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अस्पताल में बदल गया बच्चा, बेटे के लिए मां ने डाला डेरा - RUCKUS IN DURG DISTRICT HOSPITA

शबाना कुरैशी के परिजन अब मांग कर रहे हैं कि उनको उनका बच्चा साधना से लेकर सौंपा जाए.

Durg District Hospital
बेटे के लिए मां ने डाला डेरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 4, 2025, 6:33 PM IST

Updated : Feb 4, 2025, 6:59 PM IST

दुर्ग: जिला अस्पताल दुर्ग में बच्चों की अदला बदली के विवाद में नया मोड़ आ गया है. शबाना कुरैशी के परिजन आज अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे. बच्चे को जन्म देने वाली महिला शबाना कुरैशी के परिजनों का कहना था कि उनको उनका बच्चा दे दिया जाए. शबाना का कहना था कि वो बच्चे के साथ अस्पताल में एडमिट रहेगी जबतक उनको उनका बच्चा नहीं मिल जाता है. शबाना कुरैशी के परिजन बच्चों की अदला बदली के केस में दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं.

बच्चे की अदला बदली पर हंगामा: शबाना कुरैशी का कहना है कि उसके पास जो बच्चा है वो साधना का है. जबकी उनका बच्चा साधना के पास है जिसे हासिल करने के लिए वो यहां आए हैं. अस्पताल प्रबंधन लगातार इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है पर ये विवाद और गहराता जा रहा है. सोमवार को शबाना कुरैशी की ओर से कहा गया था कि वो बच्चे की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट को भी तैयार हैं. खुद दुर्ग कलेक्टर ने भी कहा था कि अगर विवाद नहीं सुलझा तो वो डीएनए टेस्ट के लिए परिजनों से बात करेंगे.

बेटे के लिए मां ने डाला डेरा (ETV Bharat)

मेरे पास जो बच्चा है वो साधना का बच्चा है. मेरा जो बच्चा है वो साधना के पास चला गया है. ये पूरी लापरवाही अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की वजह से हुआ है. जबतक मुझे मेरा बच्चा नहीं मिल जाता तबतक मैं बच्चे की देखभाल के लिए यहां पर एडमिट रहूंगी. प्रशासन जल्द से जल्द मेरा बच्चा मुझे लौटाए - शबाना कुरैशी

हम बच्चे को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारी मदद करे. साधना के पास जो हमारा बच्चा है वो हमें सौंपा जाए. साधना का बच्चा हमारे पास है. हमारी बेटी उसका पूरा ध्यान रख रही है. बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है - शबाना के चाचा

क्या है पूरा विवाद: 23 जनवरी को जिला अस्पताल दुर्ग में दो बच्चों का जन्म हुआ. दोनों के जन्म में कुछ वक्त का अंतर रहा. एक बच्चे को जन्म देने वाली मां का नाम शबाना कुरैशी है जबकी दूसरी महिला का नाम साधना है. जन्म के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने दोनों गलत बच्चा सौंप दिया. इस बात का खुलासा तब हुआ जब दोनों महिलाएं अपने अपने बच्चे को लेकर घर चली गईं. शबाना ने घर पहुंचकर देखा कि उनके बच्चे के हाथ में जो बैंड लगा है उसपर साधना लिखा है.

साधना की दलील: साधना नाम की महिला का कहना है कि उसने दस दिनों तक बच्चे की देखभाल की है. बच्चा कैसे दूसरे को दे सकते हैं. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अब दोनों परिवार बच्चे के लिए परेशान है. अस्पताल प्रबंधन और जिला अस्पताल दुर्ग लगातार ये कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द विवाद खत्म हो.

शबाना की बिगड़ी तबीयत: बच्चे को हासिल करने के तनाव में अस्पताल पहुंची शबाना की तबीयत बिगड़ गई है. शबाना का कहना है कि जबतक उसका बच्चा नहीं मिलता तबतक वो यहां बच्चे के साथ रहेगी और उसकी भी देखभाल करेगी. शबाना के परिवार वालों का कहना है कि बच्चे के लिए शबाना परेशान है और उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है.

