कुल्लू: हिमाचल प्रदेश को कुदरत ने बड़ी ही खूबसूरती से नवाजा है. वहीं, हिमाचल की प्राकृतिक सौंदर्य में रोहतांग दर्रा चार चांद लगाता है. हर साल लाखों सैलानी रोहतांग दर्रे का दीदार करने हिमाचल आते हैं. वहीं, अब आने वाले दिनों में पर्यटक रोपवे के जरिए रोहतांग दर्रे का दीदार कर पाएंगे. पलचान में ₹430 करोड़ की लागत से बनने वाले रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया गया है. जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है. ऐसे में रोहतांग दर्रा आने वाले सैलानियों को काफी सहूलियत होगी.
कुल्लू जिला की पर्यटन नगरी मनाली में रोहतांग दर्रा जहां साल के 12 महीने सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. वहीं, एनजीटी की से मिले निर्देशों के अनुसार यहां पर प्रतिदिन 1200 वाहनों को भेजने की अनुमति दी गई है. लेकिन अब जल्द ही सैलानी रोपवे के माध्यम से रोहतांग दर्रा का दीदार कर पाएंगे. यहां पर रोहतांग दर्रे में रोपवे का निर्माण कार्य पलचान से शुरू कर दिया गया और साल 2027 तक इस पूरे प्रोजेक्ट को भी पूरा किया जाएगा.
इस रोपवे निर्माण पर ₹430 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. पीपीपी मोड के तहत तीन चरणों में रोपवे बनाया जाएगा और यह रोपवे देश का सबसे ऊंची जगह पर बनने वाला पहला लंबा रोपवे होगा. रोपवे कोठी से रोहतांग दर्रा तक बनेगा और इसकी लंबाई 8 किलोमीटर से अधिक होगी. इसके बनने से सैलानी 20 मिनट में रोहतांग पहुंचकर यहां की वादियों का दीदार कर सकेंगे. जबकि सड़क के माध्यम से उन्हें मनाली से रोहतांग दर्रा के लिए 51 किलोमीटर की दूरी पर करनी पड़ती है. ऐसे में अब रोहतांग रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और इसके बनने से सैलानी कुछ मिनट में ही रोहतांग दर्रा पहुंच सकेंगे. वही इस रोपवे के बनने से रोहतांग और मढ़ी में हेलीपैड भी बनाए जाएंगे. ताकि सैलानियों को हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिल सके.
गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा पर्यटन सीजन के दौरान सैलानियों की पहली पसंद बना रहता है. लेकिन यहां आने वाले सैलानियों को कई घंटे ट्रैफिक जाम की दिक्कतों से भी जूझना पड़ता है. वहीं, एनजीटी द्वारा रोजाना 1200 वाहनों के परमिट जारी किए जाते हैं. ऐसे में सैलानियों को परमिट हासिल करने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब इस रोहतांग रोपवे के निर्माण से सैलानी कुछ मिनट में ही रोहतांग दर्रा पहुंच सकेंगे.
जिला कुल्लू पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने कहा, "पीपीपी मोड पर इस रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया और इसके निर्माण पर ₹430 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. ऐसे में साल 2017 तक इस रोपवे का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा".
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