सागर। मध्य प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व के रूप में पिछले साल सितंबर माह में स्थापित वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही) में एक अप्रैल के बाद सूर्यास्त से सूर्योदय तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक वाहन नौरादेही टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली रहली जबलपुर रोड का उपयोग कर सकेंगे. टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. ये फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली सड़क पर जबलपुर और सागर तरफ से वाहनों की काफी आवाजाही होती है. कोर एरिया से गुजरने वाली सड़क को रात के समय बाघ और दूसरे वन्य प्राणी पार करते हैं. ऐसे में वन्यप्राणियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. इसलिए ये फैसला एक अप्रैल से लागू किया जा रहा है.
टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरती है 22 किमी लंबी सड़क
दरअसल, सागर तरफ से जबलपुर जाने के लिए रहली जबलपुर रोड काफी किफायती सड़क है. भोपाल, रायसेन, विदिशा और सागर के लोग जबलपुर और महाकौशल के दूसरे जिलों में जाने के लिए इस सड़क का उपयोग ज्यादातर करते हैं. वहीं जबलपुर संभाग के दूसरे जिलों और जबलपुर के लोग सागर और भोपाल तरफ आने के लिए इसी सड़क का उपयोग करते हैं, क्योंकि ये सड़क अन्य सड़कों से किफायती पड़ती है. इस सड़क पर ज्यादा टोल टैक्स भी नहीं लगता है और भारी वाहनों का ट्रैफिक भी कम होता है. जब तक नौरादेही एक अभ्यारण्य के रूप में था, तब तक इस सड़क का उपयोग लोग 24 घंटे कर रहे थे, लेकिन टाइगर रिजर्व बनने के बाद ये 22 किमी लंबी सड़क रिजर्व के कोर एरिया के भीतर आती है और दो हिस्सों में बांटने का काम करती है.
विस्थापन के बाद बाघों की चहलकदमी बढ़ी
दरअसल टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस इलाके में बसे गांवों का तेजी से विस्थापन किया जा रहा है. ऐसे में सड़क के दोनों तरफ कई गांव खाली हो गए हैं और बाघों के साथ-साथ दूसरे वन्य प्राणी खाली हो चुके गांवों में चहलकदमी करने लगे हैं. बाघ और वन्य प्राणी अक्सर रात के समय ज्यादा चहलकदमी करते हैं. कोर एरिया को बांटने वाली सड़क को भी ज्यादातर रात के वक्त ही पार करते हैं, लेकिन वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण ये जानवर या तो डर के मारे सड़क पार नहीं कर पाते हैं या दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने एक अप्रैल से सूर्यास्त से सूर्योदय तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
बाघ बना रहे नई टैरेटरी
आमतौर पर टाइगर रिजर्व के बाघ अब तक टाइगर रिजर्व की नौरादेही और सिंगपुर रेंज में ज्यादा सक्रिय रहते थे, लेकिन विस्थापन के बाद अब ये मोहली रेंज में अपनी टैरेटरी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. मोहली रेंज की तरफ आवाजाही के लिए इन्हें कोर एरिया से गुजरने वाली रहली जबलपुर रोड को पार करना होता है. ज्यादातर बाघ और वन्यप्राणी रात के समय ही आवाजाही करते हैं. पिछले कुछ दिनों में ऐसे वीडियो इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने वायरल किए हैं. जिनमें बाघ सड़क पार करते देखे गए हैं. बाघों और वन्यप्राणियों को तेज रोशनी और तेज आवाज से भी परेशानी होती है. इसलिए ये फैसला लिया गया है कि अब एक अप्रैल से सूर्यास्त के बाद आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी.
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क्या कहना टाइगर रिजर्व प्रबंधन का
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ एए अंसारी का कहना है कि 'टाइगर रिजर्व की स्थापना सितंबर 2023 में की गयी थी. पहले बाघों की आवाजाही टाइगर रिजर्व के एक दो रेंज तक सीमित थी, लेकिन विस्थापन के बाद वर्तमान में जबलपुर रोड टाइगर रिजर्व के कोर एरिया को दो हिस्सों में बांटती है और 22 किमी लंबी है. दोनों तरफ बाघों की चहलकदमी रहती है और दूसरे वन्य प्राणियों का भी आवागमन रहता है. इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से एक अप्रैल से वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है. जो चार पहिया वाहन रात भर चलते रहते हैं, उनके डर की वजह से बाघ और दूसरे वन्य प्राणी या तो रोड पार नहीं कर पाते हैं और यदि जोखिम लेकर करते भी हैं, तो दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इस प्रतिबंध के बाद बाघ और वन्य प्राणी मुक्त रूप से विचरण कर सकेंगे, तो व्यवस्था के साथ साथ उनके व्यवहार में भी सुधार होगा.