रांची: राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को लगभग एक महीना पूरा होने को है. सरकार से कई चरणों के बातचीत के बाद भी अब तक ऐसी कोई सार्थक पहल नहीं निकल सकी है, जिससे सहायक पुलिसकर्मी अपना आंदोलन खत्म कर सकें. नतीजा यह है कि एक तरफ मोरहाबादी मैदान में टेंट बनाकर सहायक पुलिसकर्मी जमे हुए हैं, तो दूसरी तरफ सुरक्षा घेरा बनाकर पुलिस वाले बैठे हैं. इस बीच सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से एक शर्त रखी गई है कि अगर सरकार अपने वादों को लिखित में दें तो आंदोलन खत्म कर देंगे.
कई बार पुलिसकर्मियों और पुलिस के बीच हुई झड़प
दरअसल, दो जुलाई से रांची के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. भारी बारिश के बीच भी सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में टेंट लगाकर डेरा डाले हुए हैं. इस बीच कई बार सहायक पुलिसकर्मियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो चुकी है. स्थिति यह है कि अब सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान से निकलकर कहीं सीएम आवास या राजभवन का घेराव न कर दें. इसलिए पूरे मोरहाबादी मैदान को ही घेर दिया गया है. 24 घंटे दर्जनों पुलिसवाले सहायक पुलिसकर्मियों पर नजर रख रहे हैं. इसलिए पुलिसवाले भी टेंट बनाकर रात दिन ड्यूटी कर रहे हैं.
इस शर्त पर आंदोलन करेंगे सहायक पुलिसकर्मी
आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी पिछले एक महीने से मोरहाबादी मैदान में डटे हुए हैं. हालांकि अब सहायक पुलिसकर्मी भी आंदोलन खत्म करने का मन बना रहे हैं. सहायक पुलिसकर्मियों के नेता विवेकानंद ने बताया कि सरकार के द्वारा जो बातें कही गई हैं उसे कैबीनेट में लेकर पारित कर दिया जाए तो वह अपना आंदोलन समाप्त कर लेंगे. गौरतलब है कि सरकार के साथ हुई वार्ता में सहायक पुलिसकर्मियों को यह आश्वासन दिया गया था कि उनका वेतन 30% बढ़ा दिया जाएगा. उनका अनुबंध 1 साल के लिए बढ़ाया जाएगा. साथ ही आने वाले समय में जितने भी पुलिस की बहाली निकलेगी उनमें उन्हें आरक्षण दिया जाएगा. इस बीच सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन को समाप्त करने के मूड में हैं लेकिन अब उनकी मांग सिर्फ इतनी है कि तीनों आश्वासन कागज पर लिखित दे दें ताकि कल को उनके साथ कोई धोखा न हो सकें.
परेशान हैं सहायक पुलिसकर्मी
आंदोलन लम्बा खींचने की वजह से सहायक पुलिसकर्मी बेहद परेशान हैं. भारी बारिश की वजह से उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. घर से दूर रहने की वजह से पानी तक उन्हें खरीदकर पीना पड़ रहा है. कुछ सहायक पुलिसकर्मियों का यह कहना है कि जितना सरकार के द्वारा पैसा बढ़ाया जाएगा उतना तो उनका आंदोलन के दौरान ही खत्म हो जाएगा. इससे अच्छा है कि सरकार ने जो वादा किया है उसे कैबिनेट में पास करवा दें और उनके आंदोलन को खत्म करवाया जाए. सहायक पुलिसकर्मियों के अनुसार सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों से वे संपर्क में हैं. सभी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनकी मांग को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
मोरहाबादी मैदान खाली करवाना जरूरी
गौर करने वाली बात यह भी है कि वार्ता टालने के बाद सरकार के तरफ से सहायक पुलिसकर्मियों से अब संपर्क करना भी छोड़ दिया गया है. इस स्थिति में सहायक पुलिसकर्मी काफी परेशान है. दूसरी तरफ 15 अगस्त की तैयारी को लेकर रांची का मोरहाबादी मैदान खाली होना भी बेहद जरूरी है. 15 अगस्त को लेकर परेड रिहर्सल सहित तमाम तैयारियां को लेकर रांची जिला प्रशासन को कई कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन अगर सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में डटे रहे तो 15 अगस्त की तैयारी को लेकर प्रशासन को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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