सागर: मध्य प्रदेश में एक वक्त ऐसा था कि सड़कों की बदहाली चुनावी मुद्दा बन गई थी. खास बात ये थी कि भोपाल-सागर मार्ग की बदहाली का लगातार उदाहरण दिया जाता था, लेकिन अब भोपाल-सागर रोड पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है कि ये सड़क जल्द ही फोरलेन हो जाएगी. साथ ही भोपाल और सागर के बीच की दूरी 25 किलोमीटर कम हो जाएगी. दरअसल, ये सड़क भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है और आने वाले दो सालों में इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
पहले चरण का काम हुआ पूरा
दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जोड़ने के लिए नया फोर टू सिक्स लेन हाईवे बनाया जा रहा है. इसके तहत पहले चरण में उत्तर प्रदेश के कानपुर से करबई तक 112 किमी का नेशनल हाइवे लगभग बन चुका है और इसका काम अंतिम दौर में है. वहीं दूसरे चरण में करबई से सागर तक 223 किलोमीटर का होगा. ये फोर-टू सिक्सलेन हाइवे होगा, जिसका काम तेजी से चल रहा है.
ढाई घंटे में पूरा होगा सागर से भोपाल का सफर
तीसरे चरण में सागर से एमपी की राजधानी भोपाल तक 150 किमी का फोरलेन बनाया जाएगा. करीब 600 किमी लंबा ये हाईवे 11 हजार 300 करोड़ रु की लागत से बनाया जा रहा है. इस हाईवे के बनने के बाद भोपाल से लखनऊ तक का सफर आरामदायक और आसान हो जाएगा. खास बात ये है कि सागर से भोपाल की दूरी कम हो जाएगी और फोरलेन बनने के कारण सफर दो से ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा.
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कैसे कम होगी सागर से भोपाल की दूरी?
दरअसल, भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर के कारण भोपाल-रायसेन-सागर नेशनल हाइवे 146 को फोरलेन किया जाएगा. राजधानी भोपाल से रायसेन होते हुए सागर तक बनने वाले फोरलेन के ज्यादातर मोड खत्म किए जाएंगे. कोशिश ये है कि ये मार्ग एरियल डिस्टेंस के आधार पर बनाया जाए. इससे सागर से भोपाल की दूरी महज 163 किमी रह जाएगी. इस तरह भोपाल-सागर के बीच की दूरी 25 किमी कम हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट के तहत कोड़ी-मेहगांव होकर विदिशा बाईपास तक नया फोरलेन बाईपास का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है.