सागर : स्लोगन में आगे अपील की गई है, '' बाएं चलिए कतार में चलिए, सुरक्षित चलिए बेरोक चलिए " इस तरह के स्लोगन लिखे पोस्टर पुराने शहर में चर्चा का विषय हैं. शहर का सर्राफा इलाका हमेशा जाम की समस्या से परेशान रहता है. मोतीनगर तिराहे से कोतवाली तक ज्यादातर वाहन जाम में फंस जाते हैं. आए दिन यहां विवाद की स्थिति बन जाती है. वाहन चालकों का समय और ईधन दोनों बर्बाद होता है. इन समस्याओं से परेशान बुजुर्ग यातायात थाने और अधिकारियों के पास गए लेकिन जब हल नहीं निकला,तो उन्होंने खास स्लोगन लिखे पोस्टर ट्रैफिक जाम वाले इलाके में लगवा दिए.
सर्राफा बाजार जाम की समस्या से परेशान
शहर का सराफा बाजार वाला इलाका बड़ा बाजार के नाम से भी जाना जाता है. यहां की गलियां काफी छोटी और सकरी हैं लेकिन पुराने शहर का मुख्य इलाका और सराफा बाजार होने के कारण यहां काफी भीड़ होती है लेकिन इस इलाके में रोज सुबह से शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है. यहां लोग कतार में न चलकर आगे निकलने के चक्कर में सामने से आ रहे वाहनों की ओर दाहिनी ओर से बढ़ने लग जाते हैं और सबकुछ जाम हो जाता है. मुख्य शहर को जोड़ने वाला ये प्रमुख रास्ता है और पुराने शहर की बड़ी आबादी इसी रास्ते का उपयोग करती है. ऐसे में कोई एक वाहन भी फंस जाता है तो दूर-दूर तक जाम के हालात बन जाते हैं.
बुजुर्ग ने कई बार काटे यातायात थाने के चक्कर
शहर की जिस रोड पर हमेशा जाम के हालात बने रहते हैं. वहीं एक बुजुर्ग ऋषभ सिंघई का मेडिकल स्टोर है. ऋषभ सिंघई जाम के हालात को लेकर कई बार पुलिस अधिकारियों के पास गए और यातायात थाने में भी शिकायत की लेकिन जब शिकायत का असर नहीं हुआ तो मेडिकल स्टोर संचालक बुजुर्ग ने ऐसे पोस्टर प्रिंट करवाए, जिन पर लिखा है.. " जाम वाहनों से नहीं बेवकूफों की वजह से लगता है, जल्दी के चक्कर में दाहिने घुसकर सामने वाले का रास्ता रोक कर जाम लगा देते हैं, बाएं चलिए कतार में चलिए, सुरक्षित चलिए बेरोक चलिए". ये पोस्टर उन्होंने सड़क के दोनों तरफ लगवा दिए हैं. जैसे ही ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है, तो जाम में फंसे वाहन चालकों की इन पोस्टर पर नजर पड़ती है. कुछ शर्मिंदा होते हैं तो कुछ बेशर्मों की तरह वही गलती दोहराते नजर आते हैं जिन गलतियों की वजह से जाम लगता है.
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क्या कहना है बुजुर्ग का?
बुजुर्ग ऋषभ सिंघई कहते हैं, '' जाम की समस्या को लेकर हर तरह के प्रयास कर चुके हैं. कई बार जिला प्रशासन में शिकायत की, तो कई बार यातायात थाने में भी शिकायत दर्ज कराई. व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इलाके के व्यापारियों ने भी एसपी से मुलाकात कर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारी जाने की मांग की लेकिन पुलिस और यातायात प्रभारी इस समस्या के सामने लाचार नजर आए. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्लोगन लिखवा कर ट्रैफिक जाम वाले इलाके में जगह-जगह लगवा दिए. जिसमें जाम के लिए उन वाहन चालकों को जिम्मेदार ठहराया है जो जल्दबाजी में अपने वाहन कहीं भी घुसा देते हैं और फिर जाम की वजह बन जाते हैं.'' सिंघई कहते हैं कि अगर व्यवस्थित और सही तरीके से वाहन चालक गाड़ी चलाएं, तो जाम की स्थिति नहीं बनेगी. वाहन चालक जल्दी जाने के चक्कर में इधर-उधर घुस जाते हैं। अगर 2 मिनट का सब्र कर लें, तो उनका समय बर्बाद होने से बच सकता हैं.