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घरों के बाहर लाल रंग की बोतल टांग रहे लोग, आखिर क्या है कुत्तों से इसका कनेक्शन - Sagar Dogs Terror

मध्य प्रदेश के सागर जिले में लोगों ने कुत्तों से निजात पाने का तरीका ढूंढ निकाला है. जो काम नगर निगम या नगर पालिका को करना चाहिए वो रहवासी करते नजर आ रहे हैं. इस उपाए को लोगों ने अपने घर, मोहल्ले, दुकानों और रास्तों पर कर रहे हैं. रहवासियों के इस उपाए में लाल रंग का महत्व है.

SAGAR DOGS TERROR
घरों के बाहर लाल रंग बोतल टांग रहे लोग (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 7:54 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 8:28 PM IST

सागर: आजकल हर शहर और कस्बे के लोग आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. हालांकि इन पर अंकुश लगाना नगर निगम या नगर पालिका का काम है, लेकिन ये काम कभी संजीदगी से नहीं किया जाता है. आलम ये है कि शहर में कुत्ते झुंड बनाकर घूमते हैं और राहगीरों को काट लेते हैं या खाने की तलाश में घरों में घुस जाते हैं. शहर के कुछ इलाकों के लोगों ने आवारा कुत्तों से निजात पाने एक नया जुगाड़ निकला है. ये लोग अपने घर या दुकान के बाहर पानी की बोतल में लाल रंग भरकर टांग देते हैं.

ऐसा करने वाले लोगों का दावा है कि इस तरीके से आवारा कुत्तों के आतंक से बहुत हद तक निजात मिली है. जैसे-जैसे ये खबर दूसरे इलाकों में फैल रही है, तो उधर भी लोग कुत्तों से मुक्ति पाने यह उपाय कर रहे हैं. हालांकि ये कोई जादू या टोना नहीं है, लेकिन जानकार मानते हैं कि कुत्ते सामान्य तौर पर लाल और हरे रंग में भेद नहीं कर पाते हैं, हो सकता है इसकी वजह से लाल रंग के पास न जाते हो, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक कारण अभी तक सामने नहीं आया है.

कुत्तों से लाल रंग की बोतल से कनेक्शन (ETV Bharat)

घरों और दुकानों के बाहर लाल रंग की बोतल

दरअसल, सागर शहर ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों और कस्बों में आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है. शहर में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कुत्तों का शिकार हुए कई मरीज रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. दूसरी तरफ नगर निगम और नगर पालिका आवारा कुत्तोंं पर अंकुश लगाने में नाकाम है. नगर निगम सागर ने आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने बजट में करीब 8 लाख का प्रावधान रखा है, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या से निदान के कोई प्रयास नजर नहीं आते है.

Dogs binocular vision
दुकान के बाहर लाल रंग की बोतल (ETV Bharat)

ऐसे में समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय लोगों ने देसी जुगाड़ अपनाया है. शहर के कई वार्डों और बस्तियों में लोग अपने घरों और दुकानों के बाहर पानी की बोतल में लाल रंग भरकर टांग देते हैं. इन लोगों का दावा है कि ऐसा करने से आवारा कुत्ते उनके घर या दुकान के आसपास नहीं भटकते हैं. हालांकि लोगों को इसकी वजह पता नहीं है, लेकिन ये तरीका शहर और दूसरे इलाकों में तेजी जोर पकड़ रहा है और लोग अपने घरों, दुकानों और ऐसी जगह पर, जहां इनका खतरा ज्यादा है. लाल रंग से भरी बोतल टांग रहे हैं.

People Hanging Red Water Bottles
घर के बाहर लोग टांग रहे लाल रंग से भरी बोतल (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जानकार

प्राणी विज्ञानी डॉ. मनीष जैन बताते हैं कि 'इस तरीके से मक्खियां या कीट तो भाग सकते हैं, लेकिन कुत्तों पर ये तरीका कितना कारगर होता है. ऐसा प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि कुत्तों में लाल और हरे रंग को लेकर वर्णांधता पाई जाती है और वो इन रंगों को पहचान नहीं पाते हैं. कुत्तों की सामान्य दृष्टि उन इंसानों की तरह होती है. जो वर्णांधता से पीड़ित होते हैं. इंसानों के रेटिना में दो तरह के विजन यूनिट पाई जाती है. जिन्हें Rods और Cones कहते हैं. इंसानों में Cones ज्यादा होते हैं और Rods कम होते हैं.

यहां पढ़ें...

भोपाल के हमलावर कुत्ते! वह दर्द से चीखता रहा और आवारा कुत्ते नोचते रहे, अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा मासूम

मुरैना में पागल कुत्ते ने अधेड़ को काटा, रहवासियों ने डंडे से पीटा, हुई मौत

कुत्तों में होती है द्विपर्णी दृष्टि

जबकि कुत्तों में Rods ज्यादा होते हैं और Cones कम होते हैं. ऐसी स्थिति में वह लाल और हरे रंग की पहचान नहीं कर पाते हैं. उनको ये रंग भूरे या स्लेटी दिखाई देते हैं. ऐसे में जब कुत्ते रंग के नजदीक आते हैं, तो हो सकता है कि भाग जाएं, लेकिन इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है. आमतौर पर कुत्ते भूख या डर की स्थिति में हमला करते हैं. कुत्तों में द्विपर्णी दृष्टि पाई जाती है. वह सिर्फ दो रंग देख सकते हैं. जबकि मानव में त्रिपर्णी दृष्टि पाई जाती है. वह तीन रंग देख सकते हैं. इसलिए इंसान रंगों को ज्यादा अच्छे तरीके से पहचान पाते हैं.

जबकि कुत्ते ऐसा नहीं कर पाते हैं. कुत्तों की निकट दृष्टि काफी अच्छी होती है. कोई भी चीज दूर से देखने पर उन्हें समझ नहीं आती और रंग धुंधले दिखाई देते हैं. कुत्तों की रंग विभाजन की क्षमता कम होती है. उनके रेटिना में Rods ज्यादा होने से कम रोशनी में गति को आसानी से पकड़ सकते हैं.

सागर: आजकल हर शहर और कस्बे के लोग आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. हालांकि इन पर अंकुश लगाना नगर निगम या नगर पालिका का काम है, लेकिन ये काम कभी संजीदगी से नहीं किया जाता है. आलम ये है कि शहर में कुत्ते झुंड बनाकर घूमते हैं और राहगीरों को काट लेते हैं या खाने की तलाश में घरों में घुस जाते हैं. शहर के कुछ इलाकों के लोगों ने आवारा कुत्तों से निजात पाने एक नया जुगाड़ निकला है. ये लोग अपने घर या दुकान के बाहर पानी की बोतल में लाल रंग भरकर टांग देते हैं.

ऐसा करने वाले लोगों का दावा है कि इस तरीके से आवारा कुत्तों के आतंक से बहुत हद तक निजात मिली है. जैसे-जैसे ये खबर दूसरे इलाकों में फैल रही है, तो उधर भी लोग कुत्तों से मुक्ति पाने यह उपाय कर रहे हैं. हालांकि ये कोई जादू या टोना नहीं है, लेकिन जानकार मानते हैं कि कुत्ते सामान्य तौर पर लाल और हरे रंग में भेद नहीं कर पाते हैं, हो सकता है इसकी वजह से लाल रंग के पास न जाते हो, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक कारण अभी तक सामने नहीं आया है.

कुत्तों से लाल रंग की बोतल से कनेक्शन (ETV Bharat)

घरों और दुकानों के बाहर लाल रंग की बोतल

दरअसल, सागर शहर ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों और कस्बों में आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है. शहर में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कुत्तों का शिकार हुए कई मरीज रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. दूसरी तरफ नगर निगम और नगर पालिका आवारा कुत्तोंं पर अंकुश लगाने में नाकाम है. नगर निगम सागर ने आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने बजट में करीब 8 लाख का प्रावधान रखा है, लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या से निदान के कोई प्रयास नजर नहीं आते है.

Dogs binocular vision
दुकान के बाहर लाल रंग की बोतल (ETV Bharat)

ऐसे में समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय लोगों ने देसी जुगाड़ अपनाया है. शहर के कई वार्डों और बस्तियों में लोग अपने घरों और दुकानों के बाहर पानी की बोतल में लाल रंग भरकर टांग देते हैं. इन लोगों का दावा है कि ऐसा करने से आवारा कुत्ते उनके घर या दुकान के आसपास नहीं भटकते हैं. हालांकि लोगों को इसकी वजह पता नहीं है, लेकिन ये तरीका शहर और दूसरे इलाकों में तेजी जोर पकड़ रहा है और लोग अपने घरों, दुकानों और ऐसी जगह पर, जहां इनका खतरा ज्यादा है. लाल रंग से भरी बोतल टांग रहे हैं.

People Hanging Red Water Bottles
घर के बाहर लोग टांग रहे लाल रंग से भरी बोतल (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जानकार

प्राणी विज्ञानी डॉ. मनीष जैन बताते हैं कि 'इस तरीके से मक्खियां या कीट तो भाग सकते हैं, लेकिन कुत्तों पर ये तरीका कितना कारगर होता है. ऐसा प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि कुत्तों में लाल और हरे रंग को लेकर वर्णांधता पाई जाती है और वो इन रंगों को पहचान नहीं पाते हैं. कुत्तों की सामान्य दृष्टि उन इंसानों की तरह होती है. जो वर्णांधता से पीड़ित होते हैं. इंसानों के रेटिना में दो तरह के विजन यूनिट पाई जाती है. जिन्हें Rods और Cones कहते हैं. इंसानों में Cones ज्यादा होते हैं और Rods कम होते हैं.

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कुत्तों में होती है द्विपर्णी दृष्टि

जबकि कुत्तों में Rods ज्यादा होते हैं और Cones कम होते हैं. ऐसी स्थिति में वह लाल और हरे रंग की पहचान नहीं कर पाते हैं. उनको ये रंग भूरे या स्लेटी दिखाई देते हैं. ऐसे में जब कुत्ते रंग के नजदीक आते हैं, तो हो सकता है कि भाग जाएं, लेकिन इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है. आमतौर पर कुत्ते भूख या डर की स्थिति में हमला करते हैं. कुत्तों में द्विपर्णी दृष्टि पाई जाती है. वह सिर्फ दो रंग देख सकते हैं. जबकि मानव में त्रिपर्णी दृष्टि पाई जाती है. वह तीन रंग देख सकते हैं. इसलिए इंसान रंगों को ज्यादा अच्छे तरीके से पहचान पाते हैं.

जबकि कुत्ते ऐसा नहीं कर पाते हैं. कुत्तों की निकट दृष्टि काफी अच्छी होती है. कोई भी चीज दूर से देखने पर उन्हें समझ नहीं आती और रंग धुंधले दिखाई देते हैं. कुत्तों की रंग विभाजन की क्षमता कम होती है. उनके रेटिना में Rods ज्यादा होने से कम रोशनी में गति को आसानी से पकड़ सकते हैं.

Last Updated : Sep 13, 2024, 8:28 PM IST
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