सरगुजा : पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने शारदीय नवरात्र की अष्टमी एवं नवमीं तिथि पर रियासत कालीन परंपरा निभाई. परंपरा के अनुसार राज परिवार की कुलदेवी सरगुजा की आराध्य मां महामाया मंदिर में संधि पूजन हुआ. करीब डेढ़ घंटे तक विधि विधान से संधि पूजा माहामया और समलाया मन्दिर में की गई.
रियासतकाल की 24वीं संधि पूजा : इस बार टीएस सिंहदेव ने रियासत काल से चली आ रही 24वीं संधि पूजा की. इसके पहले उनके पूर्वज संधि पूजा करते थे, इस अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने भी रियासत काल से चली आ रही परंपरा का निर्वाह किया. करीब डेढ़ घंटे तक पूजा अनुष्ठान के बाद आम जनता ने मां महामाया के दर्शन एवं पूजा अर्चना किए. इस संधि पूजन करने के बाद पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने उपस्थित श्रद्धालुओं से भी मुलाकात की.
मां महामाया और समलाया मंदिर में पूजा की गई है.पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया है. इसके बाद फाटक पूजा, नगाड़ों की पूजा, घोड़े और हाथी की पूजा का विधान है.नगर की रक्षा के लिए शक्ति पूजा की जाती है. सभी नगरवासियों की सुख समृद्धि की कामना की गई है. - टीएस सिंहदेव, पूर्व डिप्टी सीएम
आपको बता दें कि संधि पूजन में महामाया मंदिर के पुजारियों के साथ बैगा भी तैयारी का हिस्सा बनते हैं.लेकिन मंदिर में संधि पूजन के लिए राजपरिवार के पुरोहित पहुंचे थे.उनके द्वारा ही ये विशेष पूजा कराई जाती है. इसके बाद रघुनाथ पैलेस में फाटक पूजा, द्वार पूजा, नगाड़ों सहित अस्त्र-शस्त्र का पूजन किया जाएगा.