MP GREENFIELD EXPRESS: देश के हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी है कि देश में तेजी से चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का फायदा मध्य प्रदेश को दूसरे राज्यों के मुकाबले कई गुना मिल रहा है. दरअसल, देश के बीचो-बीच बसे मध्य प्रदेश को देश में तेजी से चल रहे फोरलेन, हाइवे, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का जमकर फायदा मिल रहा है, क्योंकि ज्यादातर एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहे हैं. इसलिए मध्य प्रदेश की देश भर में कनेक्टिविटी सुधर रही है. फिलहाल ऐसे 4 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे देश में बन रहे हैं, जो मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहे हैं. ऐसे में एमपी की एक दो नहीं बल्कि देश के सात राज्यों से शानदार कनेक्टिविटी होने जा रही है.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर का फायदा
दरअसल, भारत सरकार का एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) देश भर में हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है. इसके तहत देश भर के प्रमुख शहरों को हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के जरिए जोड़ा जा रहा है. ताकि देश के विकास की रफ्तार और तेज गति पकडे़. सरकार की इस योजना के तहत देश भर में 25 हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. खास बात ये है कि फिलहाल जिन 7 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस का काम चल रहा है. उनमें से 4 मध्य प्रदेश से गुजर रहे हैं. जो करीब सात राज्यों से कनेक्ट कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक इनकी कुल लंबाई 660 किमी है.
ये एक्सप्रेस वे बदल देंगे मध्यप्रदेश की तस्वीर
जो ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश से गुजर रहे हैं. उन पर गौर करें, तो ये मध्य प्रदेश के विकास की रफ्तार का इंजन बनने जा रहे हैं. इन एक्सप्रेस-वे के जरिए मध्य प्रदेश की देश के प्रमुख शहरों से शानदार कनेक्टिविटी होने जा रही है.
इंदौर कोटा एक्सप्रेस वे
इंदौर कोटा एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी देश के जाने माने एजुकेशन हब से जुड़ने जा रही है. 135 किमी लंबे एक्सप्रेस वे के जरिए जहां कोटा मध्य प्रदेश के इंडस्ट्रियल हब से जुड़ जाएगा, तो इंदौर एजुकेशन हब से जुड़ जाएगा. इसका फायदा दोनों राज्यों को मिलेगा.
चंबल एक्सप्रेस वे
कोटा इटावा या फिर चंबल एक्सप्रेस वे की बात करें, तो इसकी कुल लंबाई 417 किमी है. खास बात ये है कि राजस्थान के कोटा से शुरू होकर मध्य प्रदेश से होते हुए इसे यूपी के इटावा तक ले जाकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा रहा है. ये परियोजना गोल्डन कॉरिडोर से क्रॉस-कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. गोल्डन कॉरिडोर का दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर के साथ नार्थ साउथ कॉरिडोर के साथ ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के साथ जुडे़गा. इसके अलावा मध्य प्रदेश के जरिए ये दिल्ली-मुंबई-एक्सप्रेस-वे के साथ कानपुर से कोटा के लिए अलग सड़क से जोडे़गा.
इंदौर- हैदराबाद एक्सप्रेस वे
देश की जानी मानी हाइटेक सिटी हैदराबाद और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच एक्सप्रेस वे से हो रही कनेक्टिविटी मध्य प्रदेश के महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे विकसित राज्यों से जोड़ रही है. फिलहाल इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. इस एक्सप्रेस वे के जरिए मध्यप्रदेश कई अन्य राज्यों से बेहतर कनेक्ट हो जाएगा.
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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे
देश के मंदसौर, रतलाम और झाबुआ से होकर गुजर रहे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की वैसे तो कुल लंबाई 1386 किमी है, लेकिन मध्य प्रदेश के इन तीन जिलों से इसका करीब 244 किलोमीटर हिस्सा गुजर रहा है. ये एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, दादर नगर हवेली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से जोड़ देगा.