पटना: एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो कोटे के अंदर कोटे की बात कही गई थी, इसका विरोध शुरू से ही जारी है. कई दल और संगठनों ने इसका विरोध किया था. अब बुधवार को लेकर एससी एसटी समाज से जुड़े कई संगठन भारत बंद का आह्वान किया है. राष्ट्रीय जनता दल भी इस भारत बंद को सफल बनाने के लिए समर्थन करेगी.
भारत बंद को आरजेडी का समर्थन: राजद प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी मौजूद रहे. इस दौरान राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में जो एससी-एसटी आरक्षण का प्रावधान किया था, वह कोई आर्थिक आधार को लेकर नहीं दिया गया था.समाज में जो छुआछूत है उसको लेकर किया गया था, यह बात सभी को समझना चाहिए था.
"सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण को लेकर कोटे के अंदर कोटा की जो बात कही है, निश्चित तौर पर इसका विरोध हम लोग शुरू से कर रहे हैं और कल आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का आह्वान किया गया है. राष्ट्रीय जनता दल भी इस भारत बंद का पूर्ण रूप से समर्थन करेगी. जब तक यह बात स्पष्ट नहीं कर दिया जाए कि एससी एसटी का जो आरक्षण है वह भेदभाव और छुआछूत को लेकर दिया गया है तब तक हम लोग इस बात का विरोध करते रहेंगे."- उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजद
'क्रीमी लेयर नहीं होना चाहिए'- उदय नारायण चौधरी: उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए और यह लोगों को समझना चाहिए कि बाबा साहब अंबेडकर ने क्या सोचकर एससी-एसटी समाज को आरक्षण दिया था. अभी भी समाज का वही हाल है. इसीलिए इस आरक्षण को लेकर जो कोटे के अंदर कोटे की बात करते हैं, उसका हम लोग पुरजोर विरोध करते हैं. एससी एसटी के विभिन्न संगठन ने जो भारत बंद का आह्वान किया है हम लोग उसका समर्थन करेंगे. कुल मिलाकर देखें तो एससी एसटी आरक्षण के मसले पर जो भारत बंद का आह्वान विभिन्न संगठनों ने उसका समर्थन किया है. कल भारत बंद के समर्थन को लेकर राजद के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरेंगे.
क्यों हो रहा विरोध: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एर समान वर्ग नहीं है. कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती है. इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी एसटी आरक्षण का वर्गीकरण कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है.
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