रायपुर : छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत शिक्षा देने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 6 हजार 554 निजी विद्यालय संचालित है जिसके लिए के प्रारंभिक कक्षा में कुल आरक्षित 52 हजार 872 सीट आरक्षित है. इन सीटों के लिए लगभग एक लाख 22 हजार 270 आवेदन प्राप्त हुए हैं। निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में आज 16 हजार 036 विद्यार्थियों का चयन किया गया है.
20 मई को निकली पहली लॉटरी : संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रथम चरण के लिए 20 मई को लाटरी निकाली. लॉटरी निकालने के दौरान निजी विद्यालय संगठन, पालक और पत्रकार भी मौजूद रहे. इस दौरान रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, जशपुर और जगदलपुर जिलों की लॉटरी निकाली गई है. जिनमें रायपुर में 5 हजार 126 आरक्षित सीटों के लिए 4 हजार 655, दुर्ग में 4 हजार 293 सीटों के लिए 3 हजार 462, बिलासपुर में 4 हजार 558 सीटों के लिए 3 हजार 609, राजनांदगांव में एक हजार 703 सीटों के लिये एक हजार 471, कवर्धा में एक हजार 351 सीटों के लिए एक हजार 242, जशपुर में एक हजार 252 सीटों के लिए 895 और जगदलपुर में 761 सीटों के लिए 702 विद्यार्थियों का चयन किया गया है.
विद्यार्थियों को मैसेज भेजकर दी जाएगी सूचना : चयनित विद्यार्थियों को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिये सूचित किया जाएगा. इसके बाद इन विद्यार्थियों को एक जून से 30 जून के बीच चयनित विद्यालयों में प्रवेश लेना होगा. विद्यार्थियों के चयन के लिए की जाने वाली ऑनलाइन लॉटरी की प्रक्रिया पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत एवं मानव हस्तक्षेप रहित प्रक्रिया है. शेष बची सीटों पर आवेदकों से दोबारा आवेदन आमंत्रित करने की प्रक्रिया की जाएगी. इसके लिए एक जुलाई से 8 जुलाई तक निर्धारित है. द्वितीय चरण के लॉटरी की प्रक्रिया 17 जुलाई से 20 जुलाई के बीच होगी.
क्या है RTE सिस्टम : गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिल सके, इसके लिए देशभर में राइट टू एजुकेशन अधिनियम 2010 में लागू किया गया था. छत्तीसगढ़ में राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए 30,000 सीटों की संख्या घट गई है. छत्तीसगढ़ में पिछले साल प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 80,000 से अधिक सीटें रिजर्व थी. लेकिन इस साल RTE में प्रवेश के लिए 52,056 सीटें ही पोर्टल पर दिखाई दे रही है.