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समग्र शिक्षा अभियान की राशि खर्च न करना अधिकारियों को पड़ा महंगा, शिक्षा महानिदेशक ने रोका वेतन - Uttarakhand Education Department

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 9, 2024, 5:12 PM IST

Uttarakhand Education Department उत्तराखंड में समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को दी गई धनराशि समय पर खर्च नहीं करना अधिकारियों को महंगा पड़ गया है. दरअसल शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों समेत 108 अधिकारियों और 13,625 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश दिया है.

Uttarakhand Education Department
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा विभाग (photo- ETV Bharat)

देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. दरअसल, समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को धनराशि दी जाती है, ताकि स्कूली व्यवस्था की बेहतर करने के साथ ही बच्चों को बेहतर और क्वालिटी युक्त शिक्षा दी जा सके, लेकिन समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को दी गई धनराशि समय पर खर्च नही हो पाई है, जिसके चलते शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों समेत 108 अधिकारियों और 13,625 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश दिया है.

शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी ने बताया कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए समग्र शिक्षा के तहत दी जा रही सुविधाओं का लाभ समय पर दिया जाए. साथ ही किसी भी स्थिति में छात्रों की स्कूल ड्रेस और अन्य मुफ्त सुविधाएं देने में कोई देरी न की जाए. उन्होंने कहा कि अगर अगले एक हफ्ते के भीतर अभियान के तहत दी गई धनराशि का इस्तेमाल नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

अब तक विद्यालयों ने अनुदान का इस्तेमाल नहीं किया है, जबकि विद्यालयों में छोटे-मोटे मरम्मत कार्यों और प्रबंधन आवश्यकताओं को अनुदान के जरिए पूरा किया जा सकता है. धनराशि का समय पर इस्तेमाल न होने के चलते केंद्र सरकार के स्तर से लगातार नाराजगी जताई जा रही है. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी इस मामले के जिम्मेदार अधिकारियों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि, पहले भी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जाते रहे हैं, लेकिन अधिकारी न तो धनराशि के इस्तेमाल की समीक्षा कर रहे हैं और ना ही लापरवाही बरत रहे स्कूलों के संस्थाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रदेश के 13 मुख्य शिक्षा अधिकारियों और 95 विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के साथ ही एक भी रुपय खर्च न करने वाले 13,625 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों का जुलाई महीने का वेतन रोक दिया गया है. वेतन तब तक रुका रहेगा, जब तक उनकी ओर से सभी धनराशि का नियमानुसार इस्तेमाल नहीं कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत तमाम निर्माण कार्यों में हो रहे देरी पर ग्रामीण निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है, ताकि काम में तेजी लाई जाए.

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देहरादून: अक्सर चर्चाओं में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. दरअसल, समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को धनराशि दी जाती है, ताकि स्कूली व्यवस्था की बेहतर करने के साथ ही बच्चों को बेहतर और क्वालिटी युक्त शिक्षा दी जा सके, लेकिन समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों को दी गई धनराशि समय पर खर्च नही हो पाई है, जिसके चलते शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों समेत 108 अधिकारियों और 13,625 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश दिया है.

शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी ने बताया कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए समग्र शिक्षा के तहत दी जा रही सुविधाओं का लाभ समय पर दिया जाए. साथ ही किसी भी स्थिति में छात्रों की स्कूल ड्रेस और अन्य मुफ्त सुविधाएं देने में कोई देरी न की जाए. उन्होंने कहा कि अगर अगले एक हफ्ते के भीतर अभियान के तहत दी गई धनराशि का इस्तेमाल नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

अब तक विद्यालयों ने अनुदान का इस्तेमाल नहीं किया है, जबकि विद्यालयों में छोटे-मोटे मरम्मत कार्यों और प्रबंधन आवश्यकताओं को अनुदान के जरिए पूरा किया जा सकता है. धनराशि का समय पर इस्तेमाल न होने के चलते केंद्र सरकार के स्तर से लगातार नाराजगी जताई जा रही है. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी इस मामले के जिम्मेदार अधिकारियों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि, पहले भी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जाते रहे हैं, लेकिन अधिकारी न तो धनराशि के इस्तेमाल की समीक्षा कर रहे हैं और ना ही लापरवाही बरत रहे स्कूलों के संस्थाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि प्रदेश के 13 मुख्य शिक्षा अधिकारियों और 95 विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के साथ ही एक भी रुपय खर्च न करने वाले 13,625 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों का जुलाई महीने का वेतन रोक दिया गया है. वेतन तब तक रुका रहेगा, जब तक उनकी ओर से सभी धनराशि का नियमानुसार इस्तेमाल नहीं कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत तमाम निर्माण कार्यों में हो रहे देरी पर ग्रामीण निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है, ताकि काम में तेजी लाई जाए.

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