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बच्चों को तंदुरुस्त बनाएंगी सरकारी स्कूलों की ये रंग बिरंगी रोटियां, 'बाहुबली' की तरह होगा शरीर - Sagar rang birangi roti abhiyan - SAGAR RANG BIRANGI ROTI ABHIYAN

सागर जिले के कई आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को खिलाने के लिए रंगीन रोटी अभियान के तहत रंग बिरंगी रोटियां खिलाई जा रही हैं. इसको लेकर प्रशासन का दावा है इनको खाने से बच्चे बचपन से ही तंदुरुस्त रहेंगे. ये रोटियां बच्चों में कुपोषण की कमी दूर करने में सक्षम हैं.

COLORFUL ROTI CAMPAIGN SAGAR
बच्चों को तंदुरुस्त बनाएंगी सरकारी स्कूलों की ये रंग बिरंगी रोटियां (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 6:40 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 7:09 PM IST

सागर: बच्चों में कुपोषण बड़ी समस्या है. इसके लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है. खासकर आंगनवाड़ियों, प्राइमरी और मिडिल स्कूल में मिड डे मील के जरिए बच्चों को पोषण आहार सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है. बच्चों को पोषण से भरपूर खाना मिले इसके लिए सागर के नवागत कलेक्टर संदीप जी आर ने शानदार पहल की है. दरअसल, एक ही तरह के स्वाद और भोजन के चलते आंगनवाड़ी और स्कूलों के भोजन में बच्चे रुचि नहीं दिखाते हैं. ऐसे में बच्चों को पोषण प्रदान करने के सरकारी प्रयास कमजोर पड़ जाते हैं.

सागर जिले में शुरू हुआ रंगीन रोटी अभियान (ETV Bharat)

नवागत कलेक्टर का नवाचार

जिले के नवागत कलेक्टर संदीप जी आर ने नवाचार के तहत बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को रुचिकर और पौष्टिक बनाने के लिए रंगीन रोटी अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत बच्चों को मिलेट्स से तैयार रंग बिरंगी रोटी खिलाई जाएगी. रंग बिरंगी रोटी बनाने के लिए सब्जी, फल और कंद का उपयोग किया जाएगा. रंगीन रोटी जहां स्वादिष्ट बन जाएगी, वहीं अपने अलग रंग और स्वरूप के कारण बच्चों को आकर्षित करेगी. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 30 अगस्त से कुछ आंगनवाड़ियों में ये काम शुरू कर दिया गया है और परिणाम आशाजनक आ रहे हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग जल्द ही पूरे जिले में अभियान शुरू कर देगा.

Moringa Beetroot and Spinach Roti
रंग बिरंगी रोटियां खाते हुए बच्चे (ETV Bharat)

इस तरह बनाई जा रही हैं रंगीन रोटियां

रंगीन रोटियां किसी कलर के जरिए नहीं, बल्कि पालक, चुकंदर, गाजर, टमाटर और सुपर फूड के नाम से जाने वाले मुनगा के जरिए बनायी जाएंगी. कुपोषित और अस्वस्थ बच्चों की सेहत में रंगों के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सब्जियां पोषक तत्व प्रदान करेंगी. कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सभी परियोजना अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को रंगीन रोटी अभियान के माध्यम से बच्चों को सेहतमंद बनाने को कहा जाए. इस अभियान से बच्चों को पोषण युक्त आहार मिलेगा. वहीं रंगीन रोटी और दाल से बच्चों की भोजन में रुचि भी बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें:

बच्चों की सेहत का खुला राज, महिला बाल विकास के सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

कुपोषण का दंश झेल रहा ड़ेढ साल का मासूम, मांस हड्डियों से चिपका, शरीर में बचा मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन

जल्द ही पूरे जिले में चलेगा अभियान

जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि ''शहर की कुछ आंगनवाड़ियों में 30 अगस्त से अभियान की शुरुआत हो गई है. जिसमें बच्चों को कभी पालक से बनी हरी रोटी, कभी चुकंदर से बनी लाल रोटी, कभी गाजर से बनी नारंगी रोटियां परोसी जा रही हैं. खास बात ये है कि ये रोटियां बच्चों को पसंद आ रही हैं. आगामी कुछ दिनों में जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में ये व्यवस्था शुरू हो जाएगी. आज बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, महिला से लेकर पुरुष हर किसी के लिए पोषण जरूरी है. सभी को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों के भोजन में पोषक तत्वों का समावेश हो, इसलिए रंगीन रोटी अभियान चलाया गया है. पोषक तत्वों से भरपूर भोजन बच्चों को खिलाया जा रहा है. रंग बिरंगी रोटी बच्चों को आकर्षित कर रही हैं और इसका फायदा उनके शरीर को पौष्टिक आहार के रूप में मिल रहा है.''

