आगरा: जिले में बड़े स्तर पर नकली और अधोमानक की दवाएं खपाई जा रही हैं. इनमें नकली एंटीबेटिक दवाओं और खांसी के सीरप समेत अन्य दवाओं के सैंपल जांच के लिए गए थे. जिनकी लैब में जांच कराई, तो 39 सैंपल फेल हो गए हैं. अब लैब रिपोर्ट के बाद औषधि विभाग की ओर से दोषी फर्म के मालिकों के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं. जिससे दवा कारोबारियों में खलबली मची हुई है.
39 सैंपल जांच में फेल: औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि भेजे गए सभी 39 सैंपल की लैब से रिपोर्ट मिल गई है. जिसमें 20 प्रकार की एंटीबायोटिक टेबलेट, पांच तरह के गैस संबंधी विकार के कैप्सूल, 14 प्रकार के खांसी के सीरप के सैंपल जांच में फेल हुए हैं. इस पर औषधि विभाग ने दोषी फर्म मालिकों सहित कंपनियों के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज कराए हैं. इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं.
ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बनाई नकली दवाएं: औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि प्योर एंड क्योर हैल्थ केयर, हिमालया मेडिटेक, अल्फा प्रोडक्ट, केडला हेल्थकेयर, एकम्स, स्माइलेक्स हेल्थकेयर, वीके लाइफ साइंसेज, अबॉर्ट हेल्थकेयर, रैक्क्सत्यूस, विंग्स सहित कई नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाएं आगरा में बनाकर खपाई जा रही थीं. औषधि विभाग की ओर से नकली दवाओं के लिए लगातार दवा बाजार और दवा विक्रेताओं के याहां पर छापेमारी की जाती है.
औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि जिस तरह से आगरा में नकली दवाएं मिल रही हैं. उससे जनता से अपील है कि दवा खरीदते वक्त सतर्क रहें. दवाएं खरीदने के बाद हमेशा बिल लें. इतना ही नहीं, दवा के रैपर पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करके दवा की असलियत की जांच जरूर करें. जहां भी दवा में संदेह मिले, तो तत्काल विभाग को सूचना दें.
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