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लालू के 'राजनीतिक परिवार' में छठे सदस्य के रूप में एंट्री, कैसा रहा रोहिणी के लिए साल 2024? - YEAR ENDER 2024

2024 में रोहिणी आचार्य ने राजनीति में कदम रखा, सारण लोकसभा सीट से राजद के उम्मीदवार बनीं, लेकिन.. पढ़ें पूरी खबर.

Rohini Acharya
चुनावी राजनीति में रोहिणी आचार्य की एंट्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 31, 2024, 7:19 AM IST

पटना: साल 2024 में बिहार की राजनीति में एक नया चेहरा सामने आया, जो लालू प्रसाद यादव के परिवार से जुड़ा हुआ था. लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और इसके साथ ही वह लालू परिवार के छठे सदस्य के रूप में राजनीति में शामिल हो गईं. इसने बिहार की राजनीति में नया मोड़ लिया, खासकर राजद (राजद पार्टी) के भीतर.

रोहिणी आचार्य की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत : रोहिणी आचार्य का जन्म 5 जनवरी 1980 को बिहार के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में हुआ था. उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसके अलावा, लालू के बड़े बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, और बड़ी बेटी मीसा भारती पहले से ही सक्रिय राजनीति में थे. मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य रही हैं, जबकि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं.

Rohini Acharya
रोहिणी आचार्य ने 2024 में राजनीति में कदम रखा (ETV Bharat GFX)

सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरना : 2024 के लोकसभा चुनाव में, राजद ने रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. यह सीट लालू यादव के परिवार के लिए एक परंपरागत सीट मानी जाती रही है, जहां लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी. हालांकि, इस चुनाव में रोहिणी आचार्य को भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा. राजीव प्रताप रूडी ने सारण सीट से चार बार जीत दर्ज की है, और इस बार भी उन्होंने रोहिणी को लगभग 13,661 वोटों से हराया.

रोहिणी आचार्य की पहचान और राजनीति में कदम : रोहिणी आचार्य की शिक्षा चिकित्सा क्षेत्र में थी, और उन्होंने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने अपनी ज़िंदगी के अधिकांश साल अमेरिका और सिंगापुर में बिताए, जहां उनके पति शमशेर सिंह एक निवेश बैंक में कार्यरत थे. हालांकि, उन्होंने हमेशा सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार सरकार और केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए थे, और इसी कारण उनकी सक्रिय राजनीति में एंट्री की संभावना बढ़ गई थी.

Rohini Acharya
ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

लालू परिवार का राजनीति में वर्चस्व : लालू यादव के परिवार का बिहार की राजनीति में गहरा प्रभाव है. राबड़ी देवी ने बिहार की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, और उनके बच्चों ने भी राजनीति में अहम भूमिका निभाई. 2024 में रोहिणी आचार्य के राजनीति में आने से यह परिवार और मजबूत हो गया है. हालांकि, उनके राजनीतिक कद को लेकर कुछ जानकारों का मानना है कि रोहिणी को अपने परिवार की छवि और उनके राजनीति के आचरण के आधार पर ही अपनी पहचान बनानी होगी.

''मैं मानता हूं कि रोहिणी आचार्य की सफलता उनके परिवार की छवि और उनके खुद के आचरण पर निर्भर करेगी. रोहिणी आचार्य का राजनीतिक प्रभाव सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता और चुनाव में भाग लेने के बाद उनकी बढ़ती पहचान से जुड़ेगा.''- कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

रोहिणी आचार्य की राजनीति में संभावनाएं : कई वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रोहिणी आचार्य के लिए यह चुनावी अनुभव एक सीख है. उनके लिए अगले राजनीतिक दौर में यह देखना होगा कि वह किस तरह से बिहार की जटिल राजनीतिक और जातिवादी समीकरणों से जूझती हैं. उनकी राजनीति को लेकर सवाल यह उठते हैं कि क्या वह अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा पाएंगी, और क्या उनका व्यक्तित्व और सक्रियता उन्हें राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिला पाएंगे.

रोहिणी के राजनीति में आने का संकेत : साल 2024 में रोहिणी आचार्य का राजनीति में कदम रखना लालू यादव के परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी. हालांकि, उन्हें इस चुनावी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका राजनीति में आना और राजद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा होना इस बात का संकेत है कि भविष्य में वह और भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.

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रोहिणी आचार्य की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत : रोहिणी आचार्य का जन्म 5 जनवरी 1980 को बिहार के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार में हुआ था. उनके पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसके अलावा, लालू के बड़े बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, और बड़ी बेटी मीसा भारती पहले से ही सक्रिय राजनीति में थे. मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य रही हैं, जबकि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं.

Rohini Acharya
रोहिणी आचार्य ने 2024 में राजनीति में कदम रखा (ETV Bharat GFX)

सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरना : 2024 के लोकसभा चुनाव में, राजद ने रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. यह सीट लालू यादव के परिवार के लिए एक परंपरागत सीट मानी जाती रही है, जहां लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी. हालांकि, इस चुनाव में रोहिणी आचार्य को भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा. राजीव प्रताप रूडी ने सारण सीट से चार बार जीत दर्ज की है, और इस बार भी उन्होंने रोहिणी को लगभग 13,661 वोटों से हराया.

रोहिणी आचार्य की पहचान और राजनीति में कदम : रोहिणी आचार्य की शिक्षा चिकित्सा क्षेत्र में थी, और उन्होंने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने अपनी ज़िंदगी के अधिकांश साल अमेरिका और सिंगापुर में बिताए, जहां उनके पति शमशेर सिंह एक निवेश बैंक में कार्यरत थे. हालांकि, उन्होंने हमेशा सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार सरकार और केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए थे, और इसी कारण उनकी सक्रिय राजनीति में एंट्री की संभावना बढ़ गई थी.

Rohini Acharya
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लालू परिवार का राजनीति में वर्चस्व : लालू यादव के परिवार का बिहार की राजनीति में गहरा प्रभाव है. राबड़ी देवी ने बिहार की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, और उनके बच्चों ने भी राजनीति में अहम भूमिका निभाई. 2024 में रोहिणी आचार्य के राजनीति में आने से यह परिवार और मजबूत हो गया है. हालांकि, उनके राजनीतिक कद को लेकर कुछ जानकारों का मानना है कि रोहिणी को अपने परिवार की छवि और उनके राजनीति के आचरण के आधार पर ही अपनी पहचान बनानी होगी.

''मैं मानता हूं कि रोहिणी आचार्य की सफलता उनके परिवार की छवि और उनके खुद के आचरण पर निर्भर करेगी. रोहिणी आचार्य का राजनीतिक प्रभाव सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता और चुनाव में भाग लेने के बाद उनकी बढ़ती पहचान से जुड़ेगा.''- कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

रोहिणी आचार्य की राजनीति में संभावनाएं : कई वरिष्ठ पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रोहिणी आचार्य के लिए यह चुनावी अनुभव एक सीख है. उनके लिए अगले राजनीतिक दौर में यह देखना होगा कि वह किस तरह से बिहार की जटिल राजनीतिक और जातिवादी समीकरणों से जूझती हैं. उनकी राजनीति को लेकर सवाल यह उठते हैं कि क्या वह अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा पाएंगी, और क्या उनका व्यक्तित्व और सक्रियता उन्हें राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिला पाएंगे.

रोहिणी के राजनीति में आने का संकेत : साल 2024 में रोहिणी आचार्य का राजनीति में कदम रखना लालू यादव के परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी. हालांकि, उन्हें इस चुनावी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका राजनीति में आना और राजद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा होना इस बात का संकेत है कि भविष्य में वह और भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.

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