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शिक्षक भर्ती पेपर लीक केस : ED की पूरक अभियोजन शिकायत पर कोर्ट ने लिया संज्ञान - RPSC Paper Leak Case

RPSC Paper Leak Case, आरपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में धनशोधन कानून के तहत जांच कर रही ईडी ने 5 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पूरक अभियोजन शिकायत पेश की थी. अब कोर्ट ने ईडी की एसपीसी पर संज्ञान लिया है.

RPSC Paper Leak Case
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 19, 2024, 9:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में धनशोधन कानून के तहत जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पूरक अभियोजन शिकायत पेश की है. ईडी ने इन पांच आरोपियों के खिलाफ इस साल फरवरी में पूरक अभियोजन शिकायत (एसपीसी) दायर की थी. इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से प्रेस बयान जारी कर बताया गया कि ईडी (जयपुर) ने पीएमएलए मामलों के विशेष कोर्ट के समक्ष शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के पांच आरोपियों पुखराज, पीरा राम, सुरेश कुमार उर्फ ​​सुरेश साव, विजय डामोर और अरुण शर्मा के खिलाफ पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत एक पूरक अभियोजन शिकायत (एसपीसी) दायर की है.

इस साल 28 फरवरी को एजेंसी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने के लिए आरोपियों को सजा देने की प्रार्थना की गई. अब 15 अप्रैल को कोर्ट ने ईडी की इस एसपीसी पर संज्ञान लिया है. इसी मामले को लेकर ईडी पेपर लीक के मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा, अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण के खिलाफ भी चार्जशीट पेश कर चुकी है. सुरेश साव पेपर लीक गिरोह के फरार सरगना सुरेश ढाका का बहनोई है. जबकि विजय डामोर आरपीएससी के पूर्व सदस्य और पेपर लीक करने वाले बाबूलाल कटारा का भांजा है.

इसे भी पढ़ें - शिक्षक भर्ती पेपर लीक : सुरेश ढाका के जीजा और बाबूलाल कटारा के भांजे सहित 5 के खिलाफ ईडी ने पेश की चार्जशीट

ईडी ने संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था केस : दिसंबर 2022 में शिक्षक भर्ती परीक्षा से ठीक पहले चलती बस में पेपर हल करवाने का उदयपुर पुलिस ने खुलासा किया था. इसके बाद पेपर लीक में बड़े पैमाने पर अवैध रूप डे धन के लेन-देन की बात सामने आने पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में ईडी बाबूलाल कटारा, शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण सहित अन्य आरोपियों से पूछताछ भी कर चुकी है.

सुरेश साव और विजय डामोर की अहम भूमिका : आरपीएससी सदस्य रहते बाबूलाल कटारा ने लाखों रुपए लेकर शेरसिंह मीणा को शिक्षक भर्ती का पेपर दिया था. इसमें विजय डामोर ने कटारा की मदद की. जबकि सुरेश साव और अरुण शर्मा ने अपने नेटवर्क के जरिए पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था. इसके अलावा जिस चलती बस में अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाया जा रहा था. वह बस पीराराम ने मुहैया करवाई थी. जबकि पुखराज ने अभ्यर्थियों के लिए रहने और खाने-पीने का इंतजाम करवाया था.

मुख्य आरोपियों की प्रॉपर्टी पर भी ईडी का कब्जा : शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के आरोपियों बाबूलाल कटारा, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और शेरसिंह मीणा के साथ ही इनके परिजनों और सहयोगियों की संपत्ति को भी ईडी ने जब्त किया है. इन सभी आरोपियों की जब्त संपत्ति की कीमत तीन करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है. अब ईडी इन सभी आरोपियों की संपत्ति को अपने कब्जे में लेकर वहां अपने बोर्ड लगा रही है.

जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में धनशोधन कानून के तहत जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पूरक अभियोजन शिकायत पेश की है. ईडी ने इन पांच आरोपियों के खिलाफ इस साल फरवरी में पूरक अभियोजन शिकायत (एसपीसी) दायर की थी. इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से प्रेस बयान जारी कर बताया गया कि ईडी (जयपुर) ने पीएमएलए मामलों के विशेष कोर्ट के समक्ष शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के पांच आरोपियों पुखराज, पीरा राम, सुरेश कुमार उर्फ ​​सुरेश साव, विजय डामोर और अरुण शर्मा के खिलाफ पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत एक पूरक अभियोजन शिकायत (एसपीसी) दायर की है.

इस साल 28 फरवरी को एजेंसी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने के लिए आरोपियों को सजा देने की प्रार्थना की गई. अब 15 अप्रैल को कोर्ट ने ईडी की इस एसपीसी पर संज्ञान लिया है. इसी मामले को लेकर ईडी पेपर लीक के मुख्य आरोपी बाबूलाल कटारा, अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण के खिलाफ भी चार्जशीट पेश कर चुकी है. सुरेश साव पेपर लीक गिरोह के फरार सरगना सुरेश ढाका का बहनोई है. जबकि विजय डामोर आरपीएससी के पूर्व सदस्य और पेपर लीक करने वाले बाबूलाल कटारा का भांजा है.

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ईडी ने संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था केस : दिसंबर 2022 में शिक्षक भर्ती परीक्षा से ठीक पहले चलती बस में पेपर हल करवाने का उदयपुर पुलिस ने खुलासा किया था. इसके बाद पेपर लीक में बड़े पैमाने पर अवैध रूप डे धन के लेन-देन की बात सामने आने पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में ईडी बाबूलाल कटारा, शेरसिंह मीणा और भूपेंद्र सारण सहित अन्य आरोपियों से पूछताछ भी कर चुकी है.

सुरेश साव और विजय डामोर की अहम भूमिका : आरपीएससी सदस्य रहते बाबूलाल कटारा ने लाखों रुपए लेकर शेरसिंह मीणा को शिक्षक भर्ती का पेपर दिया था. इसमें विजय डामोर ने कटारा की मदद की. जबकि सुरेश साव और अरुण शर्मा ने अपने नेटवर्क के जरिए पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था. इसके अलावा जिस चलती बस में अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाया जा रहा था. वह बस पीराराम ने मुहैया करवाई थी. जबकि पुखराज ने अभ्यर्थियों के लिए रहने और खाने-पीने का इंतजाम करवाया था.

मुख्य आरोपियों की प्रॉपर्टी पर भी ईडी का कब्जा : शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के आरोपियों बाबूलाल कटारा, सुरेश ढाका, भूपेंद्र सारण और शेरसिंह मीणा के साथ ही इनके परिजनों और सहयोगियों की संपत्ति को भी ईडी ने जब्त किया है. इन सभी आरोपियों की जब्त संपत्ति की कीमत तीन करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है. अब ईडी इन सभी आरोपियों की संपत्ति को अपने कब्जे में लेकर वहां अपने बोर्ड लगा रही है.

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