सहारनपुर : आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 5 लाख तक मुफ्त इलाज करने का प्रावधान है. इसके बावजूद कुछ अस्पताल मनमानी कर रहे है. सोमवार की शाम एक निजी अस्पताल में चिकित्सक ने 45 हजार रुपये न मिलने पर इलाज करने से मना कर दिया. उसने कूल्हे का ऑपरेशन अधूरा छोड़ दिया. इससे कार्डधारक की मौत हो गई. अब यह मामला सीएमओ तक पहुंच गया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है.
गांव हौजखेड़ी निवासी सोमपाल को काफी समय से कूल्हे की हड्डी में दर्द की शिकायत थी. परिजनों ने 22 अक्तूबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को बताया कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है. इसके बाद डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया. 26 अक्तूबर को चिकित्सक ने सोमपाल के कूल्हे का ऑपरेशन किया.
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक ने कूल्हे के हिस्से निकाल दिए. इसके बाद नया हिस्सा लगाने के लिए 45 हजार रुपये की मांग करने लगे. परिजनों ने कुछ पैसे दिए. आयुष्मान कार्ड भी जमा करा दिया. इसके बावजूद डॉक्टर ने सोमपाल का इलाज बीच में छोड़ दिया. कूल्हे का निकाला गया हिस्सा भी लगाया. इलाज करने से भी मना कर दिया.
जबरन मरीज को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. मामले की जानकारी होने पर नई दृष्टि नए युग प्रधान संगठन के अध्यक्ष संजय वालिया अस्पताल पहुंचे. उनका कहना है कि बाद में पैसे जमा कराने के बाद भी डॉक्टर ने इलाज नहीं किया. तब तक सोमपाल की हालत गंभीर हो चुकी थी. परिजन उसे आनन-फानन में राजकीय मेडिकल कॉलेज ले गए. वहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया.
वहां कुछ घंटे तक भर्ती रखने के बाद कोई सुधार न होने पर परिजनों से दूसरी जगह जाने के लिए कह दिया गया. रविवार रात को परिजन उसे बराड़ा अस्पताल लेकर गए. सोमवार की सुबह मरीज की हालत देखकर डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने को कह दिया. इसके बाद परिजन सोमपाल को घर ले गए. दोपहर करीब 12 बजे सोमपाल की मौत हो गई. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. परवीन कुमार का कहना है कि मामला जानकारी में है. जांच कराई जाएगी. दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
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