सागर। स्कूली बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता और बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए एमपी सरकार बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है. दरअसल, बारिश के मौसम में गंदगी और कई सब्जियों में कीड़े पनपने जैसी स्थिति के चलते नए सिरे से मिड डे मील के मेन्यू पर विचार किया जा रहा है. सरकार स्कूलों के रसोईघर में साफ सफाई के साथ मेन्यू में उन सब्जियों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है, जो बरसात में बच्चों के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है. इसके अलावा बच्चों को ताजा और बेहतर पका हुआ भोजन मिले, इसका भी इंतजाम किया जा रहा है.
पत्तागोभी और बैंगन जैसी सब्जियों पर रोक की तैयारी
दरअसल, बरसात के मौसम में कई सब्जियां ऐसी होती हैं, जिनमें कीड़े पड़ जाते हैं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं. सब्जियां खराब होने की स्थिति में सब्जी व्यापारी इन सब्जियों को औने पौने दामों पर बेंचकर अपना नुकसान कम करने की कोशिश करते हैं. वहीं, स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था संचालित करने वाले लोग ज्यादातर ऐसी सस्ती सब्जियां खरीदते हैं और बच्चों को खाने में देते हैं. ऐसे में सरकार विचार कर रही है कि बरसात में खराब होने वाली सब्जियों पर रोक लगा दी जाए. जिससे मिड डे मील बनाने वाले इन सब्जियों को खरीदेंगे ही नहीं, तो बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा नहीं होगा. चर्चा है कि भिंडी, बैंगन और पत्तागोभी जैसी सब्जियां जो बरसात में खराब होती है, उन पर रोक लगाई जा सकती है.
रसोईघर में विशेष तौर पर साफ सफाई के निर्देश
चर्चा है कि मिड डे मील में कोई ऐसी लापरवाही ना हो कि बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो. इसलिए कई बदलाव की तैयारी की जा रही है. मेन्यू में बदलाव के अलावा प्राइमरी और मिडिल स्कूल के रसोईघर और भंडारगृह में विशेष साफ सफाई रखने के सख्त निर्देश दिए जा सकते हैं. स्कूल शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को इनकी निगरानी सौंपी जाएगी. दरअसल, बरसात में भंडारगृह में रखा मिड डे मील का सामान जैसे आटा, दाल, चावल और मसाले खराब हो सकते हैं. इसलिए साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया जा रहा है. अगर दूषित सामग्री का मिड डे मील में उपयोग किया गया, तो बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है.
महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग में चल रहा है विचार विमर्श
सरकारी सूत्रों की मानें, तो जमीनी हालातों और मिड डे मील की व्यवस्था में आने वाली व्यावहारिक परेशानियों को लेकर स्कूल शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग विचार विमर्श कर रहा है. बरसात में खराब होने वाली सब्जियां और साफ सफाई के लिए किस तरह की व्यवस्था की जाए, ताकि सरकार जिन कारणों से ये व्यवस्था लागू करने जा रही है उसमें कोई दिक्कत ना आए और भविष्य में बदलाव की स्थिति ना बने. माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों के भीतर सरकार ये व्यवस्था लागू कर सकती है.