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एसिड अटैक की आरोपी महिला को रोहिणी कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार - ROHINI COURT ACID ATTACK case

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने एसिड अटैक की आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि आरोपी के पूर्व के व्यवहार और पीड़िता को मिले जख्मों को ध्यान में रखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है.

रोहिणी कोर्ट
रोहिणी कोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 13, 2024, 8:39 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने एसिड अटैक की एक आरोपी महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी. एडिशनल सेशंस जज धीरेंद्र राणा ने कहा कि पीड़िता को कई जख्म मिले हैं. उसकी एक आंख चली गई है. इस घटना की वजह से पीड़िता को बोलने में भी परेशानी होती है. आरोपी महिला पीड़िता की ननद है. कोर्ट इस मामले में उसे छह साल पहले फरार घोषित कर चुकी थी.

दरअसल, घटना शाहाबाद डेयरी क्षेत्र में 17 जून 2018 को हुई थी. घटना के दिन सुबह 9 बजे जब पीड़िता अपने घर पर थी तो उसकी सास, ननद और पति समेत दूसरे लोग मिलकर उसका गला घोटने लगे. उसके पति ने एसिड की तरह कोई अम्लीय पदार्थ पीड़िता के मुंह में डाल दिया. घटना के बाद पीड़िता ने अपने भाई और पुलिस को फोन किया. उसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद एफआईआर दर्ज की गई.

पीड़िता का कोर्ट में 27 जून 2018 को बयान दर्ज किया गया था, जिसमें उसने अपनी ननद की भूमिका के बारे में बताया था. कोर्ट ने आरोपी ननद को 2018 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. भगोड़ा घोषित होने के छह साल बाद आरोपी ननद 21 फरवरी को गिरफ्तार की गई थी.

सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिजनों की ओर से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो वो ट्रायल में उपस्थित नहीं होगी. इस मामले के सह आरोपी भी फरार हैं. कोर्ट ने पाया कि आरोपी के पूर्व के व्यवहार और पीड़िता को मिले जख्मों को ध्यान में रखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने एसिड अटैक की एक आरोपी महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी. एडिशनल सेशंस जज धीरेंद्र राणा ने कहा कि पीड़िता को कई जख्म मिले हैं. उसकी एक आंख चली गई है. इस घटना की वजह से पीड़िता को बोलने में भी परेशानी होती है. आरोपी महिला पीड़िता की ननद है. कोर्ट इस मामले में उसे छह साल पहले फरार घोषित कर चुकी थी.

दरअसल, घटना शाहाबाद डेयरी क्षेत्र में 17 जून 2018 को हुई थी. घटना के दिन सुबह 9 बजे जब पीड़िता अपने घर पर थी तो उसकी सास, ननद और पति समेत दूसरे लोग मिलकर उसका गला घोटने लगे. उसके पति ने एसिड की तरह कोई अम्लीय पदार्थ पीड़िता के मुंह में डाल दिया. घटना के बाद पीड़िता ने अपने भाई और पुलिस को फोन किया. उसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद एफआईआर दर्ज की गई.

पीड़िता का कोर्ट में 27 जून 2018 को बयान दर्ज किया गया था, जिसमें उसने अपनी ननद की भूमिका के बारे में बताया था. कोर्ट ने आरोपी ननद को 2018 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. भगोड़ा घोषित होने के छह साल बाद आरोपी ननद 21 फरवरी को गिरफ्तार की गई थी.

सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिजनों की ओर से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो वो ट्रायल में उपस्थित नहीं होगी. इस मामले के सह आरोपी भी फरार हैं. कोर्ट ने पाया कि आरोपी के पूर्व के व्यवहार और पीड़िता को मिले जख्मों को ध्यान में रखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है.

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