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सफाईकर्मियों की हड़ताल: अलवर में लगा कचरों का अंबार, सड़कों पर पड़ा करीब 700 टन कचरा - sanitation workers strike

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 1:03 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 1:34 PM IST

वाल्मीकि समाज के लोगों को सफाई कर्मचारी नियुक्ति में वरीयता देने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश भर में चल रही सफाईकर्मी हड़ताल पर है. इसका असर अब शहरों में दिखने लगा है. अलवर सहित अन्य शहरों में जगह जगह कचरे के ढेर दिखाई देने लगे हैं.

SANITATION WORKERS STRIKE
सफाईकर्मियों की हड़ताल (Photo ETV Bharat Alwar)
सफाईकर्मियों की हड़ताल (Video ETV Bharat Alwar)

अलवर. सफाईकर्मियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर अलवर में भी दिखने लगा है. शहर में बीते 6 दिनों से सफाई नहीं हो रही. जगह जगह कचरे के ढेर लगने लगे हैं.इसके चलते चलते शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम के अधिकारियों ने सफाई कर्मियों से वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन सफाई कर्मचारी वार्ता के लिए नहीं पहुंचे.

अलवर नगर निगम आयुक्त बजरंग सिंह चौहान ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल राज्य स्तर पर की जा रही है. उनकी मांगें नीतिगत है, जिनका निगम से कोई संबंध नहीं है. इसके बावजूद नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों की समझाइश के प्रयास किया जा रहे हैं, ताकि शहर का कचरा उठे और आमजन को इससे कोई परेशानी ना हो. उन्होंने कहा कि शहर में बीते 6 दिनों से बंद ऑटो टिपर को फिर से चलवाने के प्रयास किया जा रहे हैं.

पढ़ें:प्रदेश में चरमराएगी सफाई व्यवस्था, सफाई कर्मचारियों की 'झाड़ू डाउन' हड़ताल, ये है वजह

आयुक्त ने कहा कि निगम के लिए भी यह चिंता का विषय है कि इतने समय से कचरा सड़क पर पड़ा है. इससे मौसमी बीमारियों का खतरा भी बना रहता है, जो विकराल रूप धारण कर सकती है. इसके चलते हमारा प्रयास है कि ऑटो टिपर व ट्रैक्टर चला कर कचरे को शहर से उठाया जाए. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को बातचीत के लिए फोन किया, लेकिन सफाई कर्मी वार्ता के लिए नहीं पहुंचे. जल्द ही उन्हें पत्र भेज कर वार्ता के लिए फिर से बुलाने का प्रयास किए जाएंगे.

बाजार में लगा कचरों का अंबार: बीएस चौहान ने कहा कि रोजाना ऑटो टिपर नहीं चलने से अलवर शहर के बजाजा बाजार, होप सर्कस, घंटाघर, केडल गंज बाजार सहित अन्य जगहों पर कचरों का ढेर बढ़ गया है. शहर की सड़कों पर करीब 700 टन कचरा पड़ा है. अभी स्ट्राइक के चलते शहर में जगह-जगह कचरों का ढेर दिखाई पड़ रहा है. निगम का प्रयास है कि जल्द से जल्द सफाई कर्मी काम पर लौटें और शहर को फिर से स्वच्छ बनाएं. नगर निगम आयुक्त ने बताया कि सरकारी कर्मचारी व ठेकेदार के मार्फत लगे संविदा कर्मी भी इस हड़ताल में शामिल हैं.अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ की अलवर शाखा की महामंत्री ज्योति कुमार सारसर ने कहा, सरकार की ओर से जब तक मांगों पर फैसला नहीं किया जाएगा, तब तक किसी तरह का समझौता नहीं होगा.

यह भी पढ़ें:न लगी झाड़ू, न उठा कचरा, सफाई कर्मचारी की हड़ताल के पहले दिन ही हालात हुए खस्ता

डॉ के.के शर्मा ने बताया कि इन दिनों मौसमी में बीमारी का प्रकोप चल रहा है. शहर में जगह-जगह पड़े कचरे पर मक्खी व मच्छर बैठते हैं, जिसके चलते बीमारियां फैलने का डर रहता है. लोग अपने काम से बाहर निकले तो मुंह को ढंक कर निकले और अपने आस पास सफाई का ध्यान रखें. घंटाघर निवासी मोना जैन ने कहा कि सफाई नहीं होने के चलते अलवर शहर के हालात बेहाल हो गए हैं. घर से निकलते समय लोग अपने मुंह को ढंककर निकल रहे हैं. शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. जल्द ही शहर की सफाई हो तो लोगों को राहत मिले.

सफाईकर्मियों की हड़ताल (Video ETV Bharat Alwar)

अलवर. सफाईकर्मियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर अलवर में भी दिखने लगा है. शहर में बीते 6 दिनों से सफाई नहीं हो रही. जगह जगह कचरे के ढेर लगने लगे हैं.इसके चलते चलते शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम के अधिकारियों ने सफाई कर्मियों से वार्ता करने की कोशिश की, लेकिन सफाई कर्मचारी वार्ता के लिए नहीं पहुंचे.

अलवर नगर निगम आयुक्त बजरंग सिंह चौहान ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल राज्य स्तर पर की जा रही है. उनकी मांगें नीतिगत है, जिनका निगम से कोई संबंध नहीं है. इसके बावजूद नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों की समझाइश के प्रयास किया जा रहे हैं, ताकि शहर का कचरा उठे और आमजन को इससे कोई परेशानी ना हो. उन्होंने कहा कि शहर में बीते 6 दिनों से बंद ऑटो टिपर को फिर से चलवाने के प्रयास किया जा रहे हैं.

पढ़ें:प्रदेश में चरमराएगी सफाई व्यवस्था, सफाई कर्मचारियों की 'झाड़ू डाउन' हड़ताल, ये है वजह

आयुक्त ने कहा कि निगम के लिए भी यह चिंता का विषय है कि इतने समय से कचरा सड़क पर पड़ा है. इससे मौसमी बीमारियों का खतरा भी बना रहता है, जो विकराल रूप धारण कर सकती है. इसके चलते हमारा प्रयास है कि ऑटो टिपर व ट्रैक्टर चला कर कचरे को शहर से उठाया जाए. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को बातचीत के लिए फोन किया, लेकिन सफाई कर्मी वार्ता के लिए नहीं पहुंचे. जल्द ही उन्हें पत्र भेज कर वार्ता के लिए फिर से बुलाने का प्रयास किए जाएंगे.

बाजार में लगा कचरों का अंबार: बीएस चौहान ने कहा कि रोजाना ऑटो टिपर नहीं चलने से अलवर शहर के बजाजा बाजार, होप सर्कस, घंटाघर, केडल गंज बाजार सहित अन्य जगहों पर कचरों का ढेर बढ़ गया है. शहर की सड़कों पर करीब 700 टन कचरा पड़ा है. अभी स्ट्राइक के चलते शहर में जगह-जगह कचरों का ढेर दिखाई पड़ रहा है. निगम का प्रयास है कि जल्द से जल्द सफाई कर्मी काम पर लौटें और शहर को फिर से स्वच्छ बनाएं. नगर निगम आयुक्त ने बताया कि सरकारी कर्मचारी व ठेकेदार के मार्फत लगे संविदा कर्मी भी इस हड़ताल में शामिल हैं.अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ की अलवर शाखा की महामंत्री ज्योति कुमार सारसर ने कहा, सरकार की ओर से जब तक मांगों पर फैसला नहीं किया जाएगा, तब तक किसी तरह का समझौता नहीं होगा.

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डॉ के.के शर्मा ने बताया कि इन दिनों मौसमी में बीमारी का प्रकोप चल रहा है. शहर में जगह-जगह पड़े कचरे पर मक्खी व मच्छर बैठते हैं, जिसके चलते बीमारियां फैलने का डर रहता है. लोग अपने काम से बाहर निकले तो मुंह को ढंक कर निकले और अपने आस पास सफाई का ध्यान रखें. घंटाघर निवासी मोना जैन ने कहा कि सफाई नहीं होने के चलते अलवर शहर के हालात बेहाल हो गए हैं. घर से निकलते समय लोग अपने मुंह को ढंककर निकल रहे हैं. शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. जल्द ही शहर की सफाई हो तो लोगों को राहत मिले.

Last Updated : Jul 30, 2024, 1:34 PM IST
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