नई दिल्ली/नोएडा: जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही यहां पर ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. एयरपोर्ट की कैलिब्रेशन टेस्टिंग(रनवे पर लाइट की व्यवस्था और एयरस्पेस के प्रशिक्षण, नेविगेशन ऐड इनकी सबकी जांच) भी सफलतापूर्वक हो चुकी है. अधिकांश रडार लग चुके हैं. कार्य तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही माना जा रहा है कि जो समय फ्लाइट उड़ने के लिए निर्धारित किया गया उसी समय पर फ्लाइटें शुरू की जायेंगी. सितंबर 2024 में अक्टूबर के पहले हफ्ते यहां से कमर्शियल उड़ाने शुरू होने की उम्मीद है.
दरअसल, गौतम बुध नगर के जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी साझेदारी मॉडल (पीपीपी मॉडल) पर बनाया जा रहा है. इसी वर्ष 2024 में नोएडा एयरपोर्ट पर दो हवाई पट्टी का निर्माण पूरा कर यहां से उड़ाने शुरू हो जाएंगी. भविष्य में इसमें विस्तार करते हुए 6 हवाई पट्टी बनाई जाएंगी. आगामी 30 साल में एयरपोर्ट का विस्तार करते हुए यहां पर यात्रियों की क्षमता 1.2 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष होगी. यह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विश्व का चौथा और एशिया का बड़ा हवाई अड्डा है. नोएडा एयरपोर्ट के बन जाने से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगातार निवेश बढ़ता जा रहा है.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने के लिए अप्वाइंटमेंट डेट 1095 दिनों की रखी गई थी. एयरपोर्ट का एग्रीमेंट 1 अक्टूबर को साइन हुआ था उस हिसाब से 29 सितंबर 2024 तक यहां से उड़ाने शुरू होने का लक्ष्य रखा गया है. एयरपोर्ट के रनवे का कार्य पूरा हो चुका है और यहां पर टेस्टिंग शुरू हो गई है.
एयरपोर्ट की हो चुकी है कैलिब्रेशन टेस्टिंग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कैलिब्रेशन टेस्टिंग भी की जा चुकी है. रनवे का कार्य पूरा होने के बाद कैलिब्रेशन टेस्टिंग की जाती है. यह टेस्टिंग नेविगेशन ऐड, रनवे पर लाइट की व्यवस्था और एयर स्पेस के प्रशिक्षण के लिए की जाती है. बीते दिनों एयरपोर्ट पर कैलिब्रेशन टेस्टिंग सफलतापूर्वक की जा चुकी है. अब जल्द ही यहां से उड़ाने शुरू हो जाएंगी.
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