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दुर्ग: जिला अस्पताल दुर्ग में बच्चों की अदला बदली के विवाद में नया मोड़ आ गया है. शबाना कुरैशी के परिजन आज अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे. बच्चे को जन्म देने वाली महिला शबाना कुरैशी के परिजनों का कहना था कि उनको उनका बच्चा दे दिया जाए. शबाना का कहना था कि वो बच्चे के साथ अस्पताल में एडमिट रहेगी जबतक उनको उनका बच्चा नहीं मिल जाता है. शबाना कुरैशी के परिजन बच्चों की अदला बदली के केस में दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं.

बच्चे की अदला बदली पर हंगामा: शबाना कुरैशी का कहना है कि उसके पास जो बच्चा है वो साधना का है. जबकी उनका बच्चा साधना के पास है जिसे हासिल करने के लिए वो यहां आए हैं. अस्पताल प्रबंधन लगातार इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है पर ये विवाद और गहराता जा रहा है. सोमवार को शबाना कुरैशी की ओर से कहा गया था कि वो बच्चे की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट को भी तैयार हैं. खुद दुर्ग कलेक्टर ने भी कहा था कि अगर विवाद नहीं सुलझा तो वो डीएनए टेस्ट के लिए परिजनों से बात करेंगे.

बेटे के लिए मां ने डाला डेरा (ETV Bharat)

मेरे पास जो बच्चा है वो साधना का बच्चा है. मेरा जो बच्चा है वो साधना के पास चला गया है. ये पूरी लापरवाही अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की वजह से हुआ है. जबतक मुझे मेरा बच्चा नहीं मिल जाता तबतक मैं बच्चे की देखभाल के लिए यहां पर एडमिट रहूंगी. प्रशासन जल्द से जल्द मेरा बच्चा मुझे लौटाए - शबाना कुरैशी

हम बच्चे को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि प्रशासन हमारी मदद करे. साधना के पास जो हमारा बच्चा है वो हमें सौंपा जाए. साधना का बच्चा हमारे पास है. हमारी बेटी उसका पूरा ध्यान रख रही है. बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है - शबाना के चाचा

क्या है पूरा विवाद: 23 जनवरी को जिला अस्पताल दुर्ग में दो बच्चों का जन्म हुआ. दोनों के जन्म में कुछ वक्त का अंतर रहा. एक बच्चे को जन्म देने वाली मां का नाम शबाना कुरैशी है जबकी दूसरी महिला का नाम साधना है. जन्म के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने दोनों गलत बच्चा सौंप दिया. इस बात का खुलासा तब हुआ जब दोनों महिलाएं अपने अपने बच्चे को लेकर घर चली गईं. शबाना ने घर पहुंचकर देखा कि उनके बच्चे के हाथ में जो बैंड लगा है उसपर साधना लिखा है.

साधना की दलील: साधना नाम की महिला का कहना है कि उसने दस दिनों तक बच्चे की देखभाल की है. बच्चा कैसे दूसरे को दे सकते हैं. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अब दोनों परिवार बच्चे के लिए परेशान है. अस्पताल प्रबंधन और जिला अस्पताल दुर्ग लगातार ये कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द विवाद खत्म हो.

शबाना की बिगड़ी तबीयत: बच्चे को हासिल करने के तनाव में अस्पताल पहुंची शबाना की तबीयत बिगड़ गई है. शबाना का कहना है कि जबतक उसका बच्चा नहीं मिलता तबतक वो यहां बच्चे के साथ रहेगी और उसकी भी देखभाल करेगी. शबाना के परिवार वालों का कहना है कि बच्चे के लिए शबाना परेशान है और उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है.

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Last Updated : Feb 4, 2025, 6:59 PM IST
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