जयपुर: मंत्री के बेटे को सरकारी अधिवक्ता नियुक्त करने के मुद्दे पर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए प्रदेश 12 जिलों में सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि देश में सीआरपीसी 30 जून को खत्म हो गई है और 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू हो गई है, लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव ने 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए हैं, वो सीआरपीसी के तहत नियुक्त किए गए हैं. जबकि उनकी नियुक्ति बीएनएस के तहत होनी चाहिए थी.
इसके बाद टीकाराम जूली ने कहा कि एक मंत्री के बेटे को सरकारी वकील के तौर पर नियुक्ति दी गई है. उन्होंने इस पर चर्चा करने और मंत्री से जवाब दिलवाने की मांग की. स्पीकर ने चर्चा करने से इनकार किया तो प्रतिपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि मंत्री का बेटा होना गुनाह नहीं है. नियमों में आएगा तो ही बना होगा.
उन्होंने प्रतिपक्ष से पूछा कि वैभव गहलोत आरसीए के सदस्य कैसे बने, हमें पता नहीं है क्या. इसके बाद प्रतिपक्ष ने फिर हंगामा किया. कांग्रेस के सचेतक रफीक खान वैल में आ गए. विपक्ष के सदस्यों ने जवाब देने की मांग को लेकर नारेबाजी की और मंत्री से जवाब दिलवाने की मांग की. प्रतिपक्ष ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की. स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आप नियमों के तहत आइए. आज नियमों के तहत आप आएंगे तो कल इस पर व्यवस्था दी जाएगी. हालांकि, प्रतिपक्ष के सदस्य इस पर शांत नहीं हुए और नारेबाजी करते रहे.
अजमेर-जयपुर हाईवे खराब, बंद हो टोल वसूली : भाजपा विधायक हरिसिंह रावत ने अजमेर-जयपुर हाईवे की खस्ताहाल सड़क और सर्विस लेन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जयपुर किशनगढ़ हाइवे पर फ्लाईओवर की हालात खराब है. सर्विस रोड की भी हालत खराब है. प्रसव के लिए आते समय महिला की रक्तस्त्राव से मौत हो गई. उन्होंने मांग की कि जब तक सड़क सही नहीं हो तो टोल वसूली बंद की जाए. इस पर स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. सड़क खराब है और बरसात में हालत ज्यादा खराब हो गई है. छह-छह घंटे जाम में वाहन फंसे रहते हैं. इस पर समुचित कार्रवाई की जाए.
कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर सदन से निलंबित : टीकाराम जूली द्वारा उठाए गए मुद्दे पर करीब 50 मिनट तक प्रतिपक्ष के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की. स्पीकर प्रो. वासुदेव देवनानी ने विपक्ष के सदस्यों को नियमों के तहत अपनी बात रखने को कहा. इस बीच कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर आवेश में आ गए. सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर को सदन की कार्यवाही से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया. इस पर स्पीकर प्रो. देवनानी ने मुकेश भाकर को सदन से निलंबित करने की व्यवस्था दी और सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.