सागर। पिछले दिनों और दूषित पानी के पीने के चलते में सागर जिले के हर गांव के सैकड़ों लोग उल्टी दस्त से प्रभावित हो गए थे. हालात यह बन गए थे कि गांव में अस्थाई अस्पताल बनाकर डॉक्टरों की तैनाती कर उल्टी दस्त के पीड़ित मरीजों का इलाज किया गया था. वही जिनकी हालत गंभीर थी उन्हें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्य सचिव डॉक्टर वीरा राणा ने टीम बनाकर हर गांव भेजी, जहां डॉक्टरों की टीम ने मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया और गांव का भ्रमण कर जल स्रोतों का जायजा लिया. भोपाल से आई विशेषज्ञों की टीम ने पीड़ितों को लगातार स्वास्थ्य परीक्षण करने और गांव के जल स्रोतों का पानी उपयोग न करने की सलाह दी है.
मुख्य सचिव ने भेजी जांच टीम
कलेक्टर दीपक आर्य ने उल्टी-दस्त से प्रभावित मेहर गांव का दौरा करने के बाद जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव डॉ. वीरा राणा को भेजी थी. जांच रिपोर्ट पहुंचने के मुख्य सचिव डॉ. वीरा राणा ने भोपाल से डॉक्टरों की टीम डिप्टी डायरेक्टर एनएचएम के निर्देशन में मेहर गांव भेजी. भोपाल की टीम ने गांव का दौरा कर उल्टी दस्त प्रभावित मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. टीम का नेतृत्व डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आशीष सक्सेना के किया. टीम में डॉ. शैलेश पटने डीएसएम विभाग और डॉ. दुर्गेश शर्मा डीएसएम विभाग गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने प्रभावित मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. इसके साथ टीम ने मामले की पूरी रिपोर्ट की जानकारी सीएमएचओ ममता तिमोरी से ली.
Also Read: मऊगंज में हैंडपंप ने उगली बीमारी, दूषित पानी पीने से 25 लोगों ने पकड़ लिया अस्पताल का बिस्तर |
गांव के जलस्त्रोतों का पानी ना पीने की सलाह
भोपाल से आई टीम ने गांव में घूमकर गांव के जल स्रोतों का जायजा लिया. टीम ने ग्रामीणों से अपील की है कि गांव के जलस्रोतों के पानी का उपयोग न करें. प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए पानी का ही उपयोग करें. लोगों को पानी उबालकर पीने और लगातार स्वास्थ्य परीक्षण कराने की सलाह दी और निर्देश दिए कि गांव में रोजाना कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाए और जलस्रोतों में क्लोरीन डाली जाए. भोपाल से आई टीम गांव में बनी अस्थाई अस्पताल पहुंचकर इलाज करा रहे मरीजों से चर्चा की. उन्होंने लोंगों से उनकी दिनचर्या के बारे में समझा. मरीजों से गांव में पानी की व्यवस्था के बारे में जाना और समझा. मरीजों को सलाह दी गयी कि पूरी तरह ठीक होने तक डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दवाएं ले.