रांची: भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है. यहां पर सभी धर्म के लोग निवास करते हैं और सभी पर्वों पर हर धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं. रामनवमी पर रांची में ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है. पूरा शहर रामनवमी के माहौल में डूबा हुआ है. जिसमें हर धर्म के लोग बराबरी के साथ हिस्सा लेते दिख रहे हैं. लोग 17 तारीख को निकलने वाली शोभायात्रा को भव्य बनाने में जुटे हुए हैं.
राजधानी रांची के अपर बाजार में भी सांप्रदायिक सौहार्द की कई अच्छी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रामनवमी के झंडे बेचते नजर आ रहे हैं. अपर बाजार में मुस्लिम समुदाय के द्वारा बेचे जा रहे झंडे को हिंदू समाज के लोग खरीद रहे हैं. अपर बाजार मंदिर के पास अपना ठेला लगाकर झंडा बेच रहे मोहमद सद्दाम कहते हैं कि हर वर्ष उनका पूरा परिवार रामनवमी का झंडा अपने घर में बनाता है. इस बार निजी समस्या की वजह से होलसेलर से माल खरीदना पड़ा, लेकिन लोग रामनवमी के झंडे खरीदने पूर्व के तरह ही पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार से दुकानों पर और भी भीड़ देखने को मिलेगी.
सद्दाम बताते हैं कि रामनवमी में जो जुलूस निकलता है, उसमें वह और उनका पूरा परिवार शामिल होता है. उनके पिता भी रामनवमी के मौके पर झंडा बेचते थे. वे बताते हैं कि उनका यह काम सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि समाज में एक संदेश देने के लिए है, ताकि आज जिस प्रकार से हिंदू मुस्लिम एक दूसरे को दुश्मन की तरह देखते हैं उनकी सोच लोगों की बदल सके.
सद्दाम की दुकान से झंडा खरीदने पहुंचे लोगों ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि झंडा बेचने वाला कौन है. समाज में जिस तरह से आए दिन धार्मिक विवाद देखने को मिलता है. ऐसे में जरूरी यह है कि कैसे देश का प्रत्येक व्यक्ति सद्दाम की सोच को आगे बढ़ाए. रामनवमी के मौके पर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने वाला सिर्फ सद्दाम ही नहीं बल्कि अपर बाजार में कई ऐसे युवा हैं जो झंडा बेच कर अपना परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.
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