रांचीः राजधानी रांची के बिरसा चौक के पास भाजपा नेता स्वर्गीय कैलाशपति मित्र के प्रतिमा को हटाने के लिए आदिवासी संगठनों ने भारी हंगामा किया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरना समिति के कार्यकर्ता स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा को तोड़ने के लिए पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
'झारखंड विरोधी थे कैलाशपति मिश्र'
भाजपा के बड़े नेता रहे स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा को हटाने के लिए राजधानी रांची में रविवार को भारी हंगामा हुआ. आदिवासी संगठनों का आरोप है कि कैलाशपति मिश्र झारखंड विरोधी थे उनका झारखंड आंदोलन में कोई योगदान नहीं था इसके बावजूद शहर के बीचो-बीच उनकी प्रतिमा लगा दिया गया है. आदिवासी संगठन किसी भी तरह प्रतिमा को हटाने के लिए अड़े रहे.
महिलाएं पुलिस से भिड़ीं
स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा को हटाने के लिए बड़ी संख्या में सरना झंडा हाथों में लिए महिलाएं भी मौके पर पहुंची थीं. जब पुलिस ने उन्हें प्रतिमा के पास जाने से रोक दिया तो कुछ महिलाएं पुलिस से ही भीड़ गईं. इस दौरान काफी हो-हंगामा देखने को मिला.
पुलिस ने तैयार कर रखा था घेरा
वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता हटिया डीएसपी पीके मिश्रा सहित दर्जन भर पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा घेरा तैयार कर रखा था. जिसकी वजह से समिति के लोग कैलाशपति मिश्र के प्रतिमा तक नहीं पहुंच पाए. रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 144 लगाया गया था. राजकुमार मेहता ने बताया की भीड़ को समझा बूझकर वापस भेज दिया गया है.