सागर। डॉ. हरीसिंह गौर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को शिक्षा क्षेत्र की प्रभावशाली महिलाओं की सूची में स्थान मिला है. प्रतिष्ठित संस्था बिजनेस वर्ल्ड का बीडब्ल्यू एजुकेशन ग्रुप हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी और प्रभावशाली पचास महिलाओं की सूची जारी करता है. इसका उद्देश्य महिलाओं को सम्मान और जनमानस को प्रेरणा प्रदान करना है. इस सूची में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मारलेना, आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपी नाथ, एनएसडी की पूर्व निदेशक अनुराधा कपूर सहित देश के नामी विश्वविद्यालयों की महिला कुलपति शिक्षक, कला, रंगमंच, तकनीक जैसे क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रही महिलाओं के नाम हैं.
विशेषज्ञों की अनुशंसा पर तैयार होती है सूची
ये सूची अलग- अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की अनुशंसा पर तैयार की जाती है. साहित्य, कला, मीडिया, शिक्षा, प्रशासन और मीडिया क्षेत्र की मशहूर हस्तियों के पैनल की सिफारिश पर यह सूची तैयार की जाती है. कई स्तरों पर अलग-अलग परीक्षण के बाद सूची को तैयार किया जाता है. इस सूची में कला, विज्ञान, राजनीति, सांस्थानिक नेतृत्व, मानविकी और रचनात्मक क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करने वाली और अपने काम के जरिए दूसरों को सशक्त बनाने की कोशिश करने वाली महिलाओं के नाम शामिल होते हैं.
उपलब्धियों से भरा है शैक्षणिक रिकार्ड
डॉ.हरीसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का शैक्षणिक और महत्वपूर्ण पदों का रिकॉर्ड उपलब्धियों भरा रहा है. परजीवी विज्ञान (पैरासिटोलॉजी), जलीय विष विज्ञान, इम्यूनोलॉजी और जैव प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता के साथ अब तक 8 किताबें, 36 पुस्तक अध्याय और 137 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं. सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति बनने के पहले वह तिलका मांझी भागलपुर, छत्रपति साहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय की कुलपति रह चुकी हैं. इसके अलावा कई बोर्ड और समितियों का भी हिस्सा रही हैं. जिनमें योजना और निगरानी बोर्ड, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद सदस्य, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल हैं.
ये भी पढ़ें: |
सागर यूनिवर्सिटी ने हासिल की उपलब्धियां
सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति के तौर पर उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. यूनिवर्सिटी को NAAC द्वारा A+ से मान्यता मिलने के साथ महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ शिक्षा के क्षेत्र में कई करार हुए. जिनमें कामधेनु पीठ, एस व्यासा, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, महार रेजिमेंट, पैलियोएथनोलॉजी रिसर्च सेंटर जैसे संस्थान शामिल हैं. उनके कार्यकाल के दौरान इंजीनियरिंग में नए पाठ्यक्रम, पर्यावरण विज्ञान, वैदिक अध्ययन, आईटीईपी, होटल प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और अस्पताल प्रबंधन, यात्रा और पर्यटन प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई है. विश्वविद्यालय को एपीएआर में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पुरस्कृत किया.