RSS with Cm Yogi: गोरखपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) पांच दिवसीय प्रवास पर गोरखपुर पहुंचे हैं. आज उनके प्रवास का दूसरा दिन है. शाम को संघ प्रमुख मोहन भागवत सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात करेंगे. बीजेपी (BJP) से दूरियों के बीच सीएम योगी और भागवत की मुलाकात ने संघ को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गईं हैं. कहा जा रहा है कि यूपी में संघ सीएम योगी के पक्ष में उतर आया है. इसे कहीं न कहीं सीएम योगी को मजबूत करने की कवायद मानी जा रही है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत पांच दिवसीय प्रवास पर गोरखपुर पहुंचे हैं. वह यहां संघ के कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. इस बीच वह शनिवार शाम सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे. उनकी यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. चर्चा हैं कि कही न कहीं संघ सीएम योगी के पक्ष में आ रहा है ताकि उन्हें कहीं से भी कमजोर न पड़ने दिया जाए. इसे बीजेपी के लिए संघ के एक संदेश के रूप में भी माना जा रहा है.
सीएम योगी को लेकर कई चर्चाएं
यूपी में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद चर्चाएं तेज हो गईं थी कि कहीं इसका खामियाजा सीएम योगी को न भुगतना पड़ जाए. कहा जा रहा था कि बीजेपी हाईकमान उन्हें लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकता है. हालांकि सीएम योगी की मौजूदा छवि को देखते हुए बीजेपी के लिए ऐसा कोई बड़ा फैसला लेना बेहद कठिन माना जा रहा है. वहीं बीजेपी से चुनाव में दूरी के बाद अचानक संघ प्रमुख का गोरखपुर पहुंचना और फिर सीएम योगी से मुलाकात का फैसला करना बेहद अहम माना जा रहा है.
क्या 'योगी के पीछे संघ है' का संदेश दिया जा रहा ?
बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. खासकर यूपी में तो पार्टी की हालत बेहद खराब हो गई है. कहा जा रहा है कि कहीं न कहीं इसके पीछे संघ की दूरी भी जिम्मेदार है. वहीं, मोहन भागवत लोकसभा चुनाव में हार के बाद यूपी में पहली बार किसी बीजेपी नेता से सार्वजनिक रूप से मिलने जा रहे हैं. वह नेता हैं योगी आदित्यनाथ. कहा जा रहा है कि योगी की कार्यशैली को संघ बेहद पसंद करता है. कहा जा रहा है कि भागवत और योगी की मुलाकात कहीं न कहीं ये संदेश देने का काम करेगी कि योगी के साथ संघ है. इसे सीएम योगी के लिए बेहद मजबूत पक्ष माना जा रहा है.
भागवत और इंद्रेश इशारों में जता चुके हैं BJP से नाराजगी
बता दें कि लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद संघ संचालक मोहन भागवत का बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. राज्य में 10 साल पहले शांति थी। ऐसा मालूम पड़ता था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा देखी गई. वहीं, एक बयान में उन्होंने अंहकार का जिक्र कर इशारों-इशारों में बीजेपी पर हमला बोला था. इसके बाद संघ सदस्य रतन शारदा ने भी आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में बीजेपी पर निशाना साधा था. वहीं, कल संघ नेता इंद्रेश कुमार ने भी इशारों-इशारों में बीजेपी को अहंकारी बताया था. हालांकि बाद में संघ की ओर से सफाई सामने आई थी कि ऐसा कुछ भी नहीं है.
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