कोटा : शहर में घरों और फैक्ट्रियों में नेचुरल गैस की सप्लाई के लिए राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड (RSGL) की पाइप लाइन बिछी हुई है. इस लाइन को शनिवार को दो बार तोड़ दिया गया. इससे बड़ी मात्रा में गैस लीकेज हो गई. इसमें एक बार 20 एमएम और दूसरी बार 63 एमएम की लाइन टूट गई. एक ही दिन में दो बार लाइन टूटने से हड़कंप मच गया. आसपास के लोग वहां से दूर भाग गए. आग लगने की आशंका को देखते हुए दमकल वाहन और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. इस मामले में आरएसजीएल ने कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (KEDL) पर खंभा डालते समय लाइन तोड़ने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर बिजली कंपनी का कहना था कि गैस पाइपलाइन जमीन के नीचे है. इसकी मार्किंग नहीं होने के चलते यह सब हुआ है.
राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर(ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) सी पी चौधरी ने बताया कि श्रीनाथपुरम इलाके में राजपूत भवन के नजदीक करीब 3 बजे गैस लीकेज हो रही थी. केईडीएल की तरफ से ठेकेदार गोविंद बिजली का खंभा लगाने का काम कर रहा था. उसने गड्ढा खोदते समय लाइन को काट दिया. इसी प्रकार सुबह भी विवेकानंद नगर में खंभा लगाते समय लाइन लीकेज हो गई. इसके चलते 150 से 200 घरों में गैस की सप्लाई बाधित रही.
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दर्ज करवाएंगे मुकदमा, केईडीएल बोला नहीं थी मार्किंग: डीजीएम चौधरी का कहना था कि सूचना मिलने पर टीम तुरंत मौके पर पहुंची और मशीन को बुलाकर लाइन के लीकेज को बंद किया गया. इस मामले में केईडीएल की लापरवाही रही है. बड़ी मात्रा में गैस लीकेज हुई है. इसकी भी हम पूरी कैलकुलेशन कर रहे हैं. केईडीएल ने बिना बताए काम शुरू कर दिया. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे. इधर, केईडीएल के एईएन संतलाल प्रजापति का कहना था कि केवल एक खंभा डाला जा रहा था. लाइन भी महज ढाई फीट नीचे ही थी. जिस जगह खंभा गाडा जा रहा था, वहां ऐसी कोई मार्किंग नहीं थी, जिससे पता चले कि यहां से गैस पाइपलाइन गुजर रही है. इसलिए यह गड़बड़ी हो गई.