लखनऊ: स्कूली वाहनों से लगातार हो रहे हादसे चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. नौनिहालों की जान से खिलवाड़ हो रहा है और परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते सख्ती भी नहीं दिखा रहे हैं. बढ़ते स्कूली वाहनों के हादसों पर परिवहन विभाग ने अब स्कूली वाहनों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है. आरटीओ लखनऊ की तरफ से 316 स्कूली वाहनों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया है और 21 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है. इस बड़ी कार्रवाई से अब अवैध तरीके से स्कूली वाहन चलाने वाले संचालकों में खलबली मच गई है.
लखनऊ के संभागीय परिवहन अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि स्कूली वाहनों के साथ ही अन्य वाहन जो परिवहन विभाग के मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन पर विभाग की तरफ से सख्ती दिखाई जा रही है. लखनऊ आरटीओ कार्यालय की तरफ से अगर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जाए तो 316 स्कूली वाहनों का पंजीकरण निलंबित किया गया है. 21 वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. 107 अन्य वाहन सरेंडर कराए गए हैं. लगातार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
बताया कि परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्तों की पकड़ में ऐसे अवैध वाहन आ रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन सस्पेंड और कैंसिल करने की कार्रवाई हो रही है. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने परिवहन विभाग की बैठक ली थी जिसमें उन्होंने अनफिट स्कूली वाहनों के चलने पर सख्त नाराजगी जताई थी. उन्होंने साफ तौर पर परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि 31 अगस्त तक सभी वाहनों की जांच करा लें. इसके बाद अगर सड़क पर अनफिट स्कूली वाहन नजर आते हैं तो वाहन स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. मुख्य सचिव ने अवैध वाहनों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. चीफ सेक्रेटरी के सख्त रवैए के बाद अब स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में और तेजी दिखाई जा रही है.