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भूपेंद्र-भार्गव के मेल मिलाप ने बढ़ाया एमपी का राजनीतिक पारा, बीजेपी में होगा बड़ा खेला? - BUNDELKHAND BJP POLITICS

भूपेंद्र सिंह के बेटे के जन्मदिन कार्यक्रम में सागर पहुंचे गोपाल भार्गव, मध्य प्रदेश भाजपा के सियासी गलियारों में मची हलचल.

GOPAL BHARGAVA MEET BHUPENDRA SINGH
भूपेन्द्र सिंह के बेटे के जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंचे गोपाल भार्गव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 30, 2024, 1:23 PM IST

सागर: मध्य प्रदेश की सियासत में भले ही भाजपा की तीन चौथाई बहुमत वाली सरकार है, लेकिन भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश की राजनीति के दो धुर विरोधी दिग्गजों ने एकता का संदेश देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. दरअसल, 29 नवंबर को पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का जन्मदिन था. जन्मदिन पर भजन संध्या का आयोजन किया गया था. आयोजन की खास बात ये थी कि इसका शुभारंभ पूर्व मंत्री व विधायक गोपाल भार्गव ने किया. बुंदेलखंड के ये दोनों कद्दावर नेता एक दूसरे के धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं लेकिन इनके एक होने से हलचल मच गई है.

भजन संध्या के मंच से दिया बड़ा संदेश

सागर में बनाए गए मंच पर सिर्फ गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह के बेटे अविराज सिंह मौजूद थे. जबकि खुद भूपेंद्र सिंह दर्शक दीर्घा में लोगों के साथ बैठे हुए थे. ऐसे में भूपेंद्र सिंह राजनीतिक विरोधियों को संदेश देने में कामयाब रहे कि मध्य प्रदेश बीजेपी की राजनीति के दो विपरीत ध्रुव एक हो गए हैं और इनकी सियासत के खेल में अभी बहुत कुछ बाकी है. कार्यक्रम के मंच पर सिर्फ गोपाल भार्गव की मौजूदगी साफ संदेश दे रही थी कि भूपेंद्र सिंह के लिए अपने वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव के मायने क्या हैं. ये संदेश इन दोनों नेताओं के राजनीतिक विरोधियों के लिए बड़ा संदेश था.

जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह (ETV Bharat)

नजर नहीं आए बुंदेलखंड के दूसरे दिग्गज

इस कार्यक्रम की एक और खास बात ये थी कि यहां सिर्फ भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव के समर्थक ही नजर आ रहे थे. जबकि दूसरे नेता जैसे बुंदेलखंड से मोहन सरकार के इकलौते कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद नहीं थे. सागर जिले के विधायकों में सिर्फ देवरी विधायक नजर आ रहे थे. बाकी सागर विधायक शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया भी इस कार्यक्रम से नदारद थे. स्थानीय तौर पर इन नेताओं की गैर मौजूदगी भी बड़ा सियासी संदेश दे गई. हालांकि, दोनों नेताओं ने कार्यक्रम को पारिवारिक कार्यक्रम बताया.

Gopal Bhargava meet Bhupendra Singh
एक मंच पर नजर आए भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव (ETV Bharat)

भूपेंद्र सिंह ने कहा, मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं

पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, '' मुझे अगर इस कार्यक्रम में राजनीति करना होती तो मैं देश के किसी भी बड़े नेता या किसी मंत्री को बुला सकता था. मैं किसी से आग्रह करता तो कोई मना भी नहीं करता. अगर मुझे राजनीतिक लाभ लेना होता तो मैं पार्टी के नेताओं को बुलाता, लेकिन मैनें किसी को नहीं बुलाया. भार्गव जी चूंकि हमारे अपने हैं, हमारे परिवार और हमारे जिले के हैं. हमारे वरिष्ठ व ब्राह्मण हैं. उनके द्वारा इसका शुभारंभ हो तो इसके लिए हमनें भार्गव जी को बुलाया. इस कार्यक्रम का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था. इसलिए हमनें किसी बड़े नेता को बुलाया नहीं.''

Aviraj Singh Birthday program
भूपेन्द्र सिंह के आवास पर आयोजित किया गया कार्यक्रम (ETV Bharat)

भार्गव ने भी कही यही बात

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने भी भूपेंद्र सिंह की तरह कहा, '' राजनीतिक लोग जब कुछ भी आयोजन करते हैं तो उसके राजनीतिक मायने लगाए जाते हैं. कहीं घूमने जाएं, मिलने जाए या कहीं सड़क पर खाना खा रहे हों तो उसके भी सियासी मतलब निकाले जाते हैं. जबकि प्रसंग जन्मदिन का है. धार्मिक और पारिवारिक कार्यक्रम है. इसके राजनीतिक मतलब निकाले जाने की कोई जरूरत नहीं है.''

