ETV Bharat / state

नागौर में भाजपा की ज्योति मिर्धा को चुनौती देंगे हनुमान बेनीवाल ! - Beniwal can contest from Nagaur

Hanuman Beniwal can contest elections from Nagaur seat, नागौर संसदीय सीट से भाजपा की ज्योति मिर्धा को आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल फिर से चुनौती दे सकते हैं. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि आरएलपी से गठबंधन के बाद कांग्रेस ने इस सीट को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को दे दिया है. साथ ही पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल ने भी इसी ओर इशारा किया है.

Hanuman Beniwal can contest elections from Nagaur seat
Hanuman Beniwal can contest elections from Nagaur seat
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 24, 2024, 8:26 PM IST

Updated : Mar 24, 2024, 8:35 PM IST

डीडवाना. नागौर संसदीय सीट से भाजपा ने ज्योति मिर्धा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं दूसरी ओर मिर्धा को यहां आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल चुनौती दे सकते हैं. भले ही अभी आधिकारिक तौर पर बेनीवाल के नाम की घोषणा न हुई हो, बावजूद इसके उनके यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि बेनीवाल इंडिया गठबंधन में शामिल हो चुके हैं और कांग्रेस ने इस सीट को आरएलपी को दे दिया है. यही वजह है कि सियासी हलकों में अब बेनीवाल के नाम की चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि, जब ईटीवी भारत ने आरएलपी के पूर्व विधायक व आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि नागौर सीट से उनके भाई हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल को ही करना है.

क्षेत्र के सियासी जानकार कैलाश राम की मानें तो आरएलपी से गठबंधन करके कांग्रेस ने भाजपा के लिए बड़ी चुनौती पेश की है. जाट बाहुल्य इलाकों में बेनीवाल का अच्छा प्रभाव माना जाता है. ऐसे में आरएलपी से गठबंधन करके कांग्रेस बड़ा दांव खेला है, क्योंकि इससे वोटों का बंटवारा रूकेगा और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को फायदा हो सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद चुने गए थे. हालांकि, उस दौरान बेनीवाल का भाजपा से गठबंधन था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते बेनीवाल और भाजपा के रास्ते अलग हो गए. वहीं, माना जा रहा है कि बेनीवाल ही नागौर से मिर्धा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

इसे भी पढ़ें - भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा बोलीं- हनुमान बेनीवाल से मुकाबले को हूं तैयार, खोटा सिक्का एक बार ही चलता है

वहीं, नागौर से भाजपा ने ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो 2019 में कांग्रेस के टिकट पर बेनीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. दरअसल, ज्योति मिर्धा 2023 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं, जिसके बाद वो भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ीं, लेकिन उन्हें वो चुनाव हार गई. ऐसे में अब ज्योति मिर्धा के लिए नागौर सीट की राह आसान नहीं है, क्योंकि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती हनुमान बेनीवाल हैं. पिछले दो चुनावों में हनुमान बेनीवाल की वजह से ही ज्योति मिर्धा पराजित हुई थीं.

2014 में जब ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं, उस समय बेनीवाल निर्दलीय मैदान में थे और उनकी वजह से मिर्धा चुनाव हार गई थीं और भाजपा प्रत्याशी छोटूराम चौधरी चुनाव जीते थे. उसके बाद 2019 में भाजपा ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन किया और बेनीवाल को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा गया, जिसमें उन्हें जीत भी मिली थी.

डीडवाना. नागौर संसदीय सीट से भाजपा ने ज्योति मिर्धा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं दूसरी ओर मिर्धा को यहां आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल चुनौती दे सकते हैं. भले ही अभी आधिकारिक तौर पर बेनीवाल के नाम की घोषणा न हुई हो, बावजूद इसके उनके यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि बेनीवाल इंडिया गठबंधन में शामिल हो चुके हैं और कांग्रेस ने इस सीट को आरएलपी को दे दिया है. यही वजह है कि सियासी हलकों में अब बेनीवाल के नाम की चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि, जब ईटीवी भारत ने आरएलपी के पूर्व विधायक व आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि नागौर सीट से उनके भाई हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल को ही करना है.

क्षेत्र के सियासी जानकार कैलाश राम की मानें तो आरएलपी से गठबंधन करके कांग्रेस ने भाजपा के लिए बड़ी चुनौती पेश की है. जाट बाहुल्य इलाकों में बेनीवाल का अच्छा प्रभाव माना जाता है. ऐसे में आरएलपी से गठबंधन करके कांग्रेस बड़ा दांव खेला है, क्योंकि इससे वोटों का बंटवारा रूकेगा और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को फायदा हो सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद चुने गए थे. हालांकि, उस दौरान बेनीवाल का भाजपा से गठबंधन था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते बेनीवाल और भाजपा के रास्ते अलग हो गए. वहीं, माना जा रहा है कि बेनीवाल ही नागौर से मिर्धा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

इसे भी पढ़ें - भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा बोलीं- हनुमान बेनीवाल से मुकाबले को हूं तैयार, खोटा सिक्का एक बार ही चलता है

वहीं, नागौर से भाजपा ने ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो 2019 में कांग्रेस के टिकट पर बेनीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. दरअसल, ज्योति मिर्धा 2023 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं, जिसके बाद वो भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ीं, लेकिन उन्हें वो चुनाव हार गई. ऐसे में अब ज्योति मिर्धा के लिए नागौर सीट की राह आसान नहीं है, क्योंकि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती हनुमान बेनीवाल हैं. पिछले दो चुनावों में हनुमान बेनीवाल की वजह से ही ज्योति मिर्धा पराजित हुई थीं.

2014 में जब ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं, उस समय बेनीवाल निर्दलीय मैदान में थे और उनकी वजह से मिर्धा चुनाव हार गई थीं और भाजपा प्रत्याशी छोटूराम चौधरी चुनाव जीते थे. उसके बाद 2019 में भाजपा ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन किया और बेनीवाल को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा गया, जिसमें उन्हें जीत भी मिली थी.

Last Updated : Mar 24, 2024, 8:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.