नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने डॉक्टर सुसाइड मामले पर फैसला टाल दिया. मंगलवार को स्पेशल जज एमके नागपाल के उपलब्ध नहीं होने की वजह से फैसला टला है. कोर्ट ने 26 फरवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया. इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल भी आरोपी हैं. कोर्ट में आरोपियों प्रकाश जारवाल, कपिल नागर और हरीश कुमार जारवाल उपस्थित थे. कोर्ट ने 8 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से मनीष रावल, आरोपी प्रकाश जारवाल की ओर से वकील एसपी कौशल, आरोपियों कपिल नागर और हरीश कुमार की ओर से वकील रवि द्राल ने दलीलें रखी थीं. 25 अगस्त 2023 को दोनों पक्षों की ओर से गवाहों के बयान पूरे हो गए थे. 11 नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किया था.
कोर्ट ने प्रकाश जारवाल और कपिल नागर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 386, 384, 506 और 120बी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. साथ ही आरोपी हरीश जारवाल को धारा 306 और 386 के आरोपों से मुक्त कर दिया. जबकि, धारा 506 का आरोप तय करने का आदेश दिया था. 28 अगस्त 2021 को दिल्ली पुलिस ने प्रकाश जारवाल समेत तीन आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.
इस मामले में प्रकाश जारवाल को मुख्य आरोपी बनाया गया है. तीनों आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. 18 अप्रैल 2020 को डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. डॉक्टर ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी की थी. पुलिस ने डॉक्टर के यहां दो पेज का एक सुसाइड नोट बरामद किया था. सुसाइड नोट में प्रकाश जारवाल और कपिल नागर को जिम्मेदार ठहराया था. पुलिस ने एक डायरी भी बरामद की है, जिसमें डॉक्टर के कुछ पानी के टैंकर जल बोर्ड में चलने की बात कही गई है. डायरी में उन टैंकर्स के लिए प्रकाश जारवाल पर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया है.