रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में बीते हफ्ते हुई अतिवृष्टि से आपदा जैसी स्थिति यात्रा मार्ग पर बनी हुई है. मार्ग पर कई जगह वॉशआउट हुआ है. सड़क एवं पैदल मार्गों के पुनर्स्थापना के लिए जिलाधिकारी सौरभ के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम चल रहा है. वहीं अपनी अति व्यस्त प्रशासनिक दिनचर्या के बावजूद भी डीएम सौरभ गहरवार उस जिम्मेदारी को भी निभा रहे हैं, जिसका सीधा दायित्व उन पर नहीं है.
दरअसल, शनिवार को डीएम सौरभ गहरवार अपने जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर टिहरी जिले के बिलेश्वर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पहुंचे. यहां उन्होंने करीब 130 महिलाओं के अल्ट्रासाउंड किए. रुद्रप्रयाग की जिम्मेदारी संभालने से पहले डॉ सौरभ गहरवार टिहरी में बतौर जिलाधिकारी एक साल अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इस दौरान उन्हें टिहरी के सीएचसी बिलेश्वर में अल्ट्रासाउंड डॉक्टर की कमी की जानकारी मिली थी. स्थानीय महिलाओं की समस्या को समझते हुए उन्होंने सीएचसी बिलेश्वर में अल्ट्रासाउंड करना शुरू किया.
टिहरी में किया अल्ट्रासाउंड: गौर है कि जिलाधिकारी सौरभ गहरवार सिविल सेवाओं में आने से पहले बतौर रेडियोलॉजिस्ट सेवाएं दे चुके हैं. टिहरी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने लगातार सीएचसी बिलेश्वर में अपनी सेवाएं दी. पिछले वर्ष रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद भी बिलेश्वर के लोगों की जरूरत एवं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए रुद्रप्रयाग से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिलेश्वर सीएचसी में डॉ. सौरभ गहरवार लगातार अल्ट्रासाउंड की सेवाएं दे रहे हैं.
टिहरी में रह चुके हैं डीएम: डॉ. सौरभ गहरवार जब टिहरी जिले डीएम थे, तब भी लगातार बिलेश्वर सीएचसी अल्ट्रासाउंड करने जाते रहे हैं. वहां रेडियोलाजिस्ट न होने से आ रही दिक्कतों को देखते हुए वह खुद अल्ट्रासाउंड करते रहे हैं. टिहरी में अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने लगातार सीएचसी बिलेश्वर में अपनी सेवाएं दी. पिछले साल रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद उनका फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर रहा है.
रुद्रप्रयाग में किया 350 अल्ट्रासाउंड: रेडियोलाजिस्ट होने के बाद भी वह जिला अस्पताल और सीएचसी अगस्त्यमुनि में अल्ट्रासाउंड करते रहे हैं. एक साल में वह दोनों जगह करीब 350 अल्ट्रासाउंड कर चुके हैं. साथ ही टिहरी जिले के बिलेश्वर सीएचसी में मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह वहां 700 से ज्यादा अल्ट्रासांउड कर चुके हैं. यहां रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण डीएम को अपने बीच पाकर अस्पताल का स्टाफ और मरीज खुश नजर आए.
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