सागर। अब जेलों में भी सख्ती कम और कैदियों के कल्याण के प्रयास ज्यादा हो रहे हैं. क्योंकि चारदीवारी के भीतर लंबा समय बिताने के कारण कैदी अवसाद और तनाव से घिर जाते हैं. कैदियों को अवसाद और तनाव से दूर रखने के लिए जेल में कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम के अलावा योग और ध्यान भी कराया जाता है. वहीं, केंद्रीय जेल प्रशासन सागर और सिद्धत्व फाउंडेशन द्वारा जेल की कैदियों को अवसाद और तनाव से बाहर करने के लिए आनंद उत्सव का आयोजन किया गया.
कैदियों को अवसाद से बचाने के लिए सागर जेल में आनंद उत्सव
आनंद उत्सव का कैदियों ने जमकर आनंद लिया. तीन दिन के कार्यक्रम में कैदियों ने अपनी नाच गाने की प्रतिभा का प्रदर्शन किया तो खेलकूद में माहिर कैदियों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कैदियों ने सोलो डांस और ग्रुप डांस का प्रदर्शन किया तो कई कैदियों ने गाने गाकर महफिल लूट ली. केंद्रीय जेल प्रशासन सागर और सिद्धत्व फाउंडेशन द्वारा जेल में आनंद उत्सव का आयोजन किया गया. तीन दिन तक चले आनंद उत्सव में कैदियों ने जमकर मस्ती की
कार्यक्रम के लिए कैदियों ने कई दिन तक की प्रैक्टिस
आनंद उत्सव में अपनी कला और खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए कैदियों ने कई दिनों तक तैयारी की. जो कैदी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे थे, उन कैदियों ने लगातार नृत्य और गायन का अभ्यास किया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कैदियों ने समूह डांस में एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी. इसके अलावा महिला कैदियों ने भी शानदार नृत्य की प्रस्तुति कर आनंद उत्सव में मौजूद लोगों के लिए आनंदमय कर दिया. खेलकूद प्रतियोगिता में कैदियों ने क्रिकेट, वॉलीबॉल और कैरम जैसी प्रतियोगिताओं में जलवा बिखेरा.
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कैदियों को मिलेगा नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण
आनंद उत्सव के साथ जेल प्रशासन ने यह व्यवस्था भी की है कि जो कैदी जेल में रहकर गीत संगीत नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहते हैं और पारंगत होना चाहते हैं, ऐसे कैदियों के लिए बाकायदा प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. जेल प्रशासन द्वारा योग्य प्रशिक्षक की नियुक्ति करके कैदियों को गीत संगीत और नृत्य का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. सिद्धत्व फाउंडेशन की श्वेता नेमा ने बताया कि कैदियों में इस कार्यक्रम से बदलाव आएगा. वहीं, जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे का कहना है कि कैदियों का प्रदर्शन देखकर मन आनंद से भर गया.