सहारनपुर: स्विट्जरलैंड सरकार ने महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने बाकायदा इसके लिए नया कानून लागू किया है. स्विजरलैंड में बुर्का बैन होने पर देवबंदी उलेमा ने न सिर्फ नाराजगी जताई है, बल्कि सरकार के इस फैसले को इस्लाम के खिलाफ बताया है. देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि महिलाएं बहुमूल्य हैं, इसलिए महिलाओं को बुर्के में रखा जाता है. वैसे ही जैसे किसी कीमती चीज को छिपा कर रखा जाता है. स्विजरलैंड सरकार ने बुर्के के खिलाफ कानून बनाकर वहां की महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन किया है.
देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया गया है. महिलाओं को बहुत कीमती समझा गया है. जैसे किसी कीमती सामान को ढककर या छिपा कर रखा जाता है. उसी तरह महिलाएं भी बहुत कीमती होती हैं और उन्हें पर्दे में रखे, बुर्के में रखें.
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स्विट्जरलैंड में महिलाओं के बुर्का पहनने के खिलाफ इस तरह का कानून बनाया गया है, जिसमें महिलाओं के बुर्के पर पाबंदी लगाई गई है. यह महिलाओं के अधिकार को छीनने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आज हम लोग एक तरफ तो महिलाओं की आजादी की बात करते हैं और दूसरी तरफ महिलाओं की आजादी और अधिकार को छीनने की कोशिश की जा रही है. यह महिलाओं के साथ दोहरी राजनीति की जा रही है.
यह मामला तो दूसरे मुल्क का है. लेकिन, भारत में भी कुछ लोग इस तरह का काम करने की कोशिश कर रहे हैं. ये इस तरह के लोग महिला विरोधी हैं. ऐसे लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते. जो महिला का सम्मान नहीं कर सकते, वह किसी का सम्मान नहीं कर सकते.
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