देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी अब अंतिम चरण में है. आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी के संबंध में गठित कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह और उनके तमाम सहयोगियों ने नियमावली के ड्राफ्ट सौंपे. इस दौरान कमेटी अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह का कहना था कि अब उनका काम खत्म हो गया है. जो काम उन्हें सौंपा गया था, उसे पूरा कर सरकार को सौंप दिया गया है. वहीं, समान नागरिक संहिता की किताब पर बनी कानून की देवी की आंखों से पट्टी हटाई गई है. इसके अलावा हाथ में तलवार की जगह संविधान होगा, ये भी तय हो गया है.
कमेटी का काम हुआ खत्म: यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें जो काम सौंपा गया था, उसे पूरा कर दिया है. उन्होंने सभी बिंदु सिफारिशें में डाल दी हैं. अगर अभी भी सरकार चाहेगी कि तो वो करने को तैयार हैं, लेकिन ये तय हो गया है कि अब उनका काम पूरा हो गया है. उनके इस पर गर्व है कि उन्होंने उत्तराखंड के लिए एक बेहतर समान नागरिक संहिता को तैयार किया है.
ड्राफ्ट की महत्वपूर्ण जानकारी पर बात करते हुए शत्रुघ्न सिंह कहते हैं कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए इसमें कई तरह के प्रावधान दिए हैं. उन्हें उम्मीद है कि यूसीसी के लागू होने के बाद महिलाओं को वो अधिकार मिल जाएंगे, जिससे उन्हें वंचित रखा जाता था. अब तक जो फैमिली लॉ के मामले काफी जटिल हुआ करते थे, अब वो घर बैठे आसानी से सुलझा सकेंगे.
समान नागरिक संहिता की नियमावली हुई तैयार, शीघ्र लागू होगा क़ानून#UniformCivilCode pic.twitter.com/wFLoxdWDfs
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 18, 2024
लोगों के सुझाव पर समय-समय पर संशोधन: बीते 2 महीने पहले जब समान नागरिक संहिता को तैयार कर रही कमेटी ने पहली बार इस किताब को सार्वजनिक तौर पर दिखाया था. तब इसकी चर्चा हुई थी कि आखिरकार कानून की देवी की आंखों से पट्टी क्यों हटा दी गई है? इसके साथ ही ये भी चर्चा हुई थी कि हो सकता है अभी किताब में और संशोधन हो.
ये बात खुद शत्रुघ्न सिंह ने भी सार्वजनिक तौर पर कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर लोगों के सुझाव इस पर आते हैं तो समय-समय पर इसमें संशोधन किया जाएगा. वहीं, आज शत्रुघ्न सिंह ने किताब में छपी कानून की देवी को बिना पट्टी के दर्शाए जाने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की.
आज सचिवालय में समान नागरिक संहिता के सम्बंध में गठित की गई कमेटी ने नियमावली का ड्राफ्ट सौंपा। यह प्रत्येक उत्तराखण्डवासी के लिए गौरव का क्षण है कि हमारा प्रदेश समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 18, 2024
विशेषज्ञ समिति द्वारा बनाई गई नियमावली में विवाह एवं… pic.twitter.com/M6PXQcor5o
क्यों हटाई आंख से पट्टी? शत्रुघ्न सिंह कहते हैं इससे पहले जब यूसीसी को सार्वजनिक किया गया था, तब भी ऐसी ही तस्वीर थी, लेकिन अब ये स्पष्ट कर दिया है कि बिना आंखें खोले हम किसी के साथ कोई भी न्याय नहीं कर सकते. इसलिए आंखें खोलना जरूरी था. इस कानून के माध्यम से पुरुष और महिला दोनों को समान अधिकार देने की बात कर रहे हैं. ऐसे में किताब पर बनी कानून की देवी की आंखें बंद करना किसी भी सूरत में सही नहीं था.
ये है यूसीसी बनाने वाली टीम: धामी सरकार ने जिस पांच सदस्यीय समिति को यूसीसी ड्राफ्ट तैयार करने जिम्मेदारी दी गई थी. उसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को दी गई. इसके अलावा इस समिति में दून विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा को सदस्य बनाया गया है. जबकि, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ भी इसके सदस्य बनाए गए हैं.
क्या है यूसीसी? यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का मतलब सभी धर्म, जाति और संप्रदाय के लिए पूरे देश में एक तरह की व्यवस्था का होना है. यानी सभी को एक ही नियम कानून मानना पड़ेगा. जिसमें तीन तलाक, विवाह, बच्चों को गोद लेना, संपत्ति बंटवारा आदि शामिल होंगे.
यूसीसी को लेकर कब-कब क्या हुआ? विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लाने ऐलान किया. इसके बाद 27 मई 2022 को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाई गई. कमेटी में रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्य शामिल रहे. इसके बाद कमेटी ने 43 जनसंवाद कार्यक्रम किए.
यूसीसी को देवतुल्य जनता से किए गए वादे के अनुरूप शीघ्र ही प्रदेश में लागू किया जाएगा। अन्य राज्यों में भी यूसीसी को लागू करने की दिशा में यह कानून आदर्श साबित होगा।#UniformCivilCode pic.twitter.com/IqfO0yr1wr
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 18, 2024
इसमें 2.33 लाख लोगों से सुझाव लिए. 2 फरवरी 2024 को कमेटी ने सरकार को यूसीसी की रिपोर्ट सौंपी. 7 फरवरी को विधानसभा के पटल यूसीसी पारित किया गया. उसके बाद 11 मार्च को राष्ट्रपति ने भी यूसीसी विधेयक पर स्वीकृति दी. इसके बाद 12 जुलाई को यूसीसी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई. वहीं, आज यानी 18 अक्टूबर को यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी ने नियमावली सीएम धामी को सौंपी.
ये भी पढ़ें-