जयपुर : प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों ने बुधवार से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इससे जयपुर समेत प्रदेशभर में सफाई व्यवस्था चरामराएगी. 24 हजार 797 पदों पर होने वाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती मस्टरोल पर करने की मांग को लेकर प्रदेश के सफाई कर्मचारी और वाल्मीकि समाज आंदोलन पर उतर आए हैं. उन्होंने झाड़ू डाउन हड़ताल करते हुए सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया है. ऐसे में बुधवार से न तो घर-घर कचरा उठेगा और न ही सड़कें साफ होंगी.
सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान : ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय पर मंगलवार को प्रदेशभर के सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि और सफाई कर्मचारी जुटे. यहां आमसभा करते हुए सभी ने एकमत होकर स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर होने का विरोध जताया और सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया. संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि सफाई कर्मचारी भर्ती समझौते के तहत मस्टरोल के आधार पर ही कराई जानी चाहिए.
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डंडोरिया ने कहा कि जिन अभ्यार्थियों ने नगरीय निकायों में काम किया है, उन्हें इस भर्ती में प्राथमिकता देने का प्रावधान भी किया गया था. साथ ही जिन अभ्यर्थियों का कोर्ट में केस विचाराधीन है, उन्हें भी प्राथमिकता देने की मांग की गई थी, लेकिन समझौते और उनकी मांग को दरकिनार करते हुए अब लॉटरी के आधार पर भर्ती की जा रही है, जो वाल्मीकि समाज के हित में नहीं. ऐसे में जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, तब तक जयपुर शहर सहित संपूर्ण राजस्थान में सफाई कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर कार्य का बहिष्कार करेंगे.
हड़ताल जारी रहेगी : डंडोरिया ने कहा कि स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से उचित पैरवी नहीं की गई, जिससे वाल्मीकि समाज के रोजगार पर कुठाराघात हुआ है. जब तक सरकार सफाई कर्मचारियों के पदों पर मस्टरोल के आधार पर और आरक्षण मुक्त भर्ती कराने के आदेश जारी नहीं करती, तब तक उनकी झाड़ू डाउन हड़ताल जारी रहेगी. इसके चलते न तो गली-मोहल्लों और बाजारों में हूपर आएंगे और न ही झाड़ू लगेगी.