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यूपी में वाहन मालिकों की जेब पर पड़ेगी चोट, जल्द लगेगा रोड सेफ्टी सेस और बढ़ेगा ग्रीन टैक्स, जानिए क्या है प्रस्ताव - TRANSPORT DEPARTMENT - TRANSPORT DEPARTMENT

वाहन मालिकों पर आने वाले समय में महंगाई का ज्यादा भार पड़ेगा. परिवहन विभाग (TRANSPORT DEPARTMENT) की तरफ से शासन में 15% ग्रीन टैक्स बढ़ाने के साथ ही पहली बार रोड सेफ्टी सेस (टैक्स) भी लगाने संबंधी प्रस्ताव भेज दिया गया है.

यूपी में वाहन मालिकों को वाहन रखना पड़ेगा महंगा
यूपी में वाहन मालिकों को वाहन रखना पड़ेगा महंगा (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 5:37 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 5:48 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वाहन मालिकों को वाहन रखना अब काफी महंगा पड़ने वाला है. परिवहन विभाग की तरफ से शासन में 15% ग्रीन टैक्स बढ़ाने के साथ ही पहली बार रोड सेफ्टी सेस (टैक्स) भी लगाने संबंधी प्रस्ताव भेज दिया गया है. जल्द ही इन दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगेगी. अभी तक पुराने वाहनों पर 10 फीसदी ग्रीन टैक्स लगता था जो बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा. इससे बड़ी संख्या में वाहन मालिक प्रभावित होंगे. इसके अलावा पहली बार कई राज्यों की तरह परिवहन विभाग रोड सेफ्टी सेस भी लगाने की तैयारी कर चुका है. इस पर भी शासन जल्द मुहर लगाएगा. छोटे वाहनों पर एक फीसद तो बड़े वाहनों पर दो फीसदी रोड सेफ्टी सेस वसूलने की तैयारी है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्र भूषण सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजे गए हैं, शासन जल्द ही इस पर फैसला लेगा.

वाहन मालिकों पर आने वाले समय में महंगाई का ज्यादा भार पड़ेगा. उन्हें अपने वाहन के लिए पहले से कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. वाहन स्वामियों को पुन: पंजीयन पर पहले की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा ग्रीन टैक्स जमा करना पड़ेगा तो पहली बार उन्हें रोड सेफ्टी सेस भी चुकाना होगा. यह अतिरिक्त भार वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग डालने की तैयारी कर चुका है. विभाग की तरफ से शासन को जो प्रस्ताव भेजे गए हैं उन पर मुहर लगना लगभग तय है. ऐसा होगा तो फिर दो तरह के अतिरिक्त टैक्स वाहन मालिकों को मजबूरन चुकाने ही होंगे. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर विभाग की तरफ से कार्रवाई होगी. रोड सेफ्टी सेस वसूलने के पीछे परिवहन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि वाहनों के बढ़ते दबाव से रोड टूट जाती हैं. रोड सेफ्टी से जो अभी राजस्व वसूला जाएगा उससे टूटी हुई सड़कों को मेंटेन कराया जाता रहेगा, जिससे वाहन मालिकों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी.

ऐसे किया जाएगा रोड सेफ्टी सेस का आकलन : परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, रोड सेफ्टी सेस का आकलन वाहन की कीमत के आधार पर होगा. छोटे वाहनों पर एक फीसदी तो भारी वाहनों पर दो फीसदी टैक्स वसूलने की योजना है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कार की कीमत 15 लाख रुपए है तो रोड सेफ्टी सेस के रूप में 15000 रुपए चुकाने पड़ेंगे. किसी भारी वाहन की कीमत 40 लाख है तो एक फीसदी की वसूली पर 40 हजार रुपए और दो फीसदी की वसूली पर 80 हजार रुपए चुकाने होंगे.

15 फीसद ज्यादा चुकाना होगा ग्रीन टैक्स : ऐसे वाहन मालिक जिनके पास पुराना वाहन है और आयु पूरी होने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जेब अब और भी ज्यादा हल्की करनी पड़ सकती है. वजह है कि अभी तक जो ग्रीन टैक्स सिर्फ 10% वसूला जाता था अब उसे 25% तक वसूलने की तैयारी है. यानी सीधे तौर पर वाहन स्वामियों को 15% अतिरिक्त ग्रीन टैक्स चुकाना पड़ेगा. ग्रीन टैक्स तब वसूला जाता है जब वाहन की तय समय सीमा पूरी हो चुकी होती है और फिर रजिस्ट्रेशन होता है. उदाहरण के तौर पर किसी नए वाहन पर पंजीयन करते समय एक लाख हजार रुपए टैक्स बना है तो उसे अब तक ग्रीन टैक्स के रूप में 10 हजार रुपए चुकाने होते थे, लेकिन अब उसे 25 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा.


उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह का कहना है कि रोड सेफ्टी सेस और ग्रीन टैक्स में बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव परिवहन विभाग की तरफ से शासन को भेज दिए गए हैं. बहुत जल्द इन प्रस्तावों पर शासन विचार करके मुहर लगाएगा.


यह भी पढ़ें : परिवहन आयुक्त मुख्यालय से नहीं हुई सवा लाख ड्राइविंग लाइसेंस की डिलिवरी, अब 10 दिन में घर पहुंचाएं जाएंगे DL - Transport Commissioner Headquarters

यह भी पढ़ें : परिवहन आयुक्त ने 13 RTO, ARTO को जारी की विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि, खलबली - Transport Department

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वाहन मालिकों को वाहन रखना अब काफी महंगा पड़ने वाला है. परिवहन विभाग की तरफ से शासन में 15% ग्रीन टैक्स बढ़ाने के साथ ही पहली बार रोड सेफ्टी सेस (टैक्स) भी लगाने संबंधी प्रस्ताव भेज दिया गया है. जल्द ही इन दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगेगी. अभी तक पुराने वाहनों पर 10 फीसदी ग्रीन टैक्स लगता था जो बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा. इससे बड़ी संख्या में वाहन मालिक प्रभावित होंगे. इसके अलावा पहली बार कई राज्यों की तरह परिवहन विभाग रोड सेफ्टी सेस भी लगाने की तैयारी कर चुका है. इस पर भी शासन जल्द मुहर लगाएगा. छोटे वाहनों पर एक फीसद तो बड़े वाहनों पर दो फीसदी रोड सेफ्टी सेस वसूलने की तैयारी है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्र भूषण सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजे गए हैं, शासन जल्द ही इस पर फैसला लेगा.

वाहन मालिकों पर आने वाले समय में महंगाई का ज्यादा भार पड़ेगा. उन्हें अपने वाहन के लिए पहले से कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. वाहन स्वामियों को पुन: पंजीयन पर पहले की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा ग्रीन टैक्स जमा करना पड़ेगा तो पहली बार उन्हें रोड सेफ्टी सेस भी चुकाना होगा. यह अतिरिक्त भार वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग डालने की तैयारी कर चुका है. विभाग की तरफ से शासन को जो प्रस्ताव भेजे गए हैं उन पर मुहर लगना लगभग तय है. ऐसा होगा तो फिर दो तरह के अतिरिक्त टैक्स वाहन मालिकों को मजबूरन चुकाने ही होंगे. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर विभाग की तरफ से कार्रवाई होगी. रोड सेफ्टी सेस वसूलने के पीछे परिवहन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि वाहनों के बढ़ते दबाव से रोड टूट जाती हैं. रोड सेफ्टी से जो अभी राजस्व वसूला जाएगा उससे टूटी हुई सड़कों को मेंटेन कराया जाता रहेगा, जिससे वाहन मालिकों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी.

ऐसे किया जाएगा रोड सेफ्टी सेस का आकलन : परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, रोड सेफ्टी सेस का आकलन वाहन की कीमत के आधार पर होगा. छोटे वाहनों पर एक फीसदी तो भारी वाहनों पर दो फीसदी टैक्स वसूलने की योजना है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कार की कीमत 15 लाख रुपए है तो रोड सेफ्टी सेस के रूप में 15000 रुपए चुकाने पड़ेंगे. किसी भारी वाहन की कीमत 40 लाख है तो एक फीसदी की वसूली पर 40 हजार रुपए और दो फीसदी की वसूली पर 80 हजार रुपए चुकाने होंगे.

15 फीसद ज्यादा चुकाना होगा ग्रीन टैक्स : ऐसे वाहन मालिक जिनके पास पुराना वाहन है और आयु पूरी होने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जेब अब और भी ज्यादा हल्की करनी पड़ सकती है. वजह है कि अभी तक जो ग्रीन टैक्स सिर्फ 10% वसूला जाता था अब उसे 25% तक वसूलने की तैयारी है. यानी सीधे तौर पर वाहन स्वामियों को 15% अतिरिक्त ग्रीन टैक्स चुकाना पड़ेगा. ग्रीन टैक्स तब वसूला जाता है जब वाहन की तय समय सीमा पूरी हो चुकी होती है और फिर रजिस्ट्रेशन होता है. उदाहरण के तौर पर किसी नए वाहन पर पंजीयन करते समय एक लाख हजार रुपए टैक्स बना है तो उसे अब तक ग्रीन टैक्स के रूप में 10 हजार रुपए चुकाने होते थे, लेकिन अब उसे 25 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा.


उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह का कहना है कि रोड सेफ्टी सेस और ग्रीन टैक्स में बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव परिवहन विभाग की तरफ से शासन को भेज दिए गए हैं. बहुत जल्द इन प्रस्तावों पर शासन विचार करके मुहर लगाएगा.


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Last Updated : Jul 3, 2024, 5:48 PM IST
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