गोरखपुर: ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा "गौमाता को राष्ट्र माता" का दर्जा दिए जाने के आह्वान और अभियान के क्रम में गोरखपुर में गुरुवार को उनके शिष्यों और वाणिज्य कर अधिवक्ता संगठन ने मिलकर एक संकल्प सभा का आयोजन किया. जहां पर रुद्राभिषेक के माध्यम से भी इस अभियान को ताकत देने का प्रयास किया गया. इस दौरान गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करने का लोगों ने संकल्प लिया.
गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह, महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक ऋषि तिवारी समेत कई जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों ने अपनी सहमति जताते हुए आगामी 10 मार्च को 10:00 बजे 10 मिनट के लिए प्रतीकात्मक रूप से गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए भारत बंद के शंकराचार्य के आह्वान को सफल बनाने का संकल्प लिया. लोगों को यह संकल्प शंकराचार्य के दीक्षित एडवोकेट मनीष कुमार पांडेय ने दिलाया. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के नेतृत्व में गंगा को राष्ट्र नदी का दर्जा दिलाया जा सकता है तो मौजूदा समय में देश-प्रदेश की बहुत ही मजबूत सरकार से हम गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की अपील पुरजोर तरीके से क्यों नहीं कर सकते. गाय सिर्फ हमारी और भारत की नहीं, पूरे विश्व की माता है यह शास्त्र में वर्णित है.
मनीष पांडेय ने कहा कि यह संकल्प चारों पीठों के शंकराचार्य लोगों ने मिलकर लिया है. देश में गो हत्या मांस का निर्यात रुकना चाहिए. इसके साथ ही बूचड़खाने बंद होने चाहिए. उन्होनें कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी कहते है कि सनातन धर्म में गो हत्या महापाप है. गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है. इसलिये सत्ता में आकर गोहत्या कराने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है. हिन्दुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है. अब जब देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और रामजी के आने की बात कही जा रही है. तब भी अमृत (दूध) देने वाली गोमाता की हत्या होती रहे तो यह सरासर अन्याय है. इसीलिए हम सब हिन्दू सनातनी चाहते हैं कि भारत में गोहत्या को दण्डनीय अपराध माना जाए और गोमाता को पशुसूची से निकालकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाए. जिस प्रकार देश में राष्ट्र ध्वज, राष्ट्रीय पक्षी आदि को संविधान में सम्मान प्राप्त है, वैसे ही गौमाता को भी राष्ट्र माता का सम्मान प्राप्त हो.
मनीष पांडे ने कहा कि शंकराचार्य भगवान कहते हैं कि हमारा धर्म हमें यह भी सिखाता है कि यदि हम गलत करने वाले का समर्थन करते हैं तो हमें भी उस गलत कार्य को करने का पाप भोगना पड़ता है. इसीलिए हम गोभक्त सनातनी हिन्दुओं से यह कहना चाहते हैं कि आप गोहत्यारी पार्टियों को अपना अमूल्य वोट देकर गोहत्या के महापाप के भागी न बनें. गोमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि वर्ष 1966 में जहां गोभक्तों पर गोली चली थी. संसद भवन दिल्ली के उस स्थान पर जाकर वहां गो की रक्षा करने के संकल्प के साथ उनकी यह यात्रा पूर्ण होगी. मार्ग में सभी राजनीतिक दलों को अवसर होगा कि वे यात्रा में सम्मिलित होकर गोरक्षा का संकल्प लें और उद्घोषणा करें. भारत से गोहत्या बन्द करने के लिए आप सबको आगे आना है. इसके लिए आगामी 10 मार्च को पूर्वाह्न 10 बजे केवल 10 मिनट के लिए अपने-अपने घर, कार्यालय अथवा प्रतिष्ठान के बाहर निकलकर गोमाता के प्रति अपने हृदय की भावना को व्यक्त करेंगे. पूरे देश में यह बन्दी रखकर गोरक्षा का सन्देश देना है.