शाजापुर। मध्य प्रदेश में मंगलवार को सरकारी स्कूल में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गर्मियों की छुट्टी के बाद स्कूल पहुंचे बच्चों का स्वागत हुआ लेकिन शासकीय प्राथमिक विद्यालय जादमी के स्कूल प्रवेशोत्सव में मटन पार्टी की तैयारी चल रही थी. स्कूल परिसर में मांस पकाया जा रहा था. बताया जाता है कि इस नजारे को देख स्कूल पहुंचे बच्चे भाग खड़े हुए. इधर वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जांच में जुट गया है.
स्कूल प्रवेशोत्सव में 'मटन पार्टी'
18 जून को पूरे प्रदेश के स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाया गया. एक तरफ बच्चों को स्कूल चलें हम के लिए प्रेरित किया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ शाजापुर मुख्यालय के ग्राम जादमी के प्राथमिक स्कूल परिसर में मटन पार्टी के लिए मांस पकाया जा रहा थ. जिसे देखकर स्कूल पहुंचे बच्चे भाग गए. बताया जाता है कि स्कूल परिसर में ईंट से कच्चा चूल्हा बनाकर बड़े-बड़े बर्तनों में मांस पक रहा था.
सरपंच ने दी थी अनुमति
स्कूल परिसर में मांस पकने की बात पर स्कूल के शिक्षकों से बात की तो उनका कहना था कि खाना बनाने की अनुमति सरपंच ने दी है. सहायक शिक्षक का कहना है कि उन्हें नहीं पता यहां क्या बन रहा था वहीं शिक्षक मंजू शर्मा का कहना है कि कुछ पक रहा था लेकिन मैं तो ब्राम्हण हूं इसलिए इन सब बात से कुछ लेना देना नहीं. इधर गांव के सरपंच का कहना था उन्हें जानकारी नहीं है लेकिन बताया जाता है कि स्कूल परिसर में काम कर रहे लोगों को ठहरने की अनुमति गांव के ही सरपंच ने दी थी. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बाउंड्रीवाल ना होने से स्कूल परिसर की सुरक्षा कैसे करें.
मामले की होगी जांच
स्कूल प्रवेशोत्सव के दौरान मांस पकने की खबर के बाद इसका वीडियो वायरल हो गया और आनन-फानन में यहां से लोग अपने बर्तन उठाकर भागे. आखिर कौन लोग थे जो यहां मटन पार्टी की तैयारी कर रहे थे और किसके कहने पर स्कूल परिसर में मांस पकाया जा रहा था. इसे लेकर डीपीसी राजेन्द्र शिप्रे का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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जिले के प्राथमिक स्कूलों की हालत खराब
जिले में 812 प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें 300 से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां बाउंड्रीवाल नहीं है. लगभग 400 प्राथमिक स्कूल भवन ऐसे हैं जो जर्जर अवस्था में है. जिनकी मरम्मत की जाना है. इन्ही में से कई स्कूल भवन इतनी जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. लगभग 300 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्र-छात्राओं के लिए या तो शौचालय नहीं है और जहां शौचालय हैं वे उपयोग के लायक नहीं हैं.