सागर: मध्य प्रदेश की सियासत में भले ही भाजपा की तीन चौथाई बहुमत वाली सरकार है, लेकिन भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश की राजनीति के दो धुर विरोधी दिग्गजों ने एकता का संदेश देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. दरअसल, 29 नवंबर को पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का जन्मदिन था. जन्मदिन पर भजन संध्या का आयोजन किया गया था. आयोजन की खास बात ये थी कि इसका शुभारंभ पूर्व मंत्री व विधायक गोपाल भार्गव ने किया. बुंदेलखंड के ये दोनों कद्दावर नेता एक दूसरे के धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं लेकिन इनके एक होने से हलचल मच गई है.

भजन संध्या के मंच से दिया बड़ा संदेश

सागर में बनाए गए मंच पर सिर्फ गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह के बेटे अविराज सिंह मौजूद थे. जबकि खुद भूपेंद्र सिंह दर्शक दीर्घा में लोगों के साथ बैठे हुए थे. ऐसे में भूपेंद्र सिंह राजनीतिक विरोधियों को संदेश देने में कामयाब रहे कि मध्य प्रदेश बीजेपी की राजनीति के दो विपरीत ध्रुव एक हो गए हैं और इनकी सियासत के खेल में अभी बहुत कुछ बाकी है. कार्यक्रम के मंच पर सिर्फ गोपाल भार्गव की मौजूदगी साफ संदेश दे रही थी कि भूपेंद्र सिंह के लिए अपने वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव के मायने क्या हैं. ये संदेश इन दोनों नेताओं के राजनीतिक विरोधियों के लिए बड़ा संदेश था.

जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह (ETV Bharat)

नजर नहीं आए बुंदेलखंड के दूसरे दिग्गज

इस कार्यक्रम की एक और खास बात ये थी कि यहां सिर्फ भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव के समर्थक ही नजर आ रहे थे. जबकि दूसरे नेता जैसे बुंदेलखंड से मोहन सरकार के इकलौते कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद नहीं थे. सागर जिले के विधायकों में सिर्फ देवरी विधायक नजर आ रहे थे. बाकी सागर विधायक शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया भी इस कार्यक्रम से नदारद थे. स्थानीय तौर पर इन नेताओं की गैर मौजूदगी भी बड़ा सियासी संदेश दे गई. हालांकि, दोनों नेताओं ने कार्यक्रम को पारिवारिक कार्यक्रम बताया.

Gopal Bhargava meet Bhupendra Singh
एक मंच पर नजर आए भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव (ETV Bharat)

भूपेंद्र सिंह ने कहा, मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं

पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, '' मुझे अगर इस कार्यक्रम में राजनीति करना होती तो मैं देश के किसी भी बड़े नेता या किसी मंत्री को बुला सकता था. मैं किसी से आग्रह करता तो कोई मना भी नहीं करता. अगर मुझे राजनीतिक लाभ लेना होता तो मैं पार्टी के नेताओं को बुलाता, लेकिन मैनें किसी को नहीं बुलाया. भार्गव जी चूंकि हमारे अपने हैं, हमारे परिवार और हमारे जिले के हैं. हमारे वरिष्ठ व ब्राह्मण हैं. उनके द्वारा इसका शुभारंभ हो तो इसके लिए हमनें भार्गव जी को बुलाया. इस कार्यक्रम का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था. इसलिए हमनें किसी बड़े नेता को बुलाया नहीं.''

Aviraj Singh Birthday program
भूपेन्द्र सिंह के आवास पर आयोजित किया गया कार्यक्रम (ETV Bharat)

भार्गव ने भी कही यही बात

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने भी भूपेंद्र सिंह की तरह कहा, '' राजनीतिक लोग जब कुछ भी आयोजन करते हैं तो उसके राजनीतिक मायने लगाए जाते हैं. कहीं घूमने जाएं, मिलने जाए या कहीं सड़क पर खाना खा रहे हों तो उसके भी सियासी मतलब निकाले जाते हैं. जबकि प्रसंग जन्मदिन का है. धार्मिक और पारिवारिक कार्यक्रम है. इसके राजनीतिक मतलब निकाले जाने की कोई जरूरत नहीं है.''

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