रामपुर: शिमला जिले में रामपुर के समेज में आज चौथे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है. सुबह से ही घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन शुरू हो चुका है. समेज गांव में आई त्रासदी को 3 दिन बीत गए हैं, लेकिन तबाही के निशान हर ओर फैले हुए हैं. जिला प्रशासन की ओर से समेज में 5 एलएनटी और 301 जवान सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि आज सुबह से ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस मौके पर एसडीएम रामपुर खुद मौके पर मौजूद रहे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी आज समेज क्षेत्र का दौरा करेंगे.
वहीं, समेज में रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन में 301 जवान लगातार जुटे हुए हैं. इनमें 67 एनडीआरएफ के जवान, आईटीबीवी के 30, आर्मी के 110, सीआईएसएफ के 25 और पुलिस के 69 जवान शामिल हैं. वहीं, सर्च ऑपरेशन को तेज करने और ऑपरेशन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्निफर डॉग को भी सर्च टीम का हिस्सा बनाया गया है. डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया "लाइव डिटेक्टर डिवाइस की मदद से मलबे के नीचे सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है, ताकि मलबे के नीचे दबे लापता लोगों का पता लगाया जा सके."
गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को रामपुर में भारी बारिश हुई और समेज गांव की पहाड़ियों पर बादल फट गया. जिससे गांव के साथ लगते नाले में बाढ़ आ गई. बादल फटने से फ्लैश फ्लड तेजी से गांव की ओर बढ़ने लगा. लोग अपने घरों में सो रहे थे. इससे पहले की लोग संभल पाते या घरों से निकल पाते पानी के साथ आए मलबे और चट्टानें की चपेट में आ गए. 36 लोग गांव में आई बाढ़ में बह कर लापता हो गए. 31 जुलाई की रात को तबाही से पहले जहां एक हस्ता-खेलता गांव था. 1 अगस्त की सुबह को अब वहां सिर्फ मलबा और तबाही थी. 1 अगस्त से समेज गांव में लापता लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक 36 लोगों में से किसी का कोई सुराग नहीं मिला है. मानों यहां कभी कोई रहता ही नहीं हो. आसमानी आफत ने एक खुशहाल गांव को एक ही रात में मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया.