सरगुजा : रेडक्रॉस सोसायटी सरगुजा के नए सदस्यों का चुनाव बीजेपी कार्यकर्ताओं के हंगामे के कारण स्थगित कर दिया गया. सरगुजा रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदितेश्वर शरण सिंहदेव थे. लेकिन आज जब कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई तो बीजेपी के कार्यकर्ताओ ने अपनी ही सरकार में नियम विरुद्ध निर्वाचन करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. हंगामे के बीच अंततः प्रशासन ने निर्वाचन स्थागित कर दिया. जिसके बाद हंगामा कर रहे बीजेपी कार्यकर्ता शांत हो गए. लेकिन अब कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले आदितेश्वर शरण सिंहदेव इस फैसले के खिलाफ न्यायालय जाने की तैयारी में हैं.
हंगामे के कारण चुनाव निरस्त : भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा सरगुजा के प्रबंध समिति में चेयरमैन, वायस चेयरमैन, कोषाध्यक्ष एवं राज्य प्रबंधक समिति का चुनाव 19 दिसम्बर को 11 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया था. इस चुनाव के लिए करीब 750 मतदाताओं को मतदान करना था. लेकिन मतदान हुआ ही नही. हंगामे के बीच प्रशासन को चुनाव निरस्त करना पड़ा. बड़ी बात ये रही कि इस प्रक्रिया में भाग लेने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी पहुंचे थे. लेकिन हंगामे की स्थिति के बाद वो वहां से चले गए.
सरकार पर गंभीर आरोप : बीजेपी नेता अभिषेक शर्मा ने अपनी ही सरकार में प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी सरगुजा के अध्यक्ष कलेक्टर ने ये चुनाव आमंत्रित किया था. इसकी सूचना अखबार के माध्यम से 5 तारीख को प्रकाशित की गई थी. 13 को चुनाव होना है जब हम लोगों ने आपत्ति दर्ज की तो 19 को चुनाव रखा गया. इस बीच हम लोगों ने दो आपत्ति लगाईं की ये चुनाव वैधानिक तरीके से करें, ये चुनाव अवैधानिक तरीके से हो रहा है. पिछले आय व्यय का ब्यौरा दें. जो 82 लाख रुपये सरप्लस पड़ा हुआ है. उसकी जानकारी दें. ऐसी सरल प्रक्रिया का पालन करें कि आम जनमानस भी इस सोसायटी का सदस्य बन सके. क्योंकि सेवा के लिए ये सोसायटी बनी हुई है.
हमने 5 सौ लोगों की सदस्यता के लिए डीपीएम सरगुजा को सदस्य बनाने के लिए रसीद मांगी,लेकिन रसीद उपलब्ध नहीं कराई गई. जब कांग्रेस पार्टी के लोग जब गए तो इन लोगों को रसीद उपलब्ध करा दी गई. अनैतिक और अवैधानिक तरीके से उनकी रसीद काटी गई. 2 नवम्बर 2019 को ये लोग 250 वोटर एक दिन में जोड़े थे. इसी प्रकार 200 सदस्य आज फिर बना लिए. हमारे लिए नियम कानून बना है और इनके लिए अलग बना है. भ्रष्टाचार और अनैतिकता के आधार पर कोई भी काम नहीं किया जा सकता है. हमने चुनाव निरस्त करने की मांग की है- अभिषेक शर्मा, बीजेपी नेता
वहीं इस मामले में रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन आदितेश्वर शरण सिंहदेव का कहना है कि ये लोग मेम्बर नहीं बना पाए. नए मेम्बर बने उसमें भी दिक्कत हो रही है. फिर ये कह रहे हैं कि मेम्बर की दावा आपत्ति का समय नहीं मिला. 17 दिन तक दावा आपत्ति का समय था तब क्या आप सो रहे थे. आज कम से कम 20 से अधिक पुलिस वाले यहां उपस्थित थे. लेकिन कुछ 15-20 लोग आकर यहां हल्ला गुल्ला मचाकर चुनाव निरस्त करा देते हैं और प्रशासन कहता है कि हम ला एंड आर्डर मेंटेन नहीं कर पाए.
क्या मंशा है ये साफ दिखता है, हम लोग एक समाज सेवी संस्था के चुनाव के लिए आए थे. हमने सोचा था कि मिलजुलकर एक अच्छा संगठन बनाएंगे. जिसके जिम्मेदारी मिलेगी उसको सपोर्ट करेगे. लेकिन यहां तो पूरा बवाल देखने को मिला. पीठासीन अधिकारी से जब हमने कारण पूछा तो उन्होंने प्रतिवेदन भी नहीं दिया है- आदितेश्वर शरण सिंहदेव, चेयरमैन रेडक्रॉस सोसायटी
आदितेश्वर शरण सिंह देव के मुताबिक इस संगठन ने सरगुजा को बहुत कुछ दिया है. कैंसर का इलाज, सिकलसेल का इलाज, ब्लड बैंक की व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण काम इस संस्था ने किए हैं. उसको इस तरह से भंग करना सही नही है. हम प्रतिवेदन मिलने के बाद चुनाव कराने के लिए आवेदन करेंगे.जरूरत पड़ी तो लीगल एक्शन भी लिया जाएगा. क्योंकि रेडक्रॉस के इलेक्शन में वो लोग किस अधिकार से अंदर आए जो रेडक्रॉस के मेम्बर ही नही हैं. यहां नारेबाजी की रिटर्निग ऑफिसर पर दबाव बनाया. कागज फाड़े और शांति भंग की. हमें कारण बताया गया है कि ला एंड आर्डर मेंटेन नहीं कर पाने के कारण चुनाव स्थगित किया गया. तो मुझे उम्मीद है कि लोग जो रेडक्रॉस सोसायटी के मेम्बर नहीं हैं और यहां आकर अव्यवस्था फैलाएं हैं उन लोगों पर प्रशासन एफआईआर जरूर दर्ज करेगा.
आपको बता दें कि ये हंगामा बड़ा ही अजीब था. क्योंकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी के ही लोग प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस के पक्ष में काम हो रहा है. नियम विरुद्ध चुनाव करवाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पक्ष के लोग जो करीब 500 सदस्यों के साथ चुनाव के लिए तैयार बैठे थे वो चुनाव निरस्त किये जाने का विरोध कर रहे हैं.कांग्रेस नेता अब न्यायालय की शरण में जाने की बात कह रहे हैं.