सागर: बच्चों में कुपोषण बड़ी समस्या है. इसके लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है. खासकर आंगनवाड़ियों, प्राइमरी और मिडिल स्कूल में मिड डे मील के जरिए बच्चों को पोषण आहार सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है. बच्चों को पोषण से भरपूर खाना मिले इसके लिए सागर के नवागत कलेक्टर संदीप जी आर ने शानदार पहल की है. दरअसल, एक ही तरह के स्वाद और भोजन के चलते आंगनवाड़ी और स्कूलों के भोजन में बच्चे रुचि नहीं दिखाते हैं. ऐसे में बच्चों को पोषण प्रदान करने के सरकारी प्रयास कमजोर पड़ जाते हैं.

सागर जिले में शुरू हुआ रंगीन रोटी अभियान (ETV Bharat)

नवागत कलेक्टर का नवाचार

जिले के नवागत कलेक्टर संदीप जी आर ने नवाचार के तहत बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को रुचिकर और पौष्टिक बनाने के लिए रंगीन रोटी अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत बच्चों को मिलेट्स से तैयार रंग बिरंगी रोटी खिलाई जाएगी. रंग बिरंगी रोटी बनाने के लिए सब्जी, फल और कंद का उपयोग किया जाएगा. रंगीन रोटी जहां स्वादिष्ट बन जाएगी, वहीं अपने अलग रंग और स्वरूप के कारण बच्चों को आकर्षित करेगी. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 30 अगस्त से कुछ आंगनवाड़ियों में ये काम शुरू कर दिया गया है और परिणाम आशाजनक आ रहे हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग जल्द ही पूरे जिले में अभियान शुरू कर देगा.

Moringa Beetroot and Spinach Roti
रंग बिरंगी रोटियां खाते हुए बच्चे (ETV Bharat)

इस तरह बनाई जा रही हैं रंगीन रोटियां

रंगीन रोटियां किसी कलर के जरिए नहीं, बल्कि पालक, चुकंदर, गाजर, टमाटर और सुपर फूड के नाम से जाने वाले मुनगा के जरिए बनायी जाएंगी. कुपोषित और अस्वस्थ बच्चों की सेहत में रंगों के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सब्जियां पोषक तत्व प्रदान करेंगी. कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सभी परियोजना अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को रंगीन रोटी अभियान के माध्यम से बच्चों को सेहतमंद बनाने को कहा जाए. इस अभियान से बच्चों को पोषण युक्त आहार मिलेगा. वहीं रंगीन रोटी और दाल से बच्चों की भोजन में रुचि भी बढ़ेगी.

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जल्द ही पूरे जिले में चलेगा अभियान

जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि ''शहर की कुछ आंगनवाड़ियों में 30 अगस्त से अभियान की शुरुआत हो गई है. जिसमें बच्चों को कभी पालक से बनी हरी रोटी, कभी चुकंदर से बनी लाल रोटी, कभी गाजर से बनी नारंगी रोटियां परोसी जा रही हैं. खास बात ये है कि ये रोटियां बच्चों को पसंद आ रही हैं. आगामी कुछ दिनों में जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में ये व्यवस्था शुरू हो जाएगी. आज बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, महिला से लेकर पुरुष हर किसी के लिए पोषण जरूरी है. सभी को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों के भोजन में पोषक तत्वों का समावेश हो, इसलिए रंगीन रोटी अभियान चलाया गया है. पोषक तत्वों से भरपूर भोजन बच्चों को खिलाया जा रहा है. रंग बिरंगी रोटी बच्चों को आकर्षित कर रही हैं और इसका फायदा उनके शरीर को पौष्टिक आहार के रूप में मिल रहा है.''

Last Updated : Sep 5, 2024, 7:09 PM IST
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