कानपुर: शहर में कुछ दिनों पहले डीजीजीआई की टीम ने सरिया निर्माता व उद्यमी नवीन जैन को 52 करोड़ रुपये की कर चोरी मामले में गिरफ्तार किया था. गुरुवार को इस मामले की एडीजे-21 कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां उद्यमी की ओर से जब पक्ष रखा गया तो कोर्ट ने उसे सुना जरूर, मगर नवीन जैन द्वारा किए गए अपराध को गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.
जैसे ही यह जानकारी शहर के उद्यमियों को मिली, तो उनके बीच इस मामले की चर्चा जोरों पर रही. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि उद्यमी की ओर से जो बातें बताई गईं, उससे कोर्ट सहमत नहीं था. कोर्ट का कहना था, कि आर्थिक अपराध कहीं से भी क्षम्य नहीं है. कोर्ट की ओर से जो आदेश जारी किया गया, उसमें इस बात का जिक्र है कि नवीन जैन ने जो अपराध किया वह राष्ट्र की उन्नति के विरुद्ध है.
इससे देश की आर्थिक नीतियों पर असर पड़ता है. आर्थिक मामलों में कोर्ट की ओर से राहत नहीं दी जा सकती है. जैसे ही उद्यमी नवीन जैन की जमानत याचिका खारिज हुई, तो कोर्ट में मौजूद उनके परिचितों के चेहरे मुरझा गए. वहीं, याचिका खारिज होने के चलते फिलहाल उद्यमी नवीन जैन को जेल में ही रहना होगा.
उर्सला अस्पताल में उद्यमी नवीन जैन का इलाज जारी: मामले को लेकर जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि फिलहाल उद्यमी नवीन जैन का शहर के उर्सला अस्पताल में इलाज जारी है. जब कुछ दिनों पहले डीजीजीआई की टीम ने उद्यमी को अरेस्ट किया था, तो उन्होंने पहले अपने हार्ट में दिक्कत बताई थी. ऐसे में जेल प्रशासन ने जहां उन्हें कार्डियोलॉजी भेजा था, तो वहीं चेकअप के बाद उद्यमी को उनके परिजनों ने उर्सला अस्पताल में ही भर्ती करा दिया था.
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