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रानी अवंतीबाई के नाम पर होगी सागर की स्टेट यूनिवर्सिटी, दो जिलों के 72 कॉलेज होंगे संबद्ध

Rani Avantibai State University Sagar: सागर में खुलने जा रही स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम रानी अवंतिबाई के नाम पर होगा. कुलसचिव की नियुक्ति कर दी गई है. आगामी सत्र में होने जा रहे एडमिशन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.

rani avantibai state university sagar
रानी अवंतीबाई के नाम पर होगी सागर की स्टेट यूनिवर्सिटी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 6:59 PM IST

स्टेट यूनिवर्सिटी में कुलसचिव पद पर प्रोफेसर शक्ति जैन की नियुक्ति

सागर। सागर में इसी सत्र से स्टेट यूनिवर्सिटी की शुरुआत होने जा रही है. राज्य सरकार ने सागर के राजकीय विश्वविद्यालय का नाम रानी अवंतीबाई के नाम पर रखा है. कुलसचिव पद पर प्रोफेसर शक्ति जैन की नियुक्ति की गयी है. जिन्होंने आगामी सत्र में होने जा रहे एडमिशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. नए राजकीय विश्वविद्यालय में सागर और दमोह जिले के 72 कॉलेज के करीब 60 हजार विद्यार्थी संबद्ध होंगे. विश्वविद्यालय के पहले सत्र की शुरुआत आर्ट्स एंड कामर्स कॉलेज के अतिरिक्त भवन में होगी.

सालों पुरानी मांग हुई पूरी

2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने सागर के डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था. इसके बाद लंबे समय से मांग चल रही थी कि सागर में स्टेट यूनिवर्सटी खोली जाए. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तीन बार की घोषणा के बावजूद यूनिवर्सिटी शुरू नहीं हो सकी थी. पिछली शिवराज सरकार में मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे और सागर के दौरे पर उन्हें सागर की लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ता था. मुख्यमंत्री बनने के बाद जब मोहन यादव पहली बार सागर आए तो उन्होंने आगामी सत्र से राजकीय विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था.

क्षतिपूर्ती के रूप में मिले थे 800 करोड़

केंद्र की यूपीए सरकार ने डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को जब केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया तो क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य सरकार को करीब 800 करोड़ की राशि मिली थी. राज्य सरकार ने उस राशि से सागर नहीं बल्कि छतरपुर में महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की शुरूआत की थी. लंबे समय से सागर के लोग राजकीय विश्वविद्यालय की मांग कर रहे थे. अब जाकर उनकी मांग पूरी हो गई है.

रानी अवंतीबाई के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम

सागर में खुलने जा रही स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम रानी अवंतीबाई के नाम पर होगा. विश्वविद्यालय की पहली कुलसचिव प्रोफेसर शक्ति जैन को नियुक्त किया गया है. फिलहाल पंडित दीनदयाल उपाध्याय आर्ट्स एंड कॉमर्स काॅलेज में विश्वविद्यालय का संचालन होगा. आर्टस एंड कॉमर्स काॅलेज के विज्ञान भवन में विश्वविद्यालय फिलहाल संचालित होगा. यहां 19 कमरों में यूजी (सभी विषय) और पीजी की प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी. विश्वविद्यालय में सागर के 54 काॅलेज और दमोह के 18 काॅलेज संबद्ध होंगे. इस तरह दो जिलों के 72 कॉलेज विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे. इन कॉलेजों में फिलहाल 60 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. जिला प्रशासन विश्वविद्यालय भवन बनाने के लिए जगह का चयन कर रहा है.

ये भी पढ़ें:

4 करोड़ का भेजा प्रस्ताव

विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर शक्ति जैन ने बताया कि "बारहवीं के रिजल्ट के बाद प्रवेश प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार संचालित की जाएगी. फिलहाल विश्वविद्यालय शुरू करने के लिए बजट का प्रस्ताव मांगा गया था, हमारी तरफ से अनुमानित चार करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिसमें फर्नीचर, आफिस, उपकरण के अलावा वाहनों की खरीदी होगी. विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन के लिए 105 शैक्षणिक और 90 कार्यालयीन स्टाॅफ की जरूरत होगी.

स्टेट यूनिवर्सिटी में कुलसचिव पद पर प्रोफेसर शक्ति जैन की नियुक्ति

सागर। सागर में इसी सत्र से स्टेट यूनिवर्सिटी की शुरुआत होने जा रही है. राज्य सरकार ने सागर के राजकीय विश्वविद्यालय का नाम रानी अवंतीबाई के नाम पर रखा है. कुलसचिव पद पर प्रोफेसर शक्ति जैन की नियुक्ति की गयी है. जिन्होंने आगामी सत्र में होने जा रहे एडमिशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. नए राजकीय विश्वविद्यालय में सागर और दमोह जिले के 72 कॉलेज के करीब 60 हजार विद्यार्थी संबद्ध होंगे. विश्वविद्यालय के पहले सत्र की शुरुआत आर्ट्स एंड कामर्स कॉलेज के अतिरिक्त भवन में होगी.

सालों पुरानी मांग हुई पूरी

2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने सागर के डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था. इसके बाद लंबे समय से मांग चल रही थी कि सागर में स्टेट यूनिवर्सटी खोली जाए. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तीन बार की घोषणा के बावजूद यूनिवर्सिटी शुरू नहीं हो सकी थी. पिछली शिवराज सरकार में मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे और सागर के दौरे पर उन्हें सागर की लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ता था. मुख्यमंत्री बनने के बाद जब मोहन यादव पहली बार सागर आए तो उन्होंने आगामी सत्र से राजकीय विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था.

क्षतिपूर्ती के रूप में मिले थे 800 करोड़

केंद्र की यूपीए सरकार ने डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय को जब केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया तो क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य सरकार को करीब 800 करोड़ की राशि मिली थी. राज्य सरकार ने उस राशि से सागर नहीं बल्कि छतरपुर में महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय की शुरूआत की थी. लंबे समय से सागर के लोग राजकीय विश्वविद्यालय की मांग कर रहे थे. अब जाकर उनकी मांग पूरी हो गई है.

रानी अवंतीबाई के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम

सागर में खुलने जा रही स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम रानी अवंतीबाई के नाम पर होगा. विश्वविद्यालय की पहली कुलसचिव प्रोफेसर शक्ति जैन को नियुक्त किया गया है. फिलहाल पंडित दीनदयाल उपाध्याय आर्ट्स एंड कॉमर्स काॅलेज में विश्वविद्यालय का संचालन होगा. आर्टस एंड कॉमर्स काॅलेज के विज्ञान भवन में विश्वविद्यालय फिलहाल संचालित होगा. यहां 19 कमरों में यूजी (सभी विषय) और पीजी की प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी. विश्वविद्यालय में सागर के 54 काॅलेज और दमोह के 18 काॅलेज संबद्ध होंगे. इस तरह दो जिलों के 72 कॉलेज विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे. इन कॉलेजों में फिलहाल 60 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. जिला प्रशासन विश्वविद्यालय भवन बनाने के लिए जगह का चयन कर रहा है.

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4 करोड़ का भेजा प्रस्ताव

विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर शक्ति जैन ने बताया कि "बारहवीं के रिजल्ट के बाद प्रवेश प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार संचालित की जाएगी. फिलहाल विश्वविद्यालय शुरू करने के लिए बजट का प्रस्ताव मांगा गया था, हमारी तरफ से अनुमानित चार करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिसमें फर्नीचर, आफिस, उपकरण के अलावा वाहनों की खरीदी होगी. विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन के लिए 105 शैक्षणिक और 90 कार्यालयीन स्टाॅफ की जरूरत होगी.

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