी का तर्क दिया जा रहा है, क्योंकि मस्जिद कमेटी इसे अपने पैसे से तोड़ रही है.

कैसे शुरू हुआ विवाद ?

गौरतलब है कि शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर प्रदेश में खासा बवाल मचा है. 29 अगस्त को शिमला जिले के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हो गया था. जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था. जिसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ा और 1 सितंबर को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. यहीं से मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर मामला उठा और इसे लेकर हिंदू संगठनों द्वारा जोरदार प्रदर्शन भी किया गया. फिलहाल निगम आयुक्त ने मस्जिद की अवैध रूप से बनी तीसरी मंजिल गिराने के आदेश दिए हैं. वहीं, बाकी निचली दो मंजिलों पर भी आज फैसला आ सकता है.

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