सागर। मध्यप्रदेश में तेजी से सड़कों का जाल बिछ रहा है. जिसमें एक्सप्रेस वे, ग्रीनफील्ड और 6 लेन, 8 लेन सडकें बनायी जा रही है. खास बात ये है कि कुछ महत्वपूर्ण एक्सप्रेस वे और हाईवे के किनारे मध्यप्रदेश सरकार इंडस्ट्रियल रीजन तैयार करने जा रही है. जहां निवेशकों और किसानों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. निवेशक यहां पैसा इनवेस्ट कर मोटी कमाई कर सकते हैं क्योकिं वो इन सड़कों के जरिए पूरे मध्यप्रदेश नहीं बल्कि देश से जुड जाएंगे. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने 5 एक्सप्रेस-वे और हाईवे चिन्हित किए हैं, जहां करीब 24 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है.
इन एक्सप्रेस-वे और हाईवे किनारे बनेंगे इंडस्ट्रियल एरिया
मध्य प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन मध्यप्रदेश में बन रहे एक्सप्रेस वे, ग्रीनफील्ड और हाईवे के जरिए औद्योगिक क्रांति लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कुछ प्रमुख एक्सप्रेस-वे और हाईवे का चयन किया गया है. उनके किनारे इंडस्ट्रियल एरिया बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. इनमें प्रमुख एक्सप्रेस-वे और हाईवे का चयन किया गया है. जहां इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जा रहे हैं.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे
सबसे पहले दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे की बात करें, तो मध्य प्रदेश के 3 जिलों रतलाम,झाबुआ और मंदसौर से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे किनारे सरकार ने 4 हजार एकड़ जमीन इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने के लिए चिन्हित की है. इन तीनों में चार से पांच इंडस्ट्रियल जोन बनाने की तैयारी चल रही है. देश की राजधानी दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी से जोड़ने वाले इन एक्सप्रेस वे पर निवेश के बेहतर अवसर हैं. खासकर रतलाम में बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की तैयारी है.
दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेस-वे
दिल्ली और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले दिल्ली नागपुर एक्सप्रेस-वे के आसपास इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की योजना बनायी गयी है. इनमें सागर, सिवनी और होशंगाबाद का चयन किया गया है. सागर में दो हजार एकड़, सिवनी में 12 सौ एकड़ और होशंगाबाद के मोहासा में 26 सौ एकड़ जमीन चिन्हित की गयी है. यहां इंडस्ट्रियल हब बनाने की तैयारी है.
मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेस-वे
इस एक्सप्रेस-वे के किनारे 5 इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने का प्रस्ताव है. एमपी के बुरहानपुर से लेकर सिंगरौली जिले तक अलग-अलग इलाकों में ये इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाए जाएंगे. इनके लिए राजधानी भोपाल के नजदीक मंडीदीप में 4 हजार,आष्टा में 4 हजार, कटनी में 14 सौ एकड़, जबलपुर में 14 एकड़ और रीवा, सतना, सिंगरौली में 4 हजार एकड़ जमीन का चयन कर लिया गया है.
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
दिल्ली मुंबई कॉरीडोर एमपी के नजदीक से होकर गुजरता है. इसका फायदा उठाने के लिए विक्रम उद्योगपुरी एरिया उज्जैन को दिल्ली मुंबई कॉरीडोर से जोड़ने के लिए उज्जैन तक 6 लेन रोड बनायी जाएगी, वहीं औद्योगिक एरिया के लिए आरक्षित जमीन बढ़ाई जाएगी.
भोपाल-देवास हाईवे
एमपी की राजधानी भोपाल को आर्थिक राजधानी इंदौर से जोड़ने वाले इस हाइवे किनारे इंडस्ट्रियल टाउन बनाने का प्रस्ताव है. इंडस्ट्रियल टाउन के जरिए आष्टा, देवास और शाजापुर में 2 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है.
निवेशकों को मिलेगी ये सुविधाएं
मप्र स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इन एक्सप्रेस-वे और हाईवे के पास 15 एकड़ से 4 हजार एकड़ तक के इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने की योजना पर काम कर रहा है. यहां निवेशकों को सड़क, बिजली, पानी, सीवेज लाइन, ट्रांसपोर्ट, एयरपोर्ट और रेलवे लाइन से कनेक्टिवटी के साथ इंडस्ट्रियल टाउन विकसित किए जाएंगे. इन इलाकों से गुजरने वाले जिला और प्रधानमंत्री सड़कों को भी 2 लेन और 4 लेन बनाने का प्रस्ताव है. इन इलाकों में एक प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति इसी काम के लिए की गयी है. इसके अलावा इंडस्ट्री के प्रमुख सचिव, सचिव और कार्पोरेशन के एमडी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे.
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'निवेशक कर सकते हैं निवेश'
एमपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेव्लपमेंट कार्पोरेशन के एमडी चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि "प्रदेश से गुजरने वाले कुछ एक्सप्रेस-वे, और हाईवे के किनारे इंडस्ट्रियल रीजन तैयार किए जाने पर काम शुरू किया गया है. यहां जमीन तैयार कर औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से सुविधाएं मुहैया कराने का काम शुरू हो गया है. निवेशक यहां निवेश कर देश के बड़े औद्योगिक शहरों से जुड़ सकते हैं."