सागर: आखिरकार जिले की बंडा तहसील कार्यालय ने अपनी उस गलती को सुधार लिया है, जिसके चलते एक परिवार को पूरे देश में महागरीब का दर्जा मिल गया था. दरअसल छात्रवृत्ति आवेदन के लिए बंडा तहसील के घोघरा गांव के एक लड़के ने ग्राम पंचायत में आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया था. लेकिन जब तहसील कार्यालय से उसके पिता का आय प्रमाण पत्र जारी हुआ, तो परिवार पूरे देश में मजाक का विषय बन गया. आय प्रमाण पत्र में उसके पिता की आय महज दो रुपए बतायी गयी थी. मामला मीडिया में आते ही तहसील कार्यालय बैकफुट पर चला गया और अब परिवार का आय प्रमाण पत्र नए सिरे से जारी किया गया. जिसमें परिवार की आय 40 हजार रूपए वार्षिक बताई गई है.
क्या है मामला
दरअसल बांदा तहसील के घोघरा गांव का रहने वाला सौरभ आठिया पिता बलराम चढ़ार 12वीं कक्षा का छात्र है. उसे अपने स्कूल में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना था. जिसमें उसके परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र मांगा गया था. जिसके लिए सौरभ आठिया द्वारा अपने पिता के आय प्रमाण पत्र के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय में आवेदन दिया गया. उसे जनवरी 2024 में ग्राम पंचायत द्वारा आय प्रमाण पत्र दिया गया. लेकिन आय प्रमाण पत्र में उसके पिता की वार्षिक आय महज दो रुपए बताई गई थी. यह प्रमाण पत्र लेकर जब सौरभ अपने स्कूल गया, तो स्कूल के शिक्षकों को भी विश्वास नहीं हुआ और कई लोगों ने तो फर्जी आय प्रमाण पत्र बात कर वापस कर दिया. महीनों तक दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद जब परिवार को नया प्रमाण पत्र नहीं मिला और मामला मीडिया की सुर्खियों में छा गया. तब बंडा तहसीलदार ने मामले की जांच के आदेश दिए और प्रमाण पत्र में गलती पाए जाने पर नए सिरे से आय प्रमाण पत्र जारी किया है.
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नए आय प्रमाण पत्र में वार्षिक आय 40 हजार
नए प्रमाण पत्र जारी होने के बाद बांदा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, ''आय प्रमाण पत्र का मामला सामने आने के बाद हमने पूरे प्रकरण की जांच कराई थी. जिसमें पाया गया था कि कंप्यूटर ऑपरेटर के द्वारा गलती होने के कारण ये आय प्रमाण पत्र 2 रुपए का बना दिया गया था. अब बलराम चढ़ार पिता तिज्जे चढ़ार का नए सिरे से आय प्रमाण पत्र जारी किया गया है. जिसमें उनकी आय 40 हजार रूपए वार्षिक दर्शायी गई